Karmayogi Saptah: कर्मयोगी सप्ताह: पीएम मोदी कर्मयोगी सप्ताह की शुरुआत करेंगे। इसमें लोकसेवक राष्ट्रीय लक्ष्यों संग जुड़ने का मंत्र सीखेंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह लोक सेवकों के लिए व्यक्तिगत और संगठनात्मक क्षमता विकास में नई ऊर्जा का संचार करने वाला, अपनी तरह का सबसे बड़ा आयोजन होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में कर्मयोगी सप्ताह, जिसे राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह भी कहा जाता है, का शुभारंभ करेंगे। इसका उद्देश्य सभी लोकसेवकों के बीच आजीवन सीखने की प्रक्रिया को बढ़ावा देना और उन्हें राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ खुद को जोड़ने की कला सिखाना है।
पीएमओ ने बताया कि यह आयोजन लोक सेवकों के लिए व्यक्तिगत और संगठनात्मक क्षमता विकास के क्षेत्र में एक नई गति प्रदान करेगा। यह पहल सीखने और विकास की दिशा में एक नई प्रतिबद्धता को प्रोत्साहित करेगी।
एक सरकार का संदेश
राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह का उद्देश्य ‘एक सरकार’ के सिद्धांत को भी बढ़ावा देना है। पीएमओ के मुताबिक, यह कार्यक्रम व्यक्तिगत प्रतिभागियों और विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, और संगठनों के जुड़ाव के माध्यम से सीखने पर केंद्रित होगा।
इस सप्ताह के दौरान, प्रत्येक कर्मयोगी कम से कम 4 घंटे की योग्यता-आधारित शिक्षा का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध होगा। प्रतिभागी आईजीओटी मॉड्यूल और प्रख्यात विशेषज्ञों द्वारा आयोजित वेबिनार आदि के माध्यम से इन लक्ष्यों को पूरा कर सकते हैं।
मिशन कर्मयोगी: एक नई दिशा
सितंबर 2020 में मिशन कर्मयोगी की शुरुआत के बाद से इसमें उल्लेखनीय प्रगति हुई है। इस मिशन का उद्देश्य भारतीय लोक सेवा को वैश्विक दृष्टिकोण के साथ भविष्य के अनुरूप बनाना है, जिसमें भारतीय संस्कृति और लोकाचार की झलक हो। इस दौरान विभिन्न मंत्रालय, विभाग, और संगठन अपनी-अपनी क्षेत्रों में दक्षताओं को बढ़ाने के लिए सेमिनार और कार्यशालाओं का आयोजन करते हैं।