Loksabha Election Survey: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान शुरू होने से पहले CSDS-Lokniti ने अपने सर्वे का डेटा जारी किया है। आंकड़े बताते हैं कि भाजपा के नेतृत्व वाला NDA (National Democratic Alliance) विपक्षी दलों के INDIA (Indian National Developmental Inclusive Alliance) ब्लॉक पर बढ़त बना लेगा।
हालांकि, समाज के विभिन्न वर्गों में बेरोजगारी और महंगाई से असंतोष इस बात की ओर इशारा करता है कि चुनाव में कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी। काफी लोग एनडीए सरकार से संतुष्ट है लेकिन 2019 की तुलना में इस बार संख्या कम है। 2019 चुनाव से पहले 65% लोगों ने कहा कि वो सरकार से थोड़े-बहुत या बहुत अधिकसंतुष्ट हैं। 2024 में ऐसे उत्तरदाताओं का प्रतिशत घटकर 57% रह गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में कीमतों में 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई। उनके दूसरे कार्यकाल में यह वृद्धि 32 प्रतिशत थी। उनके पूरे दस साल के कार्यकाल में सामान्य कीमतों में कुल 64 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इस महंगाई के दौरान, आपकी आर्थिक स्थिति कैसी रही, इसे आप पांच या दस साल पहले की स्थिति के साथ तुलना करके अनुमान लगा सकते हैं।
2019 में सर्वे में शामिल 47 प्रतिशत लोग मोदी सरकार को एक और मौका देने के पक्ष में थे। 2024 में यह संख्या घटकर 44 रह गई है। दूसरी तरफ 2019 में सरकार को दोबारा मौका न देने के पक्ष में 35 प्रतिशत लोग थे, जिनकी संख्या अब 39 प्रतिशत हो गई है।
आर्थिक मंदी, बढ़ती बेरोजगारी और गरीबी के कारण लोगों की संतुष्टि में कमी आ रही है। सर्वे के अनुसार, यही मोदी सरकार के शीर्ष तीन सबसे कम लोकप्रिय पहल हैं। विशेष रूप से यदि केवल विपक्ष का समर्थन करने वाले मतदाताओं पर विचार किया जाता है, तो उनमें से आधे से ज़्यादा लोगों ने इन तीनों कारकों को मोदी जी द्वारा किए गए सबसे खराब कार्य के रूप में उद्धृत किया।
सीएसडीएस-लोकनीति के सर्वे के मुताबिक, चुनाव के तीन सबसे बड़े मुद्दे- बेरोजगारी, महंगाई और विकास हैं। भ्रष्टाचार चौथे नंबर पर है।