Ramlala Darshan: श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से अयोध्या में रामलला के आरती दर्शन के लिए भी विशिष्ट पास की व्यवस्था कर दी गयी है।
इस विशिष्ट पास के कारण आरती दर्शन के दर्शनार्थी श्रद्धालुओं की संख्या सौ से दो सौ हो गई है। इस विशिष्ट दर्शन पास को ऑनलाइन किया गया है, बल्कि रेफरल ही रखा गया है।
एक सौ विशिष्ट दर्शन पास में तीर्थ क्षेत्र के माध्यम से 50 और जिले अधिकारियों के माध्यम से 50 पास निर्गत करने की व्यवस्था बनाई गई है।
बता दें कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की व्यवस्था के अनुसार अलग-अलग समयों निर्धारित रामलला की 4 आरतियों के लिए पास निर्गत किया जाता रहा है। इसमें 20 पास ऑनलाइन थे, जिन्हें कोई भी दर्शनार्थी अपनी आईडी से श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की वेबसाइट पर जाकर बना सकता है।
इस आरती पास के वेबसाइट को 15 दिनों के लिए ओपेन किया जाता है जिसके कारण ऑनलाइन अग्रिम पास का कोटा करीब-करीब फुल ही रहता है। इसके अलावा रेफरल 80 पास तीर्थ क्षेत्र के पदाधिकारियों की संस्तुति पर तीर्थ क्षेत्र के यात्री सेवा केन्द्र में बनाए जा रहे हैं।
इस बीच तीर्थ क्षेत्र ने क्रासिंग टू से विशिष्ट दर्शनार्थियों के प्रवेश की व्यवस्था बनाई है और विशिष्ट दर्शन के लिए चार सौ पार की व्यवस्था थी जो कि पूर्णतः रेफरल थी।
इनमें दो सौ पास तीर्थ क्षेत्र के पदाधिकारियों व दो सौ विशिष्ट दर्शन पास जिले के आला अधिकारियों जिनमें कमिश्नर, आईजी, जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के कार्यालय से निर्गत हो रहे हैं।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश कुमार गुप्ता ने बताया कि सुगम दर्शन के लिए अलग-अलग दो-दो घंटे के छह स्लाट की व्यवस्था में 150 -150 पास आनलाइन व रेफरल निर्धारित थे।
श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के लिहाज से हर स्लाट के लिए चार-चार सौ बढ़ाए चुके हैं। इनमें हर स्लाट के लिए 150-150 पास ऑनलाइन हैं और शेष रेफ़रल है। इसी तरह विशिष्ट दर्शन पास भी 4 सौ बढ़ाया गया है जिसमें दो सौ पास जिला प्रशासन के कोटे में है।
बताया गया कि इतने पास के बाद भी वीआईपी श्रद्धालुओं के लिए पास की कमी रहती थी। इस समस्या के निवारण के लिए आरती दर्शन में एक सौ पास बढ़ा दिया गया है जिसमें 50 जिला प्रशासन के कोटे में है और 50 तीर्थ क्षेत्र ने रखा है।
उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं को एक साथ दर्शन कराने के लिए मंदिर के अंदर स्थान की स्थिति पर भी विचार करना है क्योंकि ओवर लोड होने पर धक्का मुक्की शुरू होगी।
मंगला आरती – भोर में चार बजे
श्रृंगार आरती – प्रातः छह बजे
शयन आरती – रात्रि दस बजे
मध्याह्न राजभोग व संध्या आरती
शेष मध्याह्न राजभोग आरती व संध्या आरती के लिए पास की ज़रूरत नहीं है। यह आरती दर्शन आम दर्शनार्थियों के लिए भी सुलभ है। दर्शन के दौरान निर्धारित समय में जो श्रद्धालु मौजूद रहेंगे, उन्हें भी आरती में शामिल होने का मौका मिलता है।
श्रीरामभक्त मंडली, पालाकाट, केरल की संस्था के पदाधिकारियों का दल संत उन्नी महाराज के नेतृत्व में यहां पहुंचा। इस भक्त मंडली के सदस्य कारसेवकपुरम में तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय से भेंट की और उन्हें रामलला के यहां से अखंड ज्योति उपलब्ध कराने का पत्र सौंपा।
पुनः राम मंदिर में जाकर रामलला का दर्शन पूजन किया और फिर श्रीराम अखंड ज्योति लेकर मंगलवार की सुबह केरल के लिए प्रस्थान कर गये। इस मंडली की ओर से अखंड ज्योति के लिए पीतल का भारी-भरकम दीप यहां लाया गया था।
बताया गया कि यह अखंड ज्योति केरल के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में भेजी जाएगी और अखंड राम नाम संकीर्तन एवं प्रवचन का कार्यक्रम किया जाएगा। बताया गया कि सावन महीने में विशेष नक्षत्र में करकटा मास के अन्तर्गत यह जन जागरण का अभियान 16 जुलाई से 17 अगस्त तक चलेगा।