Lalu Yadav_ED: रेल मंत्री रहते हुए नौकरी देने के बदले जमीन हासिल करने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने लालू यादव से 10 घंटे पूछताछ की। वहीं प्रवर्तन निदेशालय आज तेजस्वी यादव से पूछताछ कर सकता है।
राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है। इस बीच राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में पूछताछ के बाद ईडी कार्यालय पहुंचे थे। घंटों तक पूछताछ के बाद लालू राबड़ी आवास निकल गये।
इससे पहले आज उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पटना स्थित दफ्तर में पेश होना पड़ा हुए। सुबह 11 बजे राबड़ी आवास से बेटी और सांसद मीसा भारती के साथ लालू प्रसाद ईडी दफ्तर पहुंचे।
Lalu Yadav_ED: इस दौरान वहां मौजूद राजद कार्यकर्ताओं की भीड़ ने लालू की गाड़ी को घेर लिया और उनके समर्थन में नारेबाजी करने लगे। लालू ने उनसे शांति बनाए रखने की अपील की। इसके बाद ईडी दफ्तर पहुंची। ईडी की टीम उनसे देर शाम तक पूछताछ की।
लालू प्रसाद यादव के ईडी दफ्तर पहुँचते ही दफ्तर के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई। ईडी दफ्तर के बाहर राजद समर्थकों की भीड़ जुटने लगी।
राजद के कई विधायक भी पहुंचे। समर्थक केंद्र सरकार के विरोध में नारेबाजी करने लगे। राजद समर्थकों ने आरोप लगाया कि लालू यादव बीमार हैं। उन्हें जान-बूझकर परेशान करने की कोशिश हो रही है। पूरे 10 घंटे तक बाहर यह डर कायम था कि कहीं उन्हें गिरफ्तार तो नहीं कर लिया जाएगा!
दरअसल, नौकरी के बदले जमीन घोटाला केस में पूछताछ के लिए लालू प्रसाद और उनके बेटे तेजस्वी यादव को पूछताछ के लिए बुलाया था। लालू को 29 जनवरी और तेजस्वी यादव को 30 जनवरी को पेश होने कहा गया था। लालू प्रसाद ईडी के सवालों का जवाब देने पहुंचे थे।
Lalu Yadav_ED: इससे पहले 19 जनवरी को ईडी की टीम राबड़ी आवास पहुंची। एक अधिकारी की ओर समन के कागजात दिया था। इसे डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की ओर से रिसीव किया था। इससे पहले भी ईडी की टीम ने लालू यादव और तेजस्वी यादव दोनों पूछताछ के लिए समन भेजा था।
आरोप है कि रेलवे मंत्री रहते हुए लालू यादव इस घोटाले में शामिल थे। यह घोटाला 2004 से 2009 के बीच किया गया था, जहां कई लोगों को रेलवे के विभिन्न जोनों में ग्रुप-डी के पदों पर नौकरियां दी गई थीं।
Lalu Yadav_ED: बदले में इन लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेलवे मंत्री लालू यादव के परिवार के सदस्यों और एक संबंधित कंपनी एके इंफोसिस्टम के नाम कर दी थी। जमीन के बदले नौकरी घोटाले मामले में राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत 17 लोगों को आरोपी बनाया गया था।