Living Alone in the City: वक्त काफी तेजी से बदल रहा है और नए जमाने की लड़कियां अब अपने करियर और फ्यूचर को लेकर काफी सजग हो गई हैं. मेट्रो सिटी में अकेले रहने वाली, वर्किंग, सिंगल वुमन के पर्सेंट में भी इजाफा हुआ है. ये ट्रेंड भले ही वुमन इम्पावरमेंट की कहानी कहते हों लेकिन ये सफर इतना आसान नहीं है.
अपने सतरंगी सपनों की उड़ान को मंज़िल तक पहुंचाने के लिए लड़कियों को अक्सर अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आकर अपनी जमीन तलाशनी होती है. हॉयर स्टडीज या फिर जॉब के सिलसिले में लड़कियों को छोटे शहरों और कस्बों से निकल कर, नई दौड़ती भागती मेट्रो सिटी में निपट अकेले रहना होता है.
‘लिविंग अलोन इन द सिटी’ सुनने में जितना एक्साइटिंग लगता है ये उतना ही चैलेंजिंग और टफ है. घर-परिवार से दूर आपको एक मेट्रो सिटी के नये माहौल में, खुद को एडजस्ट करना होता है, यहां काम और पढ़ाई के साथ अपना ख्याल भी खुद रखना होता है. खासकर लड़कियों को अपनी सेफ्टी को लेकर भी हर वक्त अलर्ट रहना पड़ता है. लेकिन कुछ बातों को अपनाकर आप मेट्रो सिटी में अपने इस तन्हा रहने को एन्जॉय कर सकते हैं.
इस अकेलेपन को यादगार बना सकते हैं और अपने सपनों में रंग भर सकते हैं मेट्रो सिटी में सबसे पहला चैलेन्ज होता है अपने लिए एक आशियाना ढूंढ़ना. यकीन मानिए, सिंगल लड़के-लड़कियों को महानगर में एक अदद फ्लैट रेंट पर लेने के लिए बहुत सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. कई सोसाइटी में तो बाहर ही बोर्ड लगा होता है- ‘सिंगल नॉट एलाउड’ सो इन सब हर्डल को पार करते हुए, एक फ्लैट खोजना होता है वो भी अपने बजट और अपनी सहूलियत को देखते हुए.
चुनें सेफ फ्लैट
मेट्रो सिटी में इंडिपेंडेंट हाउस की जगह आप किसी वेल नोन सोसाइटी में ब्रोकर, फ्रेन्ड या किसी रिलेटिव की मदद से फ्लैट लें. अगर ऑफिस की वजह से शिफ्ट हुए हैं तो एच.आर और कलीग्स से इस बारे में हेल्प ले सकते हैं. नए फ्लैट में शिफ्ट होने से पहले उस बिल्डिंग और फ्लैट की सिक्योरटी को अच्छी तरह चेक कर लें और ये श्योर कर ले कि वहां 24×7 सिक्योरटी गार्डस, सीसी टीवी कैमरा और विजिटर नोटबुक की फैसेल्टी है. सोसाइटी को भी देख लें कि वहां कैसे लोग रहते हैं और अन्य सुविधा क्या है. इसमें आप अपने ओनर की हेल्प ले सकती हैं. साथ ही कोशिश करें कि आपके फ्लैट के आसपास फैमिली रहती हो. शॉपिंग कॉम्पलैक्स भी आसपास हो तो बेहतर है.
अजनबी को विदा करें गेट से
आप जब अकेले रहती हैं तो आपको बेहद अलर्ट रहना होता है. रात के समय बालकनी का दरवाजा खुला न रखें. और सोने से पहले विंडो और गेट का लॉक जरूर चेक करें. इस बात का खास ख्याल रखें कि किसी अजनबी के लिए गेट न खोलें. कभी भी दरवाजा खोलने से पहले मैजिक आई से देख लें कि कौन है. दूधवाले, सब्जीवाले और पेपर वाले से सामान लेकर गेट पर ही विदा करें. और अगर पेमेंट या किसी अन्य काम से अंदर जाना पड़े तो गेट ल़ॉक करके जाना न भूलें. इतना ही नहीं अगर कभी किसी को अंदर बुलाना पड़े तो गेट खुला रखें और आप गेट के आस-पास ही रहें. अपने सिक्योरटी गार्ड को खासतौर पर कह रखें कि रात को 9 बजे के बाद किसी अजनबी को आना अलाउ न करें. साथ ही फ्लैट में अलार्म सिस्टम लगवा लें.
