- पीएम नरेंद्र मोदी महत्वाकांक्षी योजना है नमो ड्रोन दीदी
- पहले चरण में हरियाणा की महिलाओं को प्रशिक्षण
- पहले बैच की दस महिलाओं ड्रोन चलाना सीख लिया
- 10 महिलाओं को समारोह में दिया गया प्रमाण पत्र
- फर्टिलाइजर डायरेक्टर ने दिया प्रशिक्षित महिलाओं को प्रमाण पत्र
- दूसरे बैच में 20 महिलाओं का प्रशिक्षण हुआ शुरू
- प्रशिक्षित महिलाओं को समूह को सरकार देगी ड्रोन
Kribhco: देश में पहली बार 70 महिलाओं को ड्रोन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी की महत्त्वाकांक्षी योजना को पूरा करने का जिम्मा कृभको को सौंपा गया है, जिसकी ओर से प्रशिक्षण का काम शुरू कर दिया गया है।
पहले बैच की 10 प्रशिक्षित महिलाओं को प्रमाण-पत्र दिया गया है। ये सभी महिलाएं हरियाणा की रहने वाली हैं, जिनको मानेसर के भोरा कलां ड्रोन ट्रेनिंग सेंटर पर प्रशिक्षण दिया गया।
Kribhco: प्रशिक्षित महिलाओं को प्रमाण-पत्र भारत सरकार के फर्टिलाइजर डायरेक्टर निरंजन लाल ने दिया। इस मौके पर कृभको के अधिकारी जेपी सिंह मौजूद रहे।
Kribhco: कृभको अधिकारी जेपी सिंह ने बताया कि नमो ड्रोन दीदी पीएम नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना है। इसके तहत हरियाणा की 70 महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाना है।
ये पहली बार है कि देश में महिलाओं को ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। जो महिलाएं प्रशिक्षण प्राप्त कर लेंगी और उन्हें प्रणाम पत्र मिल जाएगा, तो उनका प्रमाण-पत्र अगले 10 साल के लिए मान्य होगा।
जेपी सिंह बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त महिलाएं जिस सेल्फ हेल्प ग्रुप ए जुड़ी होंगी, उन्हें भारत सरकार की ओर से ड्रोन दिया जाएगा, इसका कोई भी शुल्क नहीं लिया जाएगा।
प्रशिक्षित महिलाएं जरूरतमंद किसानों के खेतों में ड्रोन से खाद आदि छिड़काव का काम करेंगी, उससे जो आमदनी होगी। वो सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं के बीच बंट जाएगी। इससे उनके बीच आर्थिक समृद्धि आएगी।
दस महिलाओं के प्रशिक्षित होने के बाद 20 महिलाओं के नए बैच का प्रशिक्षण सात जनवरी यानी आज से शुरू हो रहा है। इसके बाद अगले बैच की महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। हरियाणा में महिलाओं के प्रशिक्षण के बाद देश के अन्य राज्यों में भी महिलाओं को ड्रोन का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
कृभको अधिकारी जेपी सिंह ने बताया कि ड्रोन के प्रयोग से खेती आसान होगी। खाद से लेकर अन्य चीजें कुछ ही समय में खेतों में पड़ जायेंगे। इससे किसान भाइयों का समय तो बचेगा ही। साथ ही खाद की मात्रा भी कम लगेगी। खेत में आसमान छिड़काव की समस्या से भी मुक्ति मिलेगी।