Lucknow News: लखनऊ में गोमतीनगर विस्तार में जनेश्वर मिश्रा पार्क के पास जी-20 मार्ग पर मंगलवार सुबह रईसजादों की तेज रफ्तार एसयूवी ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) में तैनात एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव के इकलौते बेटे को टक्कर मार दी। मां के सामने ही स्केटिंग कर रहे मासूम की मौत हो गई।
श्वेता लंबे समय तक बतौर एसीपी गोमतीनगर तैनात रहीं। इसी सर्किल में गोमतीनगर विस्तार भी आता है। हादसा भी उसी इलाके में हुआ। गोमतीनगर में तैनाती के दौरान श्वेता ने मरीन ड्राइव सहित अन्य जगहों पर स्टंटबाजों के खिलाफ अभियान चलाकर कड़ी कार्रवाई की थी।
टक्कर इतनी जोरदार थी कि नामिष करीब 15 फीट उछला और फिर एसयूवी के बोनट पर बायीं तरफ गिरा। फिर भी चालक ने एसयूवी नहीं रोकी और भाग निकला। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से 10 घंटे में कार चालक सपा के पूर्व जिला पंचायत सदस्य के बेटे और उसके साथी को गिरफ्तार कर एसयूवी बरामद की ली।
Lucknow News: गाजीपुर थानाक्षेत्र के संजय गांधीपुरम निवासी श्वेता श्रीवास्तव का नौ साल का बेटा नामिष सेंट फ्रांसिस की गोमतीनगर शाखा से तीसरी कक्षा का छात्र था। श्वेता उसे सुबह साढ़े पांच बजे जनेश्वर मिश्रा पार्क में स्केटिंग का अभ्यास करवाने ले गईं थी। नामिष व उसका एक साथी कोच के साथ जी-20 मार्ग पर स्केटिंग कर रहे थे। श्वेता सड़क के दूसरी तरफ थीं। इसी दौरान शहीद पथ की ओर से आई तेज रफ्तार एसयूवी ने नामिष को जोरदार टक्कर मार दी। खून से लथपथ नामिष को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
इसके बाद हरकत में आई पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से शाम को इंदिरानगर सेक्टर-12 निवासी सार्थक सिंह और उसके दोस्त देवश्री वर्मा को गिरफ्तार किया गया। जांच में सामने आया कि देवश्री कानपुर निवासी सराफ चाचा अंशुल वर्मा की एसयूवी लेकर सुबह निकला था। हादसे के वक्त एसयूवी सार्थक चला रहा था।
Lucknow News: सार्थक एमिटी यूनिवर्सिटी में एलएलबी तृतीय वर्ष व देवश्री रामस्वरूप विवि में बीटेक तृतीय वर्ष के छात्र हैं। वहीं सार्थक के पिता रविंद्र सिंह उर्फ पप्पू बाराबंकी के रामनगर से सपा से जिला पंचायत सदस्य रहे हैं। इस मामले में पुलिस ने दोनों आरोपियों पर गैर इरादतन हत्या की धारा में एफआईआर की है। डीसीपी पूर्वी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि मामले में साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।
मासूम नामिष की जान लेने वाले रईसजादों पर रफ्तार का जुनून चढ़ा था। दोनों ने होड़ लगा रखी थी कि कौन सबसे तेज एसयूवी दौड़ाएगा। जब सार्थक सिंह एसयूवी चला रहा था तो रफ्तार 150 पार हो गई थी। मामूली से मोड़ पर एसयूवी बिल्कुल किनारे तक पहुंची और नामिष को चपेट में ले लिया। इस तरह रफ्तार का कहर नामिष की जान निगल गया।
हादसे को अंजाम देने वाले सार्थक और देवश्री एक ही मोहल्ले में रहते हैं। देवश्री के पिता सराफ हैं। डीसीपी पूर्वी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि देवश्री के कानपुर निवासी चाचा अंशुल उसके घर आए हुए थे। उनकी ही एसयूवी लेकर देवश्री मंगलवार भोर करीब चार बजे घर से निकला था। साथ में सार्थक भी था। इधर-उधर घूमने के बाद दोनों जी-20 तिराहे पर पहुंचे थे।