पड़ोसियों से मेंटन रखें रिलेशन
एक नये शहर में हमारे पड़ोसी ही रिश्तेदार होते हैं. ये ठीक है कि जब आप अकेले रहती हैं तो खुद को थोड़ा रिजर्व रखना पड़ता है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप किसी से बात न करें उनसे कोई संपर्क न रखें. आप अपने पड़ोसियों से हैलो-हाय जरूर रखें. सामना होने पर स्माइल इंटरचेंज करें. फेस्टिवल पर विश करें और स्वीट्स भी दें, जरूरत पड़ने पर उनकी हेल्प भी करें. ये ध्यान रखें कि मुश्किल पड़ने पर आपके पड़ोसी ही काम आते हैं. लेकिन हां, अपने बारे में सारी इन्फार्मेशन किसी से न शेयर करें. साथ ही उनको घर में न ज्यादा बुलाएं न खुद उनके घर जाएं. पड़ोसियों को गॉसिप करने का कोई अवसर न दें.
करें स्मार्ट यूज मोबाइल फोन का
मोबाइल फोन ने हमारी आपकी ज़िंदगी को काफी आसान कर दिया है. ये न केवल एंटरटेनमेंट और कम्युनिकेशन में हेल्प करता है बल्कि एक सेफ्टी डिवाइस की तरह भी काम आता है. आप अपने कुछ खास दोस्तों और और फैमिली मेंबर्स के नंबर को स्पीड डायल में सेव रखें ताकि उन्हें जरूरत पड़ने पर आप तुरंत कॉल कर सकें. इसके अलावा हेल्पलाइन, पुलिस स्टेशन और एम्बुलेंस के नंबर संभाल कर रखें.
घर या ऑफिस से बाहर निकलने से पहले मेक श्योर करें कि आपका फोन पूरी तरह चार्ज है. इसके अलावा हम औरतों के लिए कुछ सेफ्टी मोबाइल एप्लीकेशन्स भी हैं जिन्हें आप डाउनलोड कर रख सकती हैं. ये आपके मूवमेंट को ट्रैक करते हैं साथ ही इनमें आटोडॉयलिंग और अलार्म के आप्शन भी मौजूद होते हैं.
बॉडी लैंग्वेज का रखें ख्याल
हमारी चाल-ढाल काफी कुछ बयां कर देती है, सो आप अपने बॉडी लैंग्वेज पर खास ध्यान दें. कभी भी सिर झुकाकर न चलें और न नर्वस दिखें. लोगों से बात करते हुए आई कान्टेक्ट बनाये रखें और कान्फिडेन्ट होकर बात करें.
सोशल मीडिया पर रहें अलर्ट
इन दिनों सोशल मीडिया का बहुत क्रेज है. हर छोटी-बड़ी बात, पसर्नल बातें और तस्वीरें तक लोग यहां पोस्ट कर देते हैं जिसका उन्हें कई बार बाद में खामियाजा भुगतना पड़ता है. अगर आप अकेले रहती हैं तो अपनी पोस्ट को लेकर बेहद सजग रहें. अपने डेली शेड्यूल और पर्सनल इन्फार्मेन्शन को फेसबुक, इन्सटाग्राम पर डालने से बचें. हो सकता है कि कोई आपकी स्टाकिंग कर रहा हो और इन जानकारियों का इस्तेमाल करके आपके लिए मुसीबत खड़ी कर दे. सो, जब आप अकेले रहती हैं तो आपकी सुरक्षा और प्राइवेसी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है. सोशल मीडिया फ्रेन्ड्स को घर पर न बुलाएं और न ही किसी अजनबी से मिलने जाएं. अगर मिलना पड़े तो पब्लिक प्लेस में मिलें और उसके बारे में सारी डिटेल अपनी किसी क्लोज फ्रेन्ड से जाने से पहले जरूर शेयर करें.
