प्रयागराज. महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर अब तक चार करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं. प्रयागराज क्षेत्र में लगभग दस करोड़ श्रद्धालुओं हैं, जिनका स्नान लगातार चल रहा है. प्रशासन सबको सकुशल स्नान के बाद वापस घरों को भेजने के लिए पूरी तरह मुस्तैद है. प्रशासन की सबसे बड़ी प्राथमिकता श्रद्धालुओं के स्नान के बाद सकुशल वापस भेजने की है. रैपिड एक्शन फोर्स के साथ पुलिस और तमाम सुरक्षा बलों के जवान लगातार सक्रिय हैं.
मौनी अमावस्या को आधी रात के बाद हुई भगदड़ में कई श्रद्धालुओं के मारे जाने की खबर है. कुछ घायल हैं, जिनका इलाज चल रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी महाकुंभ के महास्नान का पल-पल का अपडेट ले रहे हैं. उन्होंने रात से सुबह तक चार बार सीएम योगी आदित्यनाथ से बात की है. इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लगातार कुंभ के अमृत स्नान पर नजर बनाए हुए हैं.
लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ हाई लेवल की मीटिंग कर रहे हैं, जिसमें स्नान को लेकर सरकार की ओर से आवश्यक फैसले लिये जा रहे हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से कुंभ नोज पर जाने की जिद नहीं करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि जो जिस घाट पर है, वहीं पर स्नान करके सकुशल अपने घरों की ओर वापस लौट जाएं. सीएम ने कहा कि प्रयागराज में इस समय आठ करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु मौजूद हैं, जिसकी वजह से पूरे प्रयागराज में श्रद्धालुओं का दवाब है. सीएम ने कहा कि सरकार और प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की लगातार मदद की जा रही है.
सीएम ने कहा कि ये मेला आप सबका है. इसमें सबका सहयोग जरूरी है. उन्होंने श्रद्धालुओं से जिस घाट पर हैं, उसी घाट पर स्नान की अपील की है. साथ ही कहा है कि पूरे कुंभ क्षेत्र में सकुशल स्नान चल रहा है.
इधर, अखाड़ों का स्नान भी शुरू हो गया है. अखाड़ों की ओर से पहले अमृत स्नान नहीं करने की बात कही गई थी, क्योंकि संगम नोज के पास भगदड़ हुई थी, लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ की अपील के बाद अखाड़े अमृत स्नान के लिए राजी हुए. बिना किसी बड़े जुलूस के अखाड़ों का स्नान हो रहा है.
सुबह 9 बजे तक 3.61 करोड़ श्रद्धालु संगम क्षेत्र में स्नान कर चुके थे. वहीं, महाकुंभ में भगदड़ को लेकर नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे कुप्रबंधन, बदइंतजामी का नतीजा बताया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि आम श्रद्धालुओं की जगह वीआईपी मूवमेंट पर प्रशासन का विशेष ध्यान होना इसका जिम्मेदार है. अभी महाकुंभ में काफी समय बचा हुआ है. कई और महास्नान होने हैं. आज जैसी दुखद घटना आगे न हो इसके लिए सरकार को व्यवस्था में सुधार करना चाहिये.
वीआईपी कल्चर पर लगाम लगनी चाहिये और सरकार को आम श्रद्धालुओं की जरूरतों की पूर्ति के लिए बेहतर इंतजाम करने चाहिये.
वहीं, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने दो सोशल मीडिया पोस्ट भगदड़ के बाद की हैं, जिसमें उन्होंने कहा है कि विश्वस्तरीय व्यवस्था करने के प्रचार करते दावों की सच्चाई अब सामने आ गई है, जो लोग इसका दावा और मिथ्या प्रचार कर रहे थे. उन्हें इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद त्याग देना चाहिये.
दूसरी पोस्ट में अखिलेश यादव ने कुंभ की व्यवस्था सेना के हाथों में सौपे जाने की वकालत की है. उन्होंने लिखा है कि संत समाज और श्रद्धालुओं में व्यवस्था के प्रति फिर से विश्वास जगाने के लिए ये आवश्यक है. समाजवादी पार्टी के मुखिया ने भगदड़ में हताहत होनेवाले श्रद्धालुओं के प्रति श्रद्धांजलि भी अर्पित की है. साथ ही उन्होंने कुछ सुझाव भी सरकार को दिए हैं.
वहीं, इससे पहले 28 जनवरी को महाकुंभ में 5.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया था. अब तक महाकुंभ में बीस करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं. मौनी अमावस्या पर कुंभ में स्नान का अपना महत्व है. इसलिए देश दुनिया के करोड़ों श्रद्धालु संगम में स्नान के लिए प्रयागराज पहुंचे हैं.