Truck bus Strike: ऑल इंडिया ट्रक और बस ड्राइवर संगठन का कहना है कि इस जुर्माना और सजा के खिलाफ ही उनका चक्का जाम शुरू हुआ है। इस चक्का जाम का असर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा और महाराष्ट्र समेत देश के ज्यादातर राज्यों के राजमार्ग पर दिखा।
Truck bus Strike: पूरे देश में बसों और ट्रकों के पहिए नए साल के पहले दिन थम गए। इसमें प्राइवेट बसों ट्रकों से लेकर सरकारी महकमें की बसें भी शामिल रही। आलम यह रहा कि सोमवार को देश के ज्यादातर राज्यों के हाईवेज पर न सिर्फ ट्रक और प्राइवेट बस खड़ी हो गई। सरकारी बसों के पहिए भी इस हड़ताल में थम गए।
नतीजा हुआ कि देश के अलग-अलग राज्यों में सफर करने वाले यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा, जबकि राष्ट्रीय राजमार्गों पर हड़ताल के चलते कई जगहों पर भारी जाम का भी सामना करना पड़ा। जिसके चलते इन रास्तों से आने जाने वाले लोगों को भी खूब परेशानियां हुई।
ऑल इंडिया ट्रक और बस ड्राइवर संगठन का कहना है ड्राइविंग के दौरान हुई दुर्घटना के लिए बनाया गया नया कानून अगर नहीं बदला जाएगा तो यह स्ट्राइक अनिश्चितकालीन के लिए बढ़ा दी जाएगी।
ऑल इंडिया ट्रक और बस ड्राइवर संगठन समेत अलग-अलग ड्राइवर संगठन के लोगों ने 1 जनवरी से 3 जनवरी तक का ‘स्टेरिंग छोड़ो’ के नाम से चक्का जाम शुरू कर दिया है।
Truck bus Strike: संगठन के सोनू यादव कहते हैं कि आपराधिक कानूनों में किए गए बदलाव के कारण हिट एंड रन केस में भी सजा बढ़ा दी गई है। जिसके चलते देश भर में ट्रक और बस चालकों ने विरोध प्रदर्शन किया है। सजा की अवधि बढ़ाए जाने के खिलाफ बस और ट्रक ड्राइवरों के साथ-साथ ऑटो चालकों ने भी मोर्चा खोल दिया है।
वह कहते हैं कि हिट एंड रन केस में नए कानून के तहत फरार और घातक दुर्घटना की सूचना नहीं देने पर ड्राइवरों को अब दो साल की नहीं, बल्कि 10 साल तक की जेल हो सकती है।
उनका कहना है कि सड़कों पर रोजाना लाखों की संख्या में ट्रक ड्राइवर चलते हैं और कई दुर्घटनाएं भी होती हैं। ऐसी दुर्घटनाओं में अक्सर ड्राइवर अपनी जान बचाकर निकलता है। भले ही गलती ट्रक ड्राइवर की हो या ना हो।
उनका कहना है अगर ड्राइवर वहां पर रुक जाए तो मौजूद भीड़ की हत्या तक कर सकती है। अब नए कानून में अगर वह ड्राइवर भाग जाता है तो उसको 2 साल की जगह पर 10 साल की सजा और सात लाख रुपए का जुर्माना देना होगा।
Truck bus Strike: ऑल इंडिया ट्रक और बस ड्राइवर संगठन का कहना है कि इस जुर्माना और सजा के खिलाफ ही उनका चक्का जाम शुरू हुआ है। इस चक्का जाम का असर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा और महाराष्ट्र समेत देश के ज्यादातर राज्यों के राजमार्ग पर दिखा।
उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी महासंघ के प्रमोद बताते हैं कि प्रदेश के ज्यादातर बस अड्डों से सरकारी बसें भी एक जनवरी को नहीं चली, क्योंकि बस के ड्राइवर भी इस हड़ताल का हिस्सा बनकर कानून को बदलने की मांग कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में ही हजारों बसों के न चलने से सिर्फ सोमवार को ही सफर करने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सरकारी बस जो बस अड्डे में खड़ी थी वहां से नहीं हिली। अगर यह हड़ताल आगे बढ़ती है तो लाखों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
Truck bus Strike: ट्रक और बस ड्राइवर संगठन के बिहार चैप्टर से जुड़े रघुवीर प्रसाद कहते हैं कि उनके राज्य में सड़कों पर ट्रक बस ड्राइवर ने गाड़ियां लगा दी है। रघुवीर कहते हैं अगर केंद्र सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो यह हड़ताल निश्चित कालीन के लिए आगे भी बढ़ जाएगी।
ऑल इंडिया ट्रक और बस ड्राइवर संगठन के सोनू यादव का कहना है कि जब तक कानून में बदलाव नहीं किया जाएगा तब तक यह हड़ताल जारी रहेगी।
वह कहते हैं कि उनके साथ सिर्फ ट्रक और बसों के ड्राइवर ही नहीं बल्कि सरकारी संगठन से जुड़े सभी वाहन चालक भी शामिल हो गए हैं। संगठन ने पूरे देश में ओला उबर और अन्य प्राइवेट वाहन चालकों को भी इस हड़ताल में शामिल होने की अपील की है।
संगठन के मुताबिक, फिलहाल पहले दिन पूरे देश में जिस तरीके की हड़ताल का व्यापक असर हुआ है उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि केंद्र सरकार उनकी मांग जरूर सुनेगी। वह कहते हैं अगर ऐसा नहीं होता है तो आने वाले दिनों में संगठन और बड़े स्तर की रणनीति बनाकर पूरे देश में इस हड़ताल को आगे बढ़ाएंगे।
Truck bus Strike: नए कानून के विरोध में हुई हड़ताल का आलम यह रहा कि देश के अलग-अलग राज्यों के कई बड़े हाईवेज पूरी तरह सोमवार को दिन भर जाम रहे। हड़ताल की वजह से लोगों को न सिर्फ आने जाने में परेशानी हुई बल्कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर जाम के चलते लोगों को बड़ी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा। संगठन से जुड़े विष्णु बघेल कहते हैं कि उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल इलाके में सुबह से मौजूद है।
वह कहते हैं कि बाईपास इलाके में ट्रकों और बसों के चक्का जाम का व्यापक असर देखने को मिला है। विष्णु के मुताबिक यह हड़ताल अभी 3 जनवरी तक चलनी है। अगर सरकार उनकी मांग को नहीं मानती है तो यह अनिश्चितकालीन के लिए भी आगे बढ़ सकती है।
Truck bus Strike: ऑल इंडिया ट्रक ड्राइवर संगठन के पंकज विश्वकर्मा कहते हैं कि स्टेरिंग छोड़ो आंदोलन को सफल बनाने के लिए ही देश के सभी ड्राइवर ने सोमवार को एकजुट का परिचय दिया है।