Naxalite Hidma: हार्डकोर नक्सली हिड़मा के छत्तीसगढ़ के गांव पूवर्ती में 40 सालों तक 15 अगस्त और गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा की जगह नक्सली काला झंडा फहराते थे। लेकिन वक्त बदला और 40 साल बाद यहां तिरंगा लहराया गया है।
अफसरों ने हिड़मा के घर जाकर उसकी मां से मुलाकात की और उन्हें मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने का आश्वासन दिया। साथ ही पूवर्ती गांव छोड़कर भागे ग्रामीणों से सुरक्षाबलों ने वापस लौटने की अपील की है।
सुकमा और बीजापुर जिले की सरहद पर बसे हार्डकोर नक्सली हिड़मा के गांव पूवर्ती में सुरक्षाबलों ने कैंप स्थापित कर दिया है। इतना ही नहीं हिड़मा के घर पहुंचकर एसपी किरण चव्हाण ने उन्हें मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने का आश्वासन दिया है। साथ ही गांव छोड़ कर भागे ग्रामीणों से भी उन्होंने वापस लौटने की अपील की है।
नक्सलियों के अभेद गढ़ कहे जाने वाले पूवर्ती में सुरक्षाबलों ने कैम्प स्थापित कर दिया हैं। जगरगुंडा थाना क्षेत्र का यह गांव हार्डकोर नक्सली हिड़मा का गांव है। रविवार को यहां एसपी किरण चव्हाण और कोबरा कमांडेंट उपेंद्र भी पहुंचे। अफसरों ने हिड़मा के घर जाकर उसकी मां से मुलाकात की और उन्हें मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने का आश्वासन दिया। साथ ही पूवर्ती गांव छोड़कर भागे ग्रामीणों से सुरक्षाबलों ने वापस लौटने की अपील की है। वहीं सुरक्षाबलों के जवानों ने पूवर्ती कैम्प के सामने तिरंगा लहराया है।
पूवर्ती गांव में नक्सलियों ने अपना हेड क्वार्टर मुख्यालय बनाया हुआ था। जिसकी सूचना मिलने पर सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के हेड क्वार्टर पर कब्जा कर लिया था। इसके साथ ही ग्रामीणों को पूरी तरह से सुरक्षा देने का आश्वासन दिया गया है। इस दौरान सीआरपीएफ कमांडेंट एसपी किरण चव्हाण और कोबरा कमांडेंट उपेंद्र मौजूद रहे।
40 साल बाद यहां तिरंगा लहराया गया
हार्डकोर नक्सली हिड़मा के गांव पूवर्ती में 40 सालों तक 15 अगस्त और गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा की जगह नक्सली काला झंडा फहराते थे। लेकिन वक्त बदला और 40 साल बाद यहां तिरंगा लहराया गया है।