- महिला और दलित विरोधी बयानों से देश-विदेश में लांछित किया मुख्यमंत्री पद
- जीतन राम मांझी को सीएम बनाकर उन्होंने नहीं किया था कोई एहसान-सुशील
- जब जदयू दो सीट पर सिमटा, तब खेला दलित कार्ड, अब “गलती” बता रहे
- लज्जित करने वाले बयान पर नीतीश ने मांगी माफी, पार्टी बचाव में दिखा रही किताब
Sushil Modi: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि महिलाओं-दलितों को लज्जित-अपमानित करने वाले शर्मनाक बयानों के बाद पीएम-पद का उम्मीदवार होना तो दूर नीतीश कुमार के इंडी गठबंधन का संयोजक बनने की रही-सही सम्भावना भी समाप्त हो गई। उनके ओछे भाषण से देश-विदेश में बिहार के मुख्यमंत्री का पद लांछित हुआ।
श्री मोदी ने कहा कि महादलित समाज के जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाकर नीतीश कुमार ने कोई एहसान नहीं किया, बल्कि उस समय जदयू में विद्रोह टालने के लिए पद छोड़ना और एक पॉकेट सीएम बैठाना उनकी राजनीतिक कलाबाजी या मजबूरी थी।
उन्होंने कहा कि 2014 के संसदीय चुनाव की नमो-भाजपा लहर में जदयू के केवल दो सीट जीतने से हतप्रभ नीतीश कुमार ने अपनी डूबती नैया बचाने के लिए दलित मुख्यमंत्री का कार्ड खेला था।
श्री मोदी ने कहा कि तब मुख्यमंत्री जिस बात पर सीना फुला रहे थे, आज वे उसी बात के लिए मांझी पर अंगुली उठाते हुए अपनी मूर्खता क्यों बता रहे हैं?
उन्होंने कहा कि महिलाओं पर जिस अश्लील टिप्पणी के लिए नीतीश कुमार खुद अपनी निंदा करते हुए क्षमा मांग चुके हैं, उसे जायज ठहराने के लिए राजद-जदयू के लोग बड़ी बेशर्मी से एनसीईआरटी और सेक्स एजुकेशन की किताबें दिखाते फिर रहे हैं।
श्री मोदी ने कहा कि वे बहुत करीब से नीतीश कुमार को विगत 40 वर्षों से जानते हैं, लेकिन उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि हमेशा संतुलित बोलने वाले एक शालीन व्यक्ति का लालू प्रसाद की संगत में जाने पर ऐसा अधोपतन होगा। आज उन पर दया आती है।