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भाजपा के विधान पार्षद नवल किशोर यादव की मांग
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संविधान का हनन करने वाले बर्खास्त हों
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संगठन बनाना शिक्षकों का मौलिक अधिकार
पटना. भाजपा नेता और विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने शिक्षा विभाग की ओर से जारी सर्कुलर पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए संविधान के अनुछेद 19 में 6 मौलिक अधिकार दिए गए हैं, जिसमें विचारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एवं सघ-संगठन बनाने की बात शामिल है. इससे स्पष्ट है कि यदि लोकतंत्र में शासक और प्रशासक बेलगाम और तानाशाह हो जाए, तब प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह व्यक्ति व्यक्तिगत रूप से या संगठन बनाकर उस विसंगतियों के विषय में निर्भीक भाव से अपना विचार व्यक्त करें और प्रजातंत्र के भटकाव में अंकुश लगाने में अपनी भूमिका अदा करें.
विधान पार्षद ने कहा कि हाईकोर्ट के 13 न्यायाधीशों के सबसे बड़े संविधानपीठ ने यह स्पष्ट नियमन दिया है कि मौलिक अधिकार से कटौती करने का अधिकार न संसद को है और न ही सरकार को. केशवानंद भारती केस इस नियम का स्पष्ट उदाहरण है. बिहार में शिक्षा विभाग की ओर से जो अधिसूचना जारी की गयी है. कोई भी शिक्षक या शिक्षकेत्तर कर्मचारी शैक्षणिक संस्थानों के बारे में या सरकार की नितियों के बारे में अखबार या सोशल मीडिया पर अपने विचार व्यक्त नहीं कर सकता और न ही कोई शिक्षक अपने लोकतंत्रिक अधिकारों की प्राप्ति के लिए संगठन नहीं बना सकता. संविधान में ही यह स्पष्ट किया गया है कि राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और जनप्रतिनिधि भी संवैधानिक मूल्यों का पालन करेंगे और उनके प्रति अपनी निष्ठा रखने का शपथ लेंगे. विधान पार्षद संविधान के अनुच्छेद 53 से स्पष्ट है कि संवैधानिक प्रावधानों के उल्लंघन करने पर राष्ट्रपति को भी महाभियोग लाकर हटाया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश से निर्गत अधिसूचना संवैधानिक प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है. मेरी मांग है कि केके पाठक के संवैधानिक प्रावधानों के उल्लंघन के अपराध में उनकी बर्खास्तगी के लिए विधानमंडल की समिति गठित की जाए. साथ ही अखिल भारतीय सेवा शर्त के उल्लंघन के लिए केके पाठक को तात्कालिक प्रभाव से निलंबित किया जाए.
यूनिवर्सिटी की शिक्षा व्यवस्था यूजीसी की गाइडलाइंस पर चलती है. शिक्षकों की पहली एवं प्रोन्नति भी इसी गाइड लाइंस पर होती है. यूजीसी के अनुसार यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर को कम से कम 16 क्लास, एसोसिएट प्रोफेसर को 12 क्लास और अगर इन पर यूनिवर्सिटी के किसी प्रशासनिक काम की जिम्मेदारी है, तो हर स्तर पर दो क्लास कम भी ले सकते हैं. इसके अलावा रिसर्च जैसे प्रमुख काम इनके जिम्मे रहते हैं.
भाजपा विधान पार्षद ने कहा कि देश के किसी राज्य में 9 से 5 बजे तक विद्यालय संचलित नहीं होता है. साथ ही साथ छुट्टियों में (ग्रीष्म अवकाश सहित) कटौती कतई बर्दास्त नही किया जाएगा. शिक्षक ईंट से ईंट बजा देंगे. राज्य में राजभवन के सभी निर्देशों का पालन करना होता है.