-
भाजपा सदस्यों ने विधानसभा में किया हंगामा
-
पूर्व मंत्री प्रेम कुमार ने विधानसभा में उठाया मामला
-
नेता प्रतिपक्ष के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों ने अध्यक्ष से मुलाकात
-
अध्यक्ष ने कहा कि सीएम के माफी का सवाल ही नहीं
पटना. पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को विधानसभा के अंदर जिस लहजे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने व्यवहार किया और उनको लेकर बातें कहीं. उसको लेकर हंगामा हो रहा है. एनडीए ने इसको मुद्दा बना लिया है और वो मुख्यमंत्री से माफी की मांग कर रहा है. एनडीए विधायकों का कहना है कि जब तक मुख्यमंत्री माफी नहीं मांगते हैं, तब तक सदन नहीं चलने दिया जाएगा.
सीएम नीतीश ने कहा था ये
जातीय गणना की रिपोर्ट के आधार पर बिहार विधानसभा के अंदर आरक्षण संशोधन विधेयक पास होने के बाद पूर्व सीएम जीतनराम मांझी अपनी बात रख रहे थे. वो जातीय गणना पर सवाल उठा रहे थे. साथ ही अभी तक मिले आरक्षण की समीक्षा की मांग कर रहे थे. इसी पर सीएम नीतीश कुमार नाराज हो गये थे और उन्होंने जीतनराम मांझी को खरी-खोटी सुनायी. उन्होंने कहा कि ये खुद को पूर्व मुख्यमंत्री कहता है, ये हमारी गलती है, जो हमने इसको मुख्यमंत्री बना दिया था.
हमने इसको वापस भेजा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मैं इसको बहुत अच्छे से जनता हूं. इसको कोई जानकारी नहीं है. ये मेरी मूर्खता थी, जो हमने इसको सीएम बना दिया. जब हमने इसको बनाया, उसके दो महीने के बाद ही हमारे दल के सदस्य कहने लगे, ये ठीक नहीं है. इसको हटाओ. इसके बाद हमने इसको हटाया और फिर से मुख्यमंत्री बने. हम इससे कह रहे थे कि एनडीए में रहो, लेकिन सात दलों के साथ चला आया. अब हमने फिर इसको वापस भेज दिया है.
सीएम नीतीश ने बहुत गलत किया
मुख्यमंत्री की व्यवहार से नाराज जीतनराम मांझी ने प्रतिक्रिया दी और कहा कि मुख्यमंत्री ने बहुत गलत किया है. उन्होंने दलित नेता के साथ दुर्व्यवहार किया है. जीतनराम मांझी का साथ भाजपा के सदस्यों ने दिया. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि ये दलित नेता का अपमान है. मुख्यमंत्री को इसके लिए माफी मांगनी चाहिये. भाजपा की ओर से शुक्रवार को जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो पूर्व मुख्यमंत्री के साथ हुए व्यवहार को लेकर धरना दिया गया.
सीएम का इस्तीफा मांगा
भाजपा के सदस्यों ने विधानसभा के गेट के बाहर धरना दिया. हाथों में तख्तियां लेकर बैठे भाजपा सदस्य मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. इनका कहना था कि मुख्यमंत्री ने दलित नेता का अपमान किया है. इसलिए उन्हें बिना शर्त माफी मांगनी चाहिये. साथ ही नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग कर रहे थे.
जीतनराम मांझी का सीएम पर खुलासा
इधर, पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोला और उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खाने में कुछ दिया जा रहा है. हाल की घटनाएं इसकी ओर इशारा करती है. उन्होंने कहा कि पहले महावीर चौधरी की पूण्यतिथि पर उन पर माल्यार्पण नहीं करके मुख्यमंत्री मंत्री अशोक चौधरी पर फूल डाल दिये, जो अभी जीवित है. इसके बाद सदन में महिलाओं को लेकर जो बयान दिया, उसको देश दुनिया ने देखा. इसके बाद हमारे साथ किस तरह का व्यवहार किया. वो अभी 74 साल के हैं, जबकि मैं 80 साल का हूं. वो 1985 में विधायक बने, हम 1980 में विधायक बन गये थे.
भाजपा सदस्यों ने की नारेबाजी
इधर, विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई, तो भाजपा के सदस्यों ने हंगामा करना शुरू किया. इनकी मांग थी कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार माफी मांगे. पूर्व मंत्री प्रेम कुमार ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि वो जीतनराम मांझी को बोलने का मौका दें. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ सदस्य हैं, लेकिन उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा है. इस पर विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने कहा कि अभी गैर सरकारी संकल्प लिये जा रहे हैं, इसलिए किसी सदस्य को बोलने का मौका नहीं दिया जाएगा.
जीतनराम को बोलने का मौका नहीं
इस पर भाजपा के सदस्य हंगामा करते रहे, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने पूर्व सीएम जीतनराम मांझी को बोलने का मौका नहीं दिया. बार-बार भाजपा विधायकों से अपने स्थान पर जाने की अपील करते रहे. इस बीच पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने बोलने की कोशिश की, तो विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आप वरिष्ठ सदस्य हैं. आपको मौका नहीं दिया गया है. इसलिए आप अपने स्थान पर बैठे रहे. इसके बाद नेता प्रतिपक्ष ने भी इस मामले को उठाया, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
मिठाई को लेकर हाथापाई
भाजपा सहित एनडीए के विधायक विधानसभा पोर्टिको में धरना दे रहे थे. इस बीच आरक्षण की सीमा बढ़ाये जाने को लेकर राजद के सदस्य खुशी माना रहे थे. वो लड्डू लेकर विधानसभा आए थे और सबको खिला रहे थे, इस बीच राजद विधायक लड्डू लेकर भाजपा सदस्यों के पास पहुंचे और उन्हें लड्डू देने लगे, जिसे भाजपा सदस्यों ने अपना अपमान माना. इसके बाद दोनों के बीच हाथापाई शुरू हो गयी. कुछ ही देर में विधानसभा परिसर में हंगामा बढ़ गया, जिसे बीच बचाव करके रोका गया.