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NDA Sarkar: शपथ ग्रहण से पहले TDP ने साफ किया रुख, UCC से लेकर परिसीमन और मुस्लिम कोटा तक अकेले फैसला लेना बीजेपी के लिए होगा मुश्किल

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NDA Sarkar: भाजपा के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड, परिसीमन और मुस्लिम आरक्षण बेहद अहम मुद्दे रहे हैं, जिसको लेकर अब टीडीपी ने अपना रुख साफ कर दिया है।

तेलुगु देशम पार्टी नेता और एन चंद्रबाबू नायडू के बेटे एन लोकेश नायडू ने हाल ही में मीडिया से कहाकि उनकी पार्टी यह सुनिश्चित करेगी कि परिसीमन और समान नागरिक संहिता जैसे विवादास्पद मुद्दों पर निर्णय एकतरफा न लिए जाएं। साथ ही किसी समुदाय का आरक्षण छीना नहीं जाएगा। बता दें कि ये सारे मुद्दे बीजेपी के लिए बेहद ख़ास हैं।

गौर करें तो टीडीपी से 16 सांसद संसद पहुँचे हैं। टीडीपी एनडीए को समर्थन दे रही है। नई सरकार के शपथ ग्रहण से एक दिन पहले बोलते हुए लोकेश ने कहा कि समुदाय को चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है।

एन लोकेश नायडू ने कहा है कि टीडीपी हमेशा से धर्मनिरपेक्ष पार्टी रही है और रहेगी। हम किसी का कोटा नहीं छीनेंगे। किसी को भी इस बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।

टीडीपी नेता ने कहा है कि यह रुख बीजेपी का है और वह तब होगा जब बीजेपी राज्य में अपने दम पर आंध्र प्रदेश में सरकार बनाएगी। एन लोकेश ने कहा है कि मैं यह आश्वासन देना चाहता हूं कि टीडीपी किसी भी समुदाय का कोटा नहीं हटाएगी।

चंद्रबाबू नायडू के बेटे ने कहा है कि पार्टी का हमेशा से यह मानना ​​रहा है कि सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों को, चाहे वे किसी भी धर्म या जाति के हों, गरीबी से निपटने के लिए लाभ मिलना चाहिए और यह जारी रहेगा।

बता दें कि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कांग्रेस ने धर्म के आधार पर आरक्षण बढ़ाने और इसे मुसलमानों को देने की कोशिश की।

राजस्थान के चुनावी रैली में मोदी ने कहा था कि साल 2004 में जैसे ही कांग्रेस ने केंद्र में सरकार बनाई है। उसका पहला काम आंध्र प्रदेश में एससी/एसटी आरक्षण को कम करना और इसे मुसलमानों को देना था। अब जब एनडीए की सरकार बन रही है और बीजेपी को टीडीपी के समर्थन की ज़रूरत है, जिसकी सोच बीजेपी और पीएम मोदी से काफी अलग दिखती है।

बीजेपी द्वारा 2026 तक परिसीमन के प्रस्तावित मुद्दे पर लोकेश ने कहा कि टीडीपी यह सुनिश्चित करेगी कि निर्णय अलग-अलग न लिए जाएं और न केवल आंध्र प्रदेश, बल्कि अन्य राज्यों के हितों और प्रतिनिधित्व को भी ध्यान में रखा जाए।

उन्होंने कहा कि परिसीमन, समान नागरिक संहिता आदि जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी और सौहार्दपूर्ण तरीके से हल किया जाएगा। हम भागीदारों के साथ टेबल पर बैठेंगे और इन सभी मुद्दों पर आम सहमति बनाने की कोशिश करेंगे। चर्चा करने के लिए बहुत कुछ है।

बता दें कि एक साक्षात्कार में इंडियन एक्सप्रेस ने नतीजों से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जब पूछा था कि एनडीए को तीसरी बार सत्ता मिली तो परिसीमन पर क्या उम्मीद की जाएगी, तो उन्होंने कहा था है कि हम पहले ही कह चुके हैं कि परिसीमन के बाद दक्षिण के साथ कोई अन्याय नहीं होगा। हमें तरीके तलाशने होंगे। उन्होंने कहा था कि परिसीमन को टाला नहीं जाएगा।

आंध्र प्रदेश को विशेष श्रेणी का दर्जा (एससीएस) देने के मुद्दे पर लोकेश ने कहा कि हालांकि टीडीपी बिना शर्त एनडीए में शामिल हुई है, लेकिन वे राज्य और उसके लोगों के हितों को ध्यान में रखेंगे। लोकेश ने कहा है कि हमारी प्राथमिकता घोषणा-पत्र में किए गए वादे के अनुसार 20 लाख नौकरियां पैदा करना और निवेश लाना है।

एससीएस निश्चित रूप से इसमें मदद करेगा और हम आने वाले दिनों में इन सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे और नए वित्त आयोग से मिलेंगे। अभी एनडीए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हमारा समर्थन बिना शर्त है क्योंकि देश को उनके जैसे मज़बूत नेता की ज़रूरत है।

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