सीजी डेस्क। छत्तीसगढ़ में अब रेस्टॉरेंट और ढाबों को भी बार लाइसेंस मिलने का रास्ता साफ हो गया है। आबकारी विभाग ने 10 कमरों की अनिवार्यता को खत्म करते हुए इस नई नीति को मंजूरी दे दी है। अब बार लाइसेंस प्राप्त करने के लिए रेस्टॉरेंट या ढाबों में कम से कम 10 कमरे होना अनिवार्य नहीं रहेगा। यह कदम मुख्य रूप से मदिरा प्रेमियों को सुविधा देने की दिशा में उठाया गया है। हालांकि, इससे आबकारी विभाग के 11 हजार करोड़ रुपये के राजस्व में कोई बड़ा इजाफा होने की संभावना नहीं है।
लाइसेंस फीस और नियम:
आबकारी विभाग के नए नियमों के तहत, 3- और 4-स्टार रेस्टॉरेंट के साथ-साथ ढाबों को भी बार लाइसेंस दिया जा सकेगा। लाइसेंस शुल्क क्षेत्र की आबादी के हिसाब से तय किया गया है:
1 लाख तक की आबादी वाले क्षेत्र में: 18 लाख रुपये
3 लाख तक की आबादी वाले क्षेत्र में: 24 लाख रुपये
3 लाख से अधिक की आबादी वाले क्षेत्र में: 31 लाख रुपये
विवादों के बीच सरकार का कदम:
राज्य में शराबबंदी को लेकर लंबे समय से पक्ष और विपक्ष के बीच बहस चल रही है। बावजूद इसके, मदिरा प्रेमियों और रेस्टॉरेंट व्यवसायियों को सुविधा देने के उद्देश्य से सरकार ने खुले मन से यह निर्णय लिया है। आबकारी विभाग का मानना है कि बड़े रेस्टॉरेंट और ढाबों में शराब परोसने से लोगों को काउंटर के साथ अतिरिक्त सुविधा मिल सकेगी।
जल्द होगा क्रियान्वयन:
सूत्रों के अनुसार, आबकारी विभाग ने इस नीति को जल्द लागू करने की दिशा में पूरी तैयारी कर ली है। जल्द ही इसे राज्य भर में लागू कर दिया जाएगा, जिससे रेस्टॉरेंट और ढाबों में बार का संचालन संभव हो सकेगा।