Lok Sabha Elections 2024: मिशन 2024 फतह करने के लिए बीजेपी का फोकस ओबीसी पर है। ऐसे में एनडीए के यूपी के सहयोगी दल और अधिक हिस्सेदारी की तैयारी कर रहे हैं।
गौर करें तो उत्तर प्रदेश में बीजेपी के तीनों सहयोगी ओबीसी समुदाय से आते हैं। अपना दल एक कुर्मी केंद्रित पार्टी है। निषाद पार्टी का निषाद जाति समूहों के बीच मजबूत आधार है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का राजभर समुदाय में जनाधार है।
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में अपना दल ने मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज की सीटों पर कब्जा किया था। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर से और पकौड़ी लाल कोल रॉबर्ट्सगंज से जीते थे। 2014 में भी अपना दल ने दो सीटों, मिर्जापुर और प्रतापगढ़ पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। इस प्रकार पार्टी ने सफलता दर 100 प्रतिशत बरकरार रखी है।
सूत्रों की मानें तो अपना दल ने इस बार पांच सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बनाया है। पार्टी मिर्जापुर, जौनपुर, कौशाम्बी, प्रयागराज, प्रतापगढ़ और रॉबर्ट्सगंज संसदीय क्षेत्र में अपना दल के चुनाव चिह्न पर लड़ना चाहती है। अपना दल के एक नेता ने कहा, ”अधिक सीटों की हमारी मांग अनुचित नहीं है। हमने लगातार दो लोकसभा चुनावों में 100 प्रतिशत सफलता दर दिखाई है और हमारे नेताओं ने कभी भी बीजेपी से कोई मांग नहीं की है।
इस साल की शुरुआत में चुनाव आयोग ने अपना दल को एक पंजीकृत राजनीतिक दल से बढ़ाकर एक राज्य पार्टी बना दिया था। पार्टी ने 2017 में नौ विधायकों से बढ़कर 2022 के यूपी चुनावों में 13 सीटों पर जीत हासिल की।
निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद योगी सरकार में मंत्री हैं। पहले ही 27 लोकसभा सीटों के लिए दावा कर चुके हैं। मछुआरा समुदाय अत्यंत पिछड़ा वर्ग की बड़ी आबादी है। 2017 के विधानसभा चुनावों में निषाद पार्टी ने केवल एक सीट जीती थी। विजय मिश्रा ने भदोही के ज्ञानपुर में जीत का परचम लहराया था।
2022 के विधानसभा चुनावों में जीत की संख्या बढ़कर 6 हो गई, जब उसने बीजेपी के साथ गठबंधन किया. बीजेपी ने संजय निषाद को यूपी विधान परिषद में पहुंचा दिया और उन्हें योगी सरकार में मंत्री पद मिला। 2019 के लोकसभा चुनाव में संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद को जीत मिली। प्रवीण निषाद ने बीजेपी के टिकट पर संत कबीर नगर से कामयाबी हासिल की। निषाद पार्टी अब लोकसभा चुनाव अपने चुनाव चिह्न पर लड़ना चाहती है और ‘अपनी राजनीतिक पहचान बनाना’ चाहती है। 2022 के विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी ने 11 सीटों पर जीत दर्ज की थी। अबकी बार निषाद पार्टी पहले से अधिक सीटों की माँग करने लगी है।
वहीं यूपी की राजनीति में किंगमेकर होने का दावा करने वाले सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर भी 2024 में सीटों की बड़ी हिस्सेदारी पर नजर गड़ाए हुए हैं। पूर्वी यूपी के 20 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में समाजवारदी पार्टी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। समाजवादी पार्टी ने चुनाव से पहले ओम प्रकाश राजभर की अगुवाई वाले सुभासपा के साथ गठबंधन किया था। सुभासपा की संख्या 2017 में चार से बढ़कर 2022 में 6 हो गई।
राजभर ने कहा, ”समय के साथ हमारी ताकत बढ़ी है और हम अब एक ताकतवर ताकत बन गए हैं।” लेकिन, उनकी सारी उम्मीदें योगी कैबिनेट में शामिल होने पर टिकी हैं। उनकी नजर बेटे अरुण राजभर के लिए एक सीट पर भी है। इस तरह से सुभासपा बीजेपी से बड़ी डील करने की तैयारी में है। इस तरह से देखा जाए तो यूपीए की ये किचकिच बीजेपी को तकलीफ देने वाली है।