- Advertisement -spot_img
Homeउत्तर प्रदेशUP News: परिजनों ने अब्बास अंसारी की जेल में हत्या की जताई...

UP News: परिजनों ने अब्बास अंसारी की जेल में हत्या की जताई आशंका

- Advertisement -spot_img

UP News: यूपी की बांदा जेल में बंद रहे माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अब उसके परिजनों को जेल में बंद बेटे विधायक अब्बास अंसारी की जेल में हत्या कराने की आशंका जताई है।

UP News: बता दें कि 20 मार्च को मुख्तार के परिजनों ने उसे जेल में जहर दिए जाने का आरोप लगाया था। इसके बाद 26 मार्च को हालत बिगड़ने पर उसे मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था। इसके बाद देर शाम सीधे मंडलीय कारागार की बैरक में डाल दिया गया। दोबारा 28 मार्च को जब मुख्तार को मेडिकल कॉलेज लाया गया, तो उसे मृत घोषित कर दिया गया।

बांदा जेल में बंद रहे माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अब उसके परिजनों को जेल में बंद बेटे विधायक अब्बास अंसारी की जेल में हत्या कराने की आशंका जताई है। उसे कासगंज जेल से दूसरी जेल में शिफ्ट करने के लिए अदालत में याचिका डालने की तैयारी कर रहे हैं। इससे पहले परिजनों ने कई बार मुख्तार को जहर खिलाकर मरवाने की आशंका जताई थी। इसकी न्यायाधीश से जांच कराने की मांग भी की है।

अधिवक्ता सौभाग्य मिश्रा के जरिए मुख्तार के बेटे उमर अंसारी ने अदालत में याचिका दायर कर 18 मार्च से लेकर 28 मार्च तक जेल में मुख्तार की दवा, भोजन, इलाज आदि की रिपोर्ट जेल से मांगी है।

उन्होंने यह भी बताया कि उमर अंसारी के अनुसार जेल में बंद भाई अब्बास अंसारी को भी पिता की तरह प्रताड़ित किया जाता है। उसकी भी हत्या कराने की साजिश हो रही है। ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से उसकी जेल बदल दी जाए।

गौरतलब है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कासगंज जेल में बंद अब्बास को उसके पिता मुख्तार की मौत के बाद फातिहा के लिए गांव जाने की छूट मिली है। 13 अप्रैल तक को अब्बास को गाजीपुर व आसपास की जेल में रखने के अदालत के आदेश हैं। उसकी जेल की बदली कराने के लिए याचिका तैयार कर ली गई है। जल्द ही अदालत में याचिका दाखिल की जाएगी।

न्यायिक जांच टीम ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन से मुख्तार के बीएचटी (बेड हेड टिकट) तलब किए हैं। इसमें उसे 26 को भर्ती किए जाने से लेकर 28 की रात उसकी मौत तक किए गए इलाज का पूरा ब्यौरा दर्ज है। इसी से स्पष्ट हो सकेगा कि 26 मार्च को मुख्तार की हालत 14 घंटे के इलाज के बाद आखिरी इतनी ठीक कैसे हो गई कि उसे आईसीयू से किसी वार्ड अथवा जेल के अस्पताल में रेफर करने की जगह सीधे तन्हा बैरक भेज दिया गया।

भेजते वक्त मुख्तार के साथ कौन-कौन सी दवाइयां भेजी गईं। उसके सेवन से उसकी हालत सुधरने की जगह दो दिनों में इतनी बिगड़ गई कि उसकी मौत हो गई। माफिया मुख्तार अंसारी की मौत की जांच अब मंडलीय कारागार से होते हुए मेडिकल कॉलेज तक पहुंच गई है। परिजन जेल में मुख्तार को जहर दिए जाने का आरोप लगा रहे हैं।

लिहाजा न्यायिक जांच टीम ने दो-तीन बार जेल पहुंचकर जेल अधीक्षक समेत वहां पर इलाज करने वाले डॉक्टरों से पूछताछ की। अब टीम की जांच की सुई मेडिकल कॉलेज की ओर घूमी है। टीम देखना चाहती है कि माफिया के इलाज में किसी तरह की लापरवाही तो नहीं हुई।

20 मार्च को मुख्तार के परिजनों ने उसे जेल में जहर दिए जाने का आरोप लगाया था। इसके बाद 26 मार्च को हालत बिगड़ने पर उसे मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था, जहां उसे पूरे दिन आईसीयू में रखा गया। इसके बाद देर शाम सीधे मंडलीय कारागार की बैरक में डाल दिया गया। दोबारा 28 मार्च को जब मुख्तार को मेडिकल कॉलेज लाया गया, तो उसे मृत घोषित कर दिया गया।

बता दें कि बाँदा जनपद में इस वक्त एक भी कॉर्डियोलॉजिस्ट नहीं है, जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट की मानें तो मुख्तार को हार्ट अटैक जेल में ही पड़ने की आशंका जताई जा रही है। यदि ऐसा था तो उसे कानपुर, लखनऊ रेफर करने के बजाए मेडिकल कॉलेज क्यों ले जाया गया। इसकी भी जांच टीम के सदस्य करेंगे। अटैक पड़ने के बाद आखिर माफिया को कौन सी दवा और इंजेक्शन दिया गया। यह भी जांच के बिंदु में शामिल किया जा सकता है।

मुख्तार के भाई अफजाल का आरोप है कि 26 मार्च को इलाज करने वाले तीनों डॉक्टरों ने उन्हें भाई के इलाज का भरोसा दिया था। इसके बाद वह भतीजे उमर के साथ लौट रहे थे, तभी पता लगा कि मुख्तार को जेल भेज दिया गया है। आखिर क्यों डॉक्टरों ने मुख्तार को फिट बताकर जेल भेजा था। इसके जवाब के लिए न्यायिक जांच टीम वहां मौजूद सर्जरी विभाग के डॉक्टर कुलदीप, आईसीयू इंचार्ज डॉ. सुशील के अलावा मेडिसन विभागाध्यक्ष से भी पूछताछ करेगी।

मुख्तार की मौत के मामले में जांच टीमें जेल के बंदी रक्षकों व मेडिकल कॉलेज के वार्ड बॉय से भी पूछताछ कर सकती है। इसके अलावा प्रमुख डॉक्टरों के सहयोगी डॉक्टरों भी पूछताछ के घेरे में आ सकते हैं। वार्ड बॉय से भी पूरे इलाज और बंदी रक्षकों से मुख्तार के खानपान संबंधी सवाल किए जा सकते हैं। माना जा रहा है कि प्रमुख डॉक्टरों के समेत लगभग 10-12 डॉक्टर मुख्तार की देखरेख में लगे थे।

गुरुवार को ईद के मौके पर जेल में सन्नाटा पसरा रहा। जब मुख्तार का जेल में रुतबा था, तब ईद पर मुख्तार की ओर से बंदियों की दावतें तक हुआ करती थी। सख्ती होने के बाद भी बंदियों को मिठाई व फल मुख्तार के परिवार की ओर से दिए जाते थे। मगर आज कोई मिठाई बांटने वाला नहीं था।

- Advertisement -spot_img
- Advertisement -spot_img
Stay Connected
16,985FansLike
2,458FollowersFollow
61,453SubscribersSubscribe
Must Read
- Advertisement -spot_img
Related News
- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here