Ram Mandir Chhattisgarh Rice: अयोध्या में तैयार हो रहे भव्य श्रीराम मंदिर के उद्घाटन की तैयारी में छत्तीसगढ़ से 3000 क्विंटल चावल जा रहा है। 22 जनवरी 2024 को श्रीराम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह होगा। इसके लिए अयोध्या सहित देशभर में तैयारियां चल रही हैं।
Ram Mandir Chhattisgarh Rice: अयोध्या में तैयार हो रहे भव्य श्रीराम मंदिर के उद्घाटन की तैयारी चल रही है। 22 जनवरी 2024 को श्रीराम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह होगा। इसके लिए अयोध्या सहित देशभर में तैयारियां चल रही हैं। देश का हर प्रदेश अपनी तरफ से कुछ न कुछ दान कर पु्ण्य का भागी बन रहा है।
इसी क्रम में भगवान राम के ननिहाल यानी छत्तीसगढ़ में भी जमकर तैयारी चल रही है। छत्तीसगढ़ से 300 मीट्रिक टन चावल अयोध्या भेजा जाएगा। इस चावल का इस्तेमाल भगवान श्रीराम के महाभंडारे में होगा।
छत्तीसगढ़ के सुगंधित चावल से अयोध्या का महाभंडारा महकेगा। राज्य के मुखिया विष्णुदेव साय 28 दिसंबर को चावलों से भरे ट्रकों को हरी झंडी दिखाकर अयोध्या रवाना करेंगे, जो 30 दिसंबर को पहुंचेगा।
राज्य के राइसमिलर्स एसोसिएशन की तरफ से यह चावल भेजा जाएगा। सभी 33 जिलों से चावल एकत्र किया जाएगा। इसमें छत्तीसगढ़ की सबसे अच्छी किस्म का चावल शामिल रहेगा।
Ram Mandir Chhattisgarh Rice: राइस मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि अयोध्या राम मंदिर समिति के पदाधिकारी चंपत राय ने छत्तीसगढ़ राइसमिलर्स को पत्र लिखकर चावल भेजने का अनुरोध किया था। इसके बाद चावल भेजने का फैसला लिया गया है।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देशभर से श्रद्धालु अयोध्या पहुंचेंगे। ऐसे में सभी व्यवस्था का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। छत्तीसगढ़ का धान का कटोरा कहते हैं। राज्य में एक से बढ़कर एक चावल की किस्मों का उत्पादन होता है।
Ram Mandir Chhattisgarh Rice: छत्तीसगढ़ में सिर्फ भगवान राम को पूजते ही नहीं है बल्कि प्रदेश के लोग उन्हें भांजे के रूप में अपना आराध्य देव भी मानते हैं। यहीं वजह है छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगे चंदखुरी में सफेद कमल खिले तालाब के बीचोबीच माता कौशल्या का भव्य मंदिर है। इसे 10वीं शताब्दी में बनाया गया था। त्रेता युग में इसे कौशलपुर नगरी के नाम से पुकारा जाता था।
Ram Mandir Chhattisgarh Rice: पुराणों के मुताबिक, भगवान राम की माता कौशल्या का जन्म स्थान छत्तीसगढ़ है। यह उनका मायका है। भगवान राम का ननिहाल है। चंदखुरी में बने भव्य मंदिर में माता कौशल्या की गोद में भगवान राम बैठे हुए दिखाई देते हैं। इसी जगह को भगवान राम का ननिहाल कहते हैं।
भूपेश सरकार में राम वनगमन पथ के तहत इस मंदिर का भव्य निर्माण किया गया है। अभी भी पथ का निर्माण कार्य चल रहा है। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम जब वनवास पर निकले थे तो यही से उन्होंने दक्षिण भारत की यात्रा की शुरुआत की थी।