सिटी डेस्क। बिहार राज्य के सहकारिता, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. प्रेम कुमार गरियाबंद जिले के एक दिवसीय प्रवास पर रहे। उन्होंने गरियाबंद वनमण्डल अंतर्गत ग्राम केशोडार में स्थापित पीव्हीटीजी वनधन केन्द्र केशोडार का निरीक्षण किया। उन्होंने केशोडार में स्थापित वनौषधि प्रसंस्करण केन्द्र का अवलोकन किया। यहां पर 21 औषधियों का निर्माण किया जाता है। मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने स्वयं वनौषधि निर्माण करते हुए देखा एवं समूह के सदस्यों के साथ बैठक किया। इस दौरान उन्होंने समूह के सदस्यों से गतिविधियों के बारे में जानकारी ली। समूह के सदस्यो के द्वारा अवगत कराया गया कि उनके स्वयं के ग्राम में वनौषधि प्रसंस्करण केन्द्र स्थापित होने से समूह को रोजगार की तलाश में कहीं जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। समूह के सदस्यो को सालभर प्रसंस्करण केन्द्र में रोजगार प्राप्त होते रहता है। समूह के द्वारा माह अगस्त 2024 में आयुष विभाग द्वारा आदेशित सतावरी चूर्ण निर्माण कर आयुष विभाग को 50 लाख रूपये की औषधि विक्रय किया गया है।
समूह के द्वारा किए जा रहे वनोषधी प्रसंस्करण अंतर्गत हो रहे लाभ से मंत्री काफी खुश हुए। उन्होंने कहा कि बिहार में भी स्थानीय महिला स्व-सहातया समूह, स्थानीय ग्रामीणो हेतु योजना तैयार कर बिहार में उपलब्ध वन संसाधनो का सही उपयोग किया जायेगा।
इस अवसर पर वनमंडलाधिकारी लक्ष्मण सिंह ने अवगत कराया कि वनमंत्री छग शासन के दिए निर्देशो के पालन करते हुए बिहार से आए मंत्री प्रेम कुमार को वनौषधी प्रसंस्करण केन्द्र के अतिरिक्त वनमण्डल के अन्य गतिविधियों से अवगत कराया गया। उक्त भ्रमण कार्यक्रम में बिहार सरकार से आए अधिकारी, कार्यकारी संचालक छ.ग. राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित रायपुर मणीवासगन, उप प्रबंध संचालक जिला युनियन अतुल श्रीवास्तव, वन परिक्षेत्र अधिकारी, फिंगेश्वर, छुरा, नवागढ़ एवं धवलपुर एवं वनौषधि प्रसंस्करण केन्द्र के महिला स्व-सहायता समूह के अध्यक्ष, सदस्य एवं वन अमला उपस्थित रहें।