Maa Danteshwari: शारदीय नवरात्रि की 9 दिन माता दंतेश्वरी के मंदिर में लाखों श्रद्धालु उमड़ पढ़ते हैं। जहां एक ओर बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी को यहां के स्थानीय क्षत्रिय समाज के धाकड़ पुजारी आदिकाल से पूजते आ रहे हैं।वहीं दूसरी ओर शांतिकुंज हरिद्वार से बस्तर का आदिवासी समाज जो दीक्षित हो उठा है ऐसे गायत्री परिवार से जुड़े लोग दंतेवाड़ा में एक विशेष अनुष्ठान मेनका डोगरा डोम में विगत वर्षों से सूक्ष्म यज्ञ के माध्यम से कर रहे है।
जहां बस्तर में एक ओर यहां के स्थानीय आदिवासी समाज के लोग अपनी संस्कृति में मां गायत्री को जोड़कर अपने जीवन और अपने समाज को उत्थान की ओर ले जा रहे हैं, इसमें युग पुरुष श्री राम शर्मा आचार्य जी का विशेष योगदान है सन 1980 के दशक से मां गायत्री मंदिर का दंतेवाड़ा के पावन नगरी में स्थापना की गई है।
वहीं सुदूर अंचल के ग्रामीण इलाकों से भी लोग गायत्री परिवार से जुड़ते आ रहे हैं और इसी का परिणाम है कि गायत्री परिवार का एक विशेष अंग जो शारदी नवरात्रि के नौ दिनों में विशेष सूक्ष्म यज्ञ का अनुष्ठान का आयोजन करता है इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य बाहर से आ रहे लाखों श्रद्धालुओं को इस यज्ञ के माध्यम से एक विचार क्रांति अभियान के साथ में जोड़ना उनका मुख्य उद्देश्य है।
साथ में दूर दराज के ग्रामीण अंचलों से आ रहे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के वह भटके हुए लोग जो आज भी नशा -पान , मांस- मदिरा का सेवन कर अपने जीवन को नशे की ओर धकेल रहे हैं। वहीं शांतिकुंज हरिद्वार से दीक्षित गुरु दीक्षा प्राप्त कर जन मानस में मां गायत्री एवं जीवन जीने की कला को लगातार मां गायत्री के उपासक श्री राम शर्मा आचार्य जी का विचार क्रांति अभियान को जगह-जगह पहुंचा रहे हैं, गायत्री परिवार से जुड़े गुरु बंधु सिन्हा जी ने बताया कि हमारा प्रमुख उद्देश्य परिवार गायत्री परिवार का युग निर्माण योजना चलता है युग के अंतर्गत इसी युग के लोग आते हैं।
लोगों में आस्था जागृत करना, सुदूर ग्रामीण अंचलों से आने वाले तीर्थ यात्रियों को कोई बताने वाला नहीं है कि यहां पर फूल भगवान को क्यों चढ़ाते हैं ,फूल चढ़ाने का क्या तात्पर्य है नारियल क्यों चढ़ाते हैं। ग्रामीण अंचल से आए भोले भाले आदिवासियों को उसका मूल उद्देश्य बताते हैं यहां प्रतिदिन हम गायत्री परिवार के लोग सूक्ष्म यज्ञ के माध्यम से हम लोगों के अंदर आस्था जागृत करना चाहते हैं।
युग निर्माण योजना तभी सफल होगा जब दुनिया के प्रत्येक व्यक्तियों में आस्था जागृत होगी ,अच्छे विचार आएंगे आने वाले फरवरी 2024 महीने में 2 से 5 फरवरी के बीच में विराट 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ संपन्न होने जा रहा है। उसमें दूर-दूर से लोग आएंगे शांति कुंज हरिद्वार से पूरी टोली अखिल भारतीय विश्व परिवार के देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर चिन्मय पंड्या जी पधार रहे हैं।
उनका दर्शन करना देवतुल्य माना जाता है इस पवित्र कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में लोग आए उसके लिए पूरे जिले भर में शांतिकुंज हरिद्वार से लाए शक्ति कलश की पूजा विभिन्न स्थानों पर विधिवत की जा रही है शक्ति कलश का प्रचार प्रसार कई दिनों से हो रहा है।जिसे हरिद्वार से लाया गया है गांव गांव में उसे घुमाया जा रहा है।
संदेश दिया जा रहा है कि दंतेवाड़ा की पावन नगरी में 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन होने जा रहा है हम सभी को आवाहन करते हैं कि अधिक से अधिक संख्या में लोग यहां पर आए और इस गायत्री महायज्ञ में गांव के देव- देवी देवताओं को भी लेकर आए सभी लोगों को निमंत्रण दिया जा रहा है।
केवल गायत्री परिवार के लोग ही नहीं आम जनमानस को भी भाव भरा निमंत्रण दिया जा रहा है माता दंतेश्वरी के दर्शन करने आए सभी श्रद्धालुओं को हमारा निवेदन है कि इस विशेष अनुष्ठान में आए और अपने जीवन को अनुग्रहित करें।
- दंतेवाड़ा से चंद्रकांत सिंह क्षत्रिय की रिपोर्ट