- Advertisement -spot_img
Homeराष्ट्रीयMohan Bhagwat: कट्टरपंथ से पैदा होता है उन्माद, बोले संघ प्रमुख मोहन...

Mohan Bhagwat: कट्टरपंथ से पैदा होता है उन्माद, बोले संघ प्रमुख मोहन भागवत

- Advertisement -spot_img
  • विजयादशमी पर नागपुर में संघ का स्थापना दिवस

  • स्थापना दिवस के साथ शस्त्र पूजन भी हुआ

  • तकनीक के साथ कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ा देश

Mohan Bhagwat: विजय दशमी के दिन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का स्थापना दिवस और शस्त्र पूजन का कार्यक्रम हुआ. मुख्य आयोजन संघ के मुख्यालय नागपुर में हुआ, जहां संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आयोजन में हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि कट्टरता की वजह से उन्माद पैदा होता है, युद्ध होते हैं. संघ प्रमुख का इशारा इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध की तरफ था.

पिछले एक पखवाड़े से ज्यादा समय से इजराइल और हमास के बीच संघर्ष चल रहा है. संघ प्रमुख ने भारत की चर्चा की और कहा कि हमारा देश आगे बढ़ रहा है. इसके साथ हमारा आत्मविश्वास भी बढ़ता जा रहा है. अगर दुनिया को हमें रास्ता दिखाना है, तो किसी की नकल नहीं करना है. खुद अपना रास्ता बनाना है. दुनिया को हमें यशस्वी प्रयोग देना होगा. उन्होंने कहा कि अपने देश में कुछ लोग ऐसे हैं, जो नहीं चाहते हैं कि भारत आगे बढ़े. वो चाहते हैं अलगाव और टकराव कैसे पैदा हो.

उन्होंने का उद्देश्य सदैव विश्व कल्याण रहा है, लेकिन स्वार्थी और धोखेबाज ताकतें अपने सांप्रदायिक हितों की तलाश में रहती हैं, जो सामाजिक एकता को बाधित करने का प्रयास करती हैं. ताकि संघर्ष हो, वो अपने मकसद में कामयाब हों, इसके लिए वो तरह-तरह के भेष बनाते हैं. सांस्कृतिक मार्क्सवादी अराजकता को बढ़ावा देते हैं.

रेशिमबाग में हो रहे कार्यक्रम में संघ प्रमुख ने देश के विकास की चर्चा की और कहा कि हर क्षेत्र में अपना देश आगे बढ़ रहा है. उन्होंने एशियाई खेलों की चर्चा की और कहा कि हमारे खिलाड़ियों ने इस पर 107 मेडल जीते हैं. आर्थिक क्षेत्र में हम 10वें स्थान से आगे बढ़ कर पांचवें स्थान पर आ गये हैं.

संघ प्रमुख ने मणिपुर के हालात की चर्चा की और कहा कि जो हालात बने हैं, उसको देख कर एक बात ध्यान में आती है कि लगभग एक दशक से शांत मणिपुर में अचानक कैसे आपसी फूट का आग लगी. क्या हिंसा करनेवाले लोगों में सीमापार के अतिवादी भी थे.

मैतेयी और कुकी समाज के बीच आपसी संघर्ष को सांप्रदायिक रूप देने का प्रयास क्यों और किसके द्वारा किया गया. इसमें संघ जैसे संगठन को घसीटने के प्रयास में किसका निहित स्वार्थ है. इस सीमा क्षेत्र में नागाभूमिक और मिजोरम के बीच स्थित मणिपुर में अशांति और अस्थिरता का लाभ प्राप्त करने में किन विदेशी सत्ताओं की रुचि हो सकती है.

संघ प्रमुख ने कहा कि देश में मजबूत सरकार होने के बाद भी यह हिंसा किनके बलबूते पर इतने दिनों तक चलती रही. नौ सालों से चल रही शांति की स्थिति के बरकरार रखना राज्य सरकार चाहती है, उसके बाद भी हिंसा क्यों भड़की और चलती रही. अगर दोनों समुदायों के बीच शांति की दिशा में कोई सकारात्मक कदम उठता हुआ दिखता है, तो कोई हादसा करवा कर विद्वेष और हिसां को भड़कानेवाली ताकतें आखिर कौन सी हैं.

संघ के वार्षिक कार्यक्रम में इस बार मुख्य अतिथि के तौर पर गायक और कंपोजर पद्मश्री शंकर महादेवन को बुलाया गया है. उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति को बचाये रखने में संघ का प्रमुख योगदान रहा है. मैं जब भी कहीं पर गाना गाता हूं, तो मेरी कोशिश होती है कि युवाओं को अपनी संस्कृति और जड़ों के बारे में बताऊं. उदाहरण के तौर पर मैं शिव तांडव स्त्रोत गाता हूं. ये ऐसा मंत्र है, जो इसे सुनता है, वो इसे फील करता है. संघ की स्थापना विजय दशमी के दिन 1925 में हुई थी.

- Advertisement -spot_img
- Advertisement -spot_img
Stay Connected
16,985FansLike
2,458FollowersFollow
61,453SubscribersSubscribe
Must Read
- Advertisement -spot_img
Related News
- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here