अख्तर बोले- राम-सीता की भूमि पर पैदा होना गर्व की बात
Javed Akhtar_Hindu: गीतकार जावेद अख्तर ने गुरुवार को कहा- देश में सहिष्णुता हिंदुओं की वजह से ही है। मुझे इस बात का गर्व है कि मैं भगवान राम और माता सीता की भूमि पर पैदा हुआ हूं। जावेद अख्तर ने कहा कि हिंदुओं की सोच बहुत बड़ी है, उन्हें अपनी सोच बड़ी ही रखनी चाहिए। इसमें परिवर्तन नहीं लाना चाहिए।
जावेद अख्तर, मनसे प्रमुख राज ठाकरे के दीपोत्सव कार्यक्रम में पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने जय सिया राम का नारा लगाया और मंच के सामने बैठे लोगों से भी जय सिया राम का नारा लगाने को कहा। जावेद अख्तर गुरुवार रात मनसे प्रमुख राज ठाकरे के दीपोत्सव कार्यक्रम में पहुंचे थे। इतना कहने के बाद जावेद अख्तर ने लोगों से जय सिया राम का तीन बार नारा लगाने को कहा।
जावेद अख्तर ने कहा- वैसे तो मैं नास्तिक हूं, लेकिन मैं मर्यादा पुरुषोत्तम राम का बहुत सम्मान करता हूं। भगवान श्रीराम हमारी संस्कृति और सभ्यता का हिस्सा हैं। रामायण भी हमारी सांस्कृतिक विरासत है। इसी वजह से मैं कार्यक्रम में शरीक होने आया हूं। जब भी हम मर्यादा पुरुषोत्तम की बात करते हैं तो ख्याल भगवान श्री राम और माता सीता का ही आता है।
यह कार्यक्रम मुंबई के शिवाजी पार्क में हुआ था। राज ठाकरे ये दीपोत्सव कार्यक्रम हर साल करते हैं। पिछले साल इस कार्यक्रम के 10 साल पूरे हुए थे।
जावेद अख्तर ने आगे कहा- सीता और राम प्रेम के प्रतीक हैं, उनका नाम अलग से लेना पाप है। जो उन्हें अलग करना चाहता था वो रावण था। अगर आप सिर्फ एक का नाम लेते हैं तो कहीं न कहीं आपके अंदर भी रावण छिपा हुआ है। मुझे याद है कि लखनऊ (जावेद अख्तर लखनऊ के ही रहने वाले हैं) में जब लोग सुबह टहलते थे तो जय सिया राम कह कर एक-दूसरे का अभिवादन करते थे।
जावेद अख्तर ने कहा कि आज के वक्त में असहिष्णुता बढ़ गई है। पहले भी कुछ लोग थे, जिनके अंदर सहनशीलता नहीं थी। हालांकि हिंदू ऐसे नहीं थे, इनका दिल हमेशा से बड़ा रहा है। इसलिए उन्हें अपने अंदर से इस चीज को खत्म नहीं होने देना चाहिए। हिंदुओं को अपने वही पुराने मूल्यों पर चलना चाहिए।
जावेद अख्तर ने कहा- अगर हमारी फिल्म शोले आज के वक्त में बनती तो मंदिर वाले सीन पर विवाद हो जाता। शायद मैं और सलीम खान वह सीन लिख ही नहीं पाते।
जावेद अख्तर ने 1998 में एक टीवी शो के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का इंटरव्यू लिया था। जावेद ने अटल जी से पूछा कि देश के बहुसंख्यक समाज के लिए राष्ट्रवाद और सांप्रदायिकता की क्या परिभाषा है?
इसके जवाब में अटल बिहारी बाजपेयी ने कहा कि इस देश की 82% जनसंख्या हिंदू है। ये देश धर्मनिरपेक्ष इसी वजह से है क्योंकि इस देश की बहुसंख्यक जनता हिंदू है।
जावेद अख्तर ने अपने करियर में कई बड़ी फिल्मों का लेखन किया है। उनकी और सलीम खान की जोड़ी ने बॉलीवुड को एक से बढ़कर एक फिल्में दी हैं। जंजीर और शोले जैसी फिल्मों का लेखन सलीम-जावेद की ही जोड़ी ने किया था।
जंजीर के बारे में कहा जाता था कि सलीम-जावेद की सिफारिश के बाद ही प्रकाश मेहरा ने अमिताभ बच्चन को इस फिल्म के लिए कास्ट किया था। इन दोनों की ही लिखी फिल्म शोले (1975) भारतीय फिल्म इतिहास की बेहतरीन फिल्मों में से एक है। इसके अलावा अमिताभ बच्चन की ही डॉन और दीवार भी सलीम-जावेद ने ही लिखी है।