Ram Mandir: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अयोध्या पहुँच कर फिर इतिहास बनाएंगे। मोदी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मुख्य यजमान हैं। और वो तीसरी बार पहुंचेंगे श्रीराम जन्मस्थान।
Ram Mandir: इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री रहते दो बार अयोध्या पहुंची। 1966 में नया घाट पर बने सरयू पुल का लोकार्पण किया। इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री के रूप में 1979 में हनुमान गढ़ी दर्शन करने आईं। पर, जन्मस्थान पर नहीं गई।
Ram Mandir: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही अयोध्या देश में अब तक ऐसी पहली नगरी बन जाएगी, जहां प्रधानमंत्री के हाथों किसी मंदिर के शिलान्यास से लेकर प्राण-प्रतिष्ठा तक अनुष्ठान संपन्न होंगे। साथ ही ऐसी पहली नगरी भी बन जाएगी, जहां शिलान्यास से प्राण-प्रतिष्ठा तक के लिए एक ही प्रधानमंत्री तीन बार पहुंचेगा। पीएम नरेंद्र मोदी सोमवार को रामलला को यह इतिहास बनाएंगे।
प्रधानमंत्री के रूप में मोदी पहली बार 5 अगस्त, 2020 को मंदिर के शिलान्यास के लिए श्रीराम जन्मभूमि पर पहुंचे। यह पहली बार था, जब कोई पीएम यहां पहुंचा। हालांकि मोदी पहले भी रामलला के दर्शन करने वाले भाजपा नेता हैं। उन्होंने जनवरी 1992 में भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मुरली मनोहर जोशी की एकता यात्रा के संयोजक के रूप में अयोध्या पहुंचने पर रामलला के दर्शन किए थे।
Ram Mandir: इंदिरा गांधी भी प्रधानमंत्री रहते दो बार अयोध्या पहुंची। 1966 में नया घाट पर बने सरयू पुल का लोकार्पण किया। इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री के रूप में 1979 में हनुमान गढ़ी दर्शन करने आईं। पर, जन्मस्थान पर नहीं गई। लालकृष्ण आडवाणी उपप्रधानमंत्री के रूप में अपनी भारत उदय यात्रा के दौरान जरूर रामलला के दर्शन के लिए पहुंचे थे।
Ram Mandir: राजीव ने चुनावी समीकरण साधने के लिए 1984 में सभा की। : इंदिरा गांधी से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी और राजीव गांधी तक बतौर प्रधानमंत्री अयोध्या आए, लेकिन रामलला के जन्मस्थान से दूर रहे। ज्यादा से ज्यादा हनुमान गढ़ी तक पहुंचे।
वर्ष 1986 में विवादित परिसर का ताला खुलवाने और 1989 में मंदिर के शिलान्यास की अनुमति देकर हिंदू मतदाताओं को खुश करने का आरोप झेलने वाले राजीव तीन बार यहां आए। दो बार पीएम के रूप में और एक बार पूर्व पीएम के रूप में पर, रामलला के जन्मस्थान वह भी नहीं गए।
राजीव ने राम के सहारे चुनावी समीकरण साधने के लिए 1984 में यहां सभा की। 1989 में कांग्रेस ने चुनावी अभियान की शुरुआत भी यहीं से की। राजीव तीसरी बार पूर्व प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने 1990 में अयोध्या से सद्भावना यात्रा शुरू की।
अटल बिहारी वाजपेयी बतौर पीएम दो बार अयोध्या आए, लेकिन जन्मस्थान पर नहीं पहुंचे। हालांकि सरयू पर रेल पुल तथा एक नया पुल बनवाकर अयोध्या की पूर्वी यूपी से कनेक्टिविटी बढ़ाई। देश में आवागमन को सुलभ बनाने के लिए अपनी महत्वकांक्षी स्वर्णिम चतुर्भुज योजना से अयोध्या को जोड़कर उसे देश भर से जोड़ा।
राममंदिर आंदोलन के अगुआ दिगंबर अखाड़े के महंत रामचंद्र परमहंस की सरयू तट पर 2003 में हुई अंत्येष्टि में पहुंचकर श्रीराम जन्मभूमि मंदिर को राष्ट्रीय आस्था बताते हुए उनके सपनों को पूरा करने का संकल्प भी व्यक्त किया, पर रामलला के दर्शन को नहीं पहुंच पाए।