सीजी डेस्क। पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से संबंद्ध डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय, रायपुर में अंतरराष्ट्रीय संक्रमण रोकथाम सप्ताह (आईआईपीडब्ल्यू/इंटरनेशनल इन्फेक्शन प्रिवेंशन वीक) का आयोजन शुक्रवार को अस्पताल के टेलीमेडिसिन हाल में किया गया। यह कार्यक्रम अम्बेडकर अस्पताल के इन्फेक्शन कंट्रोल विभाग के डॉक्टरों एवं नर्सिंग टीम के नेतृत्व में आयोजित किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य अस्पताल में संक्रमण की रोकथाम एवं इसको फैलने से रोकने के उपायों के बारे में लोगों को जागरूक और शिक्षित करना है। इन्फेक्शन कंट्रोल वीक के इस वर्ष की थीम ‘‘मूविंग द नीडिल ऑन इन्फेक्शन प्रिवेंशन’’ थी जिसका अर्थ ‘‘संक्रमण की श्रृंखला को तोड़कर संक्रमण की रोकथाम पर ध्यान केंद्रित करना” है।
कार्यक्रम में अस्पताल के समस्त नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टॉफ ने अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई। इस दौरान विभिन्न प्रकार की गतिविधियां जैसे रंगोली, पोस्टर मेकिंग और स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अस्पताल के विभिन्न आईसीयू, वार्ड और ओपीडी में स्वच्छता बनाए रखने एवं संक्रमण प्रसार को रोकने की दिशा में बेहतर कार्य करने वाले नर्सिंग इंचार्ज एवं उनकी टीम को सम्मानित किया गया। नीडल स्टिक इंजरी हो जाने पर उसके त्वरित प्रबंधन पर आधारित पोस्टर का विमोचन भी इस मौके पर किया गया।
अम्बेडकर अस्पताल में मेडिसिन विभाग के डॉ. आर. एल. खरे ने कार्यक्रम में पावर प्वाइंट प्रस्तुति के माध्यम से बताया कि अस्पताल में संक्रमण के प्रसार को रोकने की जिम्मेदारी हम सबकी है, हम सबको लगातार इस दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। सबकी साझेदारी एवं सामूहिक जिम्मेदारी से ही हम संक्रमण की रोकथाम कर सकते हैं। हैंड हाइजीन, एंटीमाइक्रोबियल स्टीवर्डशिप, वैक्सीनेशन, वातावरणीय स्वच्छता, पीपीई किट, नीति और नेतृत्व की प्रतिबद्धता और नये नवाचारों तथा उन्नत प्रौद्योगिकी के जरिए अस्पताल में संक्रमण के प्रसार को रोका जा सकता है। उन्होंने बताया कि कैथेटर एसोसिएटेड यूटीआई, सेंट्रल लाइन एसोसिएटेड ब्लड स्ट्रीम इन्फेक्शन, वेंटिलेटर एसोसिएटेड न्यूमोनिया और सर्जिकल साइट इन्फेक्शन का डॉक्यूमेंटेशन कर मरीजों को अस्पताल अर्जित संक्रमण से बचाया जा सकता है।
सहायक नर्सिंग अधीक्षक डॉ. नंदा रंगारी ने बताया कि इन्फेक्शन प्रिवेंशन की छोटी-छोटी आदतों के जरिए हम इन्फेक्शन को कंट्रोल कर सकते हैं। सतत निगरानी, स्पष्ट संक्रमण नियंत्रण नीतियां और उन्नत स्टरलाइजेशन तकनीकियों को अपनाकर मरीजों को स्वास्थ्य देखभाल से जुड़े संक्रमणों और कई अन्य संक्रामक खतरों से बचा सकते हैं।
वर्तमान में अम्बेडकर अस्पताल में इन्फेक्शन कंट्रोल विभाग कार्यरत है जिसमें इन्फेक्शन कंट्रोल ऑफिसर के रूप में सभी विभाग के विभागाध्यक्ष एवं इन्फेक्शन कंट्रोल नर्सेस के रूप में पांच नर्सिंग स्टाफ शामिल हैं। माइक्रोबायोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. निकिता शेरवानी के मार्गदर्शन में यह विभाग अस्पताल में संक्रमण रोकथाम की दिशा में लगातार कार्यरत है। इस विभाग का उद्देश्य मानक संक्रमण नियंत्रण सावधानियों (एसआईसीपी) जैसे – हैंड हाइजिन (हाथ की स्वच्छता), व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई), रेस्पिरेटरी हाइजिन एंड कफ एटिक्वेट (श्वसन स्वच्छता और खांसने का शिष्टाचार), इंजेक्शन लगाने का सुरक्षित तरीका (सेफ इन्जेक्शन प्रैक्टिस), अस्पताल की सफाई और संक्रमण की निगरानी को अपनाकर स्वास्थ्य देखभाल से जुड़े संक्रमणों और अन्य संक्रामक खतरों से बचाना है। कहने का तात्पर्य है कि संक्रमण रोकथाम उपायों की सहायता से अस्पताल में कार्यरत मेडिकल स्टाफ एवं भर्ती मरीजों को अस्पताल अर्जित संक्रमण (हॉस्पिटल एक्वायर्ड इन्फेक्शन/एचएआई) के खतरों से बचाना है। इन्फेक्शन कंट्रोल नर्सेस के तौर पर सोनल तिवारी, निधि सिंह, स्वप्निल तिवारी, सोनाली सोना और प्रियंका लाल कार्यरत हैं।
इस आयोजन के दौरान माइक्रोबायोलॉजी की डॉ. रूपम गहलोत, सहायक नर्सिंग अधीक्षक नंदा रंगारी, डी. अश्लेश्म, ए. दास, मंजू बघेल, वीणा पूर्ति, डॉ. रीना राजपूत, फार्मासिस्ट श्री हरिशंकर साहू समेत अस्पताल के अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे। विदित हो कि 1986 में स्थापित अंतरराष्ट्रीय संक्रमण रोकथाम सप्ताह (आईआईपीडब्ल्यू) का उद्देश्य प्रत्येक वर्ष संक्रमण की रोकथाम पर प्रकाश डालना है। यह सप्ताह प्रत्येक वर्ष 13 से 19 अक्टूबर तक मनाया जाता है।