पहनावे का रखें ख्याल
माय बॉडी, मॉय च्वाइस तो ठीक है लेकिन आपकी सेफ्टी ज्यादा जरूरी है. सो अपनी ड्रेसिंग को लेकर सजग रहें और रीविलिंग ड्रेस पहनने से बचें. इसके अलावा लेट नाइट तक ऑफिस में न रूकें, सुनसान जगहों पर रात में न जाएं और जरूरत होने पर किसी पुरूष सहयोगी के साथ जाएं. रात में ट्रैवलिंग के लिए पब्लिक ट्रान्सपोर्ट जैसे मेट्रो, लोकल ट्रेन या बस का यूज करें. वैसे इन सबको अपनाकर हम क्राइम को रोक तो नहीं सकते लेकिन अपनी सेफ्टी को जरूर सिक्योर कर सकते हैं.
सेल्फ डिफेंस सीखें
आज के समय में लड़कियों को सेल्फ डिफेंस जरूर आना चाहिए. अगर संभव हो तो मार्शल आर्टस की क्लास ले लें. या फिर सेल्फ डिफेंस टिप्स के लिए नेट पर सर्च करें, इससे आपको बहुत हेल्प मिलेगी. आप कोशिश करें कि देर रात घर से बाहर न निकलना पड़े. साथ ही लेट नाइट में पब्लिक या प्राइवेट ट्रान्सपोर्ट में अकेले सफर करने से बचें. अगर आप ओला, उबर से ट्रैवल कर रहे है तो ट्रैकर ऑन रखें और अपने घर में किसी से या फिर दोस्त को ट्रैकर शेयर कर दें. वो आपकी मूवमेंट पर नज़र रखेगा और किसी अनहोनी की आशंका होने पर आपकी हेल्प कर सकता है.
अपने बैग में हमेशा पेपर स्प्रे रखें. ये किसी भी केमिस्ट की दुकान पर आसानी से मिल जाता है. पेपर स्प्रे न होने पर लाल मिर्च पाउडर भी यूज कर सकती हैं. वेस्टर्न कंट्रीज में महिलाएं इलेक्ट्रिक गन का इस्तेमाल करती हैं. ये ऑन लाइन एवलेबल है. अगर आप पर किसी पुरुष हमलावर ने अटैक किया है तो पैरों के बीच में या पिर उसकी आंखों पर अटैक करें. वैसे आंखों पर अटैक करना ज्यादा फायदेमंद होगा और आपको भागने के लिए वक्त मिलेगा.
अपने लिए निकालें वक्त
अक्सर अकेले रहनेवाली लड़कियों को अकेलापन बहुत सताता है और वो कई बार डिप्रेशन में चली जाती हैं. आप अपने इस अकेलेपन को कमजोरी नहीं अपनी ताकत बनाएं. हमेशा खुद को ये याद दिलाती रहें कि ये आपकी ज़िंदगी का गोल्डेन टाइम है, इसे आप बिना किसी रोकटोक के अपनी शर्तों पर जी सकती हैं और अपने लिए देखे सपनों को सच कर दिखा सकती हैं. आप अपने फैमिली और दोस्तों से फोन पर टच में बने रहें.
भले ही आप कितनी भी बिजी हों लेकिन अपने बिजी शेड्यूल से थोड़ा वक्त अपने लिए निकालें और नये शहर को एक्सप्लोर करें. नये शहर में नये दोस्त बनाएं, उनके साथ वीकेंड पर शॉपिंग करने, मूवी देखने जाएं. अगर कोई कंपनी नहीं मिलती है तो खुद की कंपनी भी बुरी नहीं है. साथ ही खाली वक्त में आप अपनी हॉबी भी पूरा कर सकती हैं कुछ नयी स्किल्स सीख सकती हैं.
- नर्मदा न्यूज के लिए प्रियम्बदा रस्तोगी