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उत्तराखंड के राज्यपाल ने यात्रा की शुरुआत की
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20 दिनों की यात्रा में किसानों को किया जा रहा जागरूक
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उधमसिंह नगर में हुआ विशेष आयोजन, कृषि मंत्री हुए शामिल
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दिल्ली के गए कृषको अधिकारी का रहा विशेष योगदान
देहरादून. सहकार से समृद्धि के केंद्र सरकार के सपने को साकार करने के लिए विकसित भारत संकल्प यात्रा उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में पहुंच रही है, यात्रा की शुरुआत 15 नवंबर को हुई, जिसमें राज्यपाल की ओर से 195 रथों को रवाना किया गया. जन जातीय गौरव दिवस पर इसकी शुरुआत हुई. रथ अगले 20 दिनों तक राज्य के विभिन्न जिलों, कस्बों और गांव में जाएंगे. इनके जरिये सरकार की ओर से चलायी जा रही विकास योजनाओं की जानकारी किसानों और समाज के प्रबुद्ध लोगों को दी जाएगी.
विकसित भारत संकल्प यात्रा की कड़ी में उधमसिंह नगर के सितारगंज के सिसौना गांव में कृभको की ओर से संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें उत्तऱाखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने भाग लिया. संगोष्ठी की अध्यक्षता जिले के डीएम उदय राज वर्मा की, जिसमें मुख्य विकास अधिकारी उमेश मिश्रा के साथ कृभको के अधिकारी जेपी सिंह विशेष रूप से शामिल हुये. संगोष्ठी के दौरान जन जातीय दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण का सीधा प्रसारण किया गया.
कृषि मंत्री ने संगोष्ठी में मौजूद पांच सौ से ज्यादा किसानों को संबोधित करते हुये कहा कि विकसित भारत का सपना तभी साकार होगा, जब हमारे देश का किसान आत्मनिर्भर होगा. पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से किसानों और किसानी को लेकर तमाम योजनाएं चलायी जा रही हैं. किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है. उन्होंने संगोष्ठी के आयोजन के लिए कृभको का धन्यवाद दिया.
संगोष्ठी में कृभको पदाधिकारी जेपी सिंह ने पीएम प्रणाम योजना की चर्चा की और कहा कि इसके जरिये धरती माता की देखभाल और उन्हें स्वस्थ्य रखने का अभियान चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अभी हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती उर्वरकों और रसायनों को खेतों में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल है, जो हमारी धरती को बीमार बना रहे हैं. ये हम सबके के लिए अच्छा नहीं है. ये हमारी सेहत पर असर डालते हैं. हमको कैंसर जैसी बीमारी दे सकते हैं. पीएम प्रणाम योजना हमें इन रासायनों को प्रयोग बदलने के तरीके के बारे में बताती है. हमें मिट्टी और फसलों की देखभाल जैविक तरीकों से करनी चाहिये.
उन्होंने कहा कि ये अभियान हम सबको अपने गांवों से शुरू करना होगा, जिससे हमारी धरती स्वस्थ्य होगी. उन्होंने कहा कि जैसे हम डॉक्टर की सलाह के मुताबिक दवा लेते हैं. वैसे हमें अपनी धरती के स्वास्थ्य के मुताबिक उर्वरकों का इस्तेमाल करना चाहिये. सही उर्वरक का इस्तेमाल होने पर उत्पादों का स्वाद और बढ़ जाता है. उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया एक शक्तिशाली चीज है. ये चमत्कारी है, जो हमारे पौधों को बढ़ने में मदद करती है. नैनो यूरिया के इस्तेमाल से उत्पादन आठ फीसदी तक बढ़ जाता है. उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया का इस्तेमाल करना आसान है, इसे थोड़े से पानी में मिला कर जब पौधे बढ़ जाएं, तो उन पर छिड़काव करना चाहिये. उन्होंने कहा कि अगर आप सही रसायन का उपयोग करेंगे, तो इससे पर्यावरण भी संरक्षित होगा.
संगोष्ठी के बाद ड्रोन के जरिये खेतों में कैसे नैनो यूरिया और रासायनों का छिड़काव कर सकते हैं. इसकी प्रायोगिक जानकारी दी गयी, जिसकी किसानों ने सराहना की और कहा कि इससे हमें मेहनत कम लगेगी और साथ ही खेती की लागत में भी कमी आएगी.