Murder: रायपुर में सड्डू स्थित सफायर ग्रीन फेज-टू में रविवार रात शादी टूटने से नाराज एयरोनॉटिकल इंजीनियर पीयूष झा ने छोटे भाई पराग की गोली मारकर हत्या कर दी। भाई के सिर पर गोली मारकर हत्या कर दी। भाई के सिर पर गोली मारने के बाद कैपिटल होम्स में रह रही मां शांता झा को कॉल किया और कहा- मां छोटू नहीं रहा। मां को यकीन नहीं हुआ। उन्हें लगा नशे में पीयूष उनसे झूठ बोल रहा है।
इसके बाद पीयूष ने वीडियो कॉल कर फर्श पर खून से लथपथ पड़ी भाई की लाश दिखा दी। उसने कहा मां छोटू चला गया. अब मैं भी नहीं रहूंगा और फोन बंद कर दिया। पुलिस ने मोबाईल लोकेशन के आधार पर उसे पकड़ लिया।
पीयूष की पिछले साल 2 मई को रायपुर में शादी होने वाली थी। वह प्रेम विवाह कर रहा था। इसी समय स्टार्टअप में बड़ा नुकसान और उसकी शादी टूट गई। वह इसके लिए अपने भाई पराग और मां को जिम्मेदार मानता था।
इस वजह से वह नशे का आदी हो गया था और अक्सर शराब के नशे में मां और भाई से झगड़ा करता था। पुलिस के अनुसार इंजीनियर पीयूष और उसके भाई पराग की ड्रोन बनाने की कंपनी थी।
मां ने बताई पूरी कहानी…. मेरा पराग जींस पहन कर सोता, डर था भाई को गुस्सा आया तो कपड़े पहनने का समय भी नहीं मिलेगा, आखिर ले ली जान
मेरे पराग को पहले से डर था। पीयूष उसे गुस्से में कभी भी मार देगा। नशे में वह हमेशा पीयूष को मारने की कोशिश करता था। एक बार वह जान बचाकर भाग रहा था, तब गिरने से हाथ में चोट आईं थी।
पराग इसलिए रात में हमेशा डरा रहता था। वह जींस पहन कर ही सोता था, ताकि भाई झगड़ा शुरु करे और वह भाग निकले। उसे मालूम था कि भाई कपड़ा पहनने तक का समय नहीं देगा। कल वहीं हुआ जिसका डर था। उसने पराग को मार दिया। मेरा छोटू हमेशा मोबाईल अपने पास रखता था।
कल (25 फरवरी) दोपहर के बाद से उसने मुझसे बात नहीं की। अजीब लगा। क्योंकि वह थोड़ी देर में मुझे फोन जरुर करता था। शाम 5 बजे पीयूष ने फोन कर कहा-मां खाना बन गया है क्या? मैने कहा-नहीं। मैंने पराग के बारे में पूछा तो बोला वो मीटिंग में है। उसके मोबाईल की बैट्री डिस्चार्ज हो गयी है। मैं मंदिरहसौद के पास घूम रहा हूं। मेरे दिल में उसी समय खटका हुआ। पराग मोबाईल का चार्जर हमेशा अरने साथ रखता था।
पीयूष बैटरी डिस्चार्ज होने वाली बात कैसे कह रहा है। फिर मैं बिजी हो गई। रात 10 बजे पीयूष ने फोन पर कहा-मां तुम आज नए घर में सोना हम तुम्हे लेने आएंगे। रात 10.15 बजे घर के सर्वेंट मनोज से मैंने टिफिन भिजवाया। पीयूष ने दरवाजा खोला। उसने मनोज को भीतर नहीं आने दिया। फिर जैसे ही मनोज वहां से निकला, उसने मुझे कॉल किया और कहा-मां छोटू मर गया। तुम मनोज के साथ आओ लेकिन अकेले आना छोटू ने कपड़े नहीं पहने हैं।
मैंने पहले मजाक समझा। फिर उसने विडियो कॉल करने को कहा… कमरे में फर्श पर मेरे बेटे की लाश पड़ी थी। मैं घबड़ा गई। पड़ोसी को घटना की सूचना दी। फिर उनके साथ साफायर ग्रीन पहुंची। पूरा घर खुला था। कमरे में पराग खून से लथपथ पड़ा था। थोड़ी देर में पुलिस आ गई, तब मैंने बेटे को हाथ लगाया। लाश ठंडी पड़ी थी। शरीर अकड़ गया था। मुझे यकीन है पीयूष ने पराग को शाम को ही मार दिया था। वह घर के बाहर घुमते हुए मुझे फोन कर रहा था। जैसा मां शांता ने बाताया।