Rail Track NIA Court: एनआईए कोर्ट ने बिहार में रेल पटरी पर प्रेशर कुकर आईईडी बम रखने वाले आरोपियों को 12 साल तक की सज़ा सुनाई है।
देशभर में रेल पटरियों पर गैस सिलेंडर और लोहे की रॉड रखने जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। ऐसे में शनिवार को बिहार से आया एनआईए कोर्ट का एक फैसला एक नज़ीर साबित हो सकता है। रेलवे ट्रैक पर बम लगाने के एक मामले में कोर्ट ने छह आरोपियों को 12 साल तक की सजा सुनाई है।
बिहार में रेलवे ट्रैक पर इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) लगाने के दोषियों को कड़ी सजा दी गई है। एनआईए की विशेष अदालत ने शनिवार को इस मामले में छह लोगों को पांच से बारह साल तक की सजा सुनाई और जुर्माना भी लगाया है।
मामला 30 सितंबर 2016 का है, जब नरकटियागंज से आने वाली एक यात्री ट्रेन को निशाना बनाते हुए रेलवे ट्रैक पर “प्रेशर कुकर आईईडी” लगाया गया था। हालांकि, सतर्क स्थानीय लोगों ने इसे देख लिया और बम निरोधी दस्ते ने समय रहते इसे निष्क्रिय कर दिया।
छठे आरोपी ने 2017 में किया था आत्मसमर्पण
पुलिस की जांच में पता चला कि इस साजिश में छह नक्सली शामिल थे। इनमें उमाशंकर राउत उर्फ उमाशंकर पटेल उर्फ राजू पटेल, गजेंद्र शर्मा उर्फ गजेंद्र ठाकुर, राकेश कुमार यादव उर्फ राकेश, मुकेश कुमार यादव उर्फ मुकेश, मोतीलाल पासवान उर्फ मोती और रंजय कुमार शामिल थे।
इसके बाद एनआईए ने जनवरी 2017 में मामले की जांच अपने हाथ में ली। शुरुआती जांच में स्थानीय पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जबकि दो को एनआईए ने अलग-अलग मौकों पर गिरफ्तार किया। छठे आरोपी ने फरवरी 2017 में आत्मसमर्पण किया था।
जुलाई 2017 में दाखिल हुआ था आरोप पत्र
सभी आरोपियों के खिलाफ एनआईए ने जुलाई 2017 में आरोप पत्र दाखिल किया। इस साल 24 सितंबर को एनआईए कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी करार दिया। शनिवार को एनआईए की विशेष अदालत ने उनकी सजा की घोषणा की, जिसमें पांच से बारह साल तक की कैद और जुर्माने की सजा सुनाई गई है।