Police Transferred: छत्तीसगढ़ में भारत निर्वाचन आयोग ने 21 दिसंबर को चिट्ठी लिखकर लोकसभा चुनाव के पहले तीन साल से एक जगह में जमे या गृह जिले में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारियों को 15 फरवरी तक हटाने का निर्देश दिया था। ताकि निष्पक्ष चुनाव कराया जा सके। इसके बाद गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय ने तबादले की लंबी सूची जारी की। अधिकारी-कर्मचारियों को एक जिले या विधानसभा से हटाकर दूसरी जगह भेजा गया।
उनका रेंज या संभाग नहीं बदला। इससे पुलिस महकमे में भारी नाराजगी थी। खासतौर पर नक्सल क्षेत्र में लंबे समय से पदस्थ अधिकारी-कर्मचारीयों में। इसकी चुनाव आयोग तक शिकायत भी हुई।
इसके बाद चुनाव आयोग ने शनिवार को एक नया आदेश जारी किया है। इसमें एक ही संसदीय क्षेत्र में तीन साल से ज्यादा पदस्थ या गृह जिले वाले अधिकारी-कर्मचारियों को हटाने का निर्देश दिया है।
26 फरवरी को शाम तक तबादला कर आयोग को सूचित करने को कहा है। आयोग के नए आदेश से खलबली मची हुई है। पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारियों का दांव फेल हो गया है, जिन्होंने सरकार को चुनाव का हवाला देकर ज्यादातर लोगों का तबादला एक ही रेंज के भीतर कर दिया था। उन्हें दूसरी रेंज में जाने नहीं दिया।
अब नए सिरे से सूची बनाई जा रही है। चर्चा है कि सबसे ज्यादा प्रभाव बस्तर रेंज में होगा। बस्तर लोकसभा में 7 जिले आते है। जहां पिछले 5 साल से ज्यादा पदस्थ 150 से अधिक कर्मचारी-अधिकारी है। उन्हें अब मैदानी क्षेत्र में लाना होगा।