दोनों ने होड़ लगाई कि देखते हैं कौन ज्यादा तेज गाड़ी चलाएगा। सबसे पहले देवश्री ड्राइविंग सीट पर बैठा और शहीद पथ तक एसयूवी दौड़ाई। वापसी में शहीद पथ से सार्थक ने स्टेयरिंग संभाली। रफ्तार के जुनून में वह एक्सीलरेटर दबाता रहा। रफ्तार 150 पार हो गई। वह नियंत्रण खोया ही था कि जी-20 तिराहे से करीब आठ सौ मीटर पहले स्केटिंग कर रहे नामिष को टक्कर मार दी। पूछताछ में सार्थक व देवश्री ने होड़ लगाकर एसयूवी दौड़ाने की बात कुबूल की है। डीसीपी ने बताया कि हादसे के बाद भी वह काफी रफ्तार में ही एसयूवी भगाकर ले गया था।
Lucknow News: डीसीपी ने बताया कि जब देवश्री शहीद पथ की तरफ एसयूवी लेकर गया था तब बीच में एक मां-बेटी जा रही थीं। वह दोनों एसयूवी की चपेट में आते-आते बच गई थीं। पुलिस ने उनसे संपर्क किया। मां-बेटी ने एसयूवी की रफ्तार के बारे में जब बताया तो उनके चेहरे पर दहशत साफ दिख रही थी। पुलिस का कहना है कि अब तक जो साक्ष्य सामने आए हैं, उससे स्पष्ट है कि हादसे की वजह रफ्तार थी।
पुलिस ने दोनों आरोपियों से सख्ती से पूछताछ की। तब वह बोले कि जिस तरह से टक्कर लगी थी, उससे उन्हें पता था कि बच्चा बचेगा नहीं। वह मर गया है। इसी के चलते उन्होंने गाड़ी नहीं रोकी। वहां से भागने के बाद सुषमा अस्पताल के पास पहुंचकर एसयूवी रोककर उसका मुआयना किया कि डैमेज कहां हुआ है। कुछ देर बाद जब सोशल मीडिया पर हादसे की खबर चली तब उनको पता चला कि हादसा कर जिस बच्चे की जान ली है वह पुलिस अधिकारी का बेटा है। इसलिए वह बचने की फिराक में जुट गए थे।
Lucknow News: श्वेता खुशी-खुशी बेटे को लेकर मंगलवार भोर घर से निकली थीं। नामिष स्केटिंग कर रहा था और श्वेता टहलते हुए फोन पर बात कर रही थीं। सबकुछ ठीक था। तभी अचानक जिगर के टुकड़े को एसयूवी ने टक्कर मार दी। खून से लथपथ बेटे को देख श्वेता का दिल लहूलुहान हो गया। दिमाग सुन्न हो गया। वह समझ नहीं पा रही थीं करें तो क्या करें। फिर बेबसी में एक मां दहाड़ मारकर चीखने चिल्लाने लगी। जो भी वहां से गुजरा वह ये देख गम में डूब गया। इकलौते बेटे की मौत मां-बाप को जिंदगी भर का गम दे गई।
नामिष को स्केटिंग का शौक था। वह हर दिन मां के साथ जनेश्वर मिश्र पार्क में स्केटिंग करने जाता था। मंगलवार को पार्क परिसर के बाहर रोड साइड में स्केटिंग का अभ्यास था। इसलिए नामिष व एक किशोर को लेकर कोच जी-20 मार्ग पर निकले थे। इसी दौरान हादसा हो गया।
Lucknow News: श्वेता के पति अभिनय गुरुग्राम में कार्यरत हैं। बेटे की मौत की सूचना पाते ही वह बिलखते हुए दोपहर में यहां पहुंचे। इकलौता बेटा खोने के गम में श्वेता व अभिनय पूरी तरह से टूट गए हैं। मानों गम का पहाड़ उन पर टूट गया हो। ये सदमा बर्दाश्त करना आसान नहीं है।।
श्वेता लंबे समय तक बतौर एसीपी गोमतीनगर तैनात रहीं। इसी सर्किल में गोमतीनगर विस्तार भी आता है। हादसा भी उसी इलाके में हुआ। गोमतीनगर में तैनाती के दौरान श्वेता ने मरीन ड्राइव समेत अन्य जगहों पर स्टंटबाजों के खिलाफ अभियान चलाकर कड़ी कार्रवाई की थी। कभी सोचा भी न था कि एक दिन उसी तरह के दो रईसजादे रफ्तार के कहर से उनके ही बेटे की जान ले लेंगे।