Jammu Accident : जम्मू बस हादसे में मारे गए मासूम यश सहित पांच लोगों के साथ एंबुलेंस के जरिए हाथरस के गांव नगला उदय सिंह में अंतिम संस्कार कर दिया गया। दादा की गोद में बैठकर जाने वाले यश का शव उसके दादा की गोद में ही था। यह मंजर देख चीख-पुकार मच गई। करुण क्रंदन से हर आंख नम हो गई।
बाद में पांचों शवों का अंतिम संस्कार चार चिताओं पर किया गया। चिताओं को मुखग्नि देने के दौरान हर आंख नम दिखी। एक चिता पर दादा वीरपाल और उनके लाडले 11 वर्षीय यश का अंतिम संस्कार किया गया। बताते हैं कि नगला उदय सिंह में एक ही परिवार का पूरा गांव है।
ग्रामीणों के अनुसार, दादा वीरपाल अपने नाती यश को अपने साथ तीर्थ यात्रा पर लेकर गए थे। यात्रा शुरू होने से लेकर हादसे तक यश ने अपने दादा की गोदी में बैठकर ही सफर किया था।
जीवन के अंतिम सफर तक नाती ने दादा का हाथ नहीं छोड़ा। हादसे के बाद जब शव निकाले जाने लगे तो यश दादा की गोद में ही मृत अवस्था में था। आखिरी विदाई भी परिजनों ने दोनों को एक साथ ही दी। दादा-नाती का एक साथ अंतिम संस्कार किया।
ग्रामीणों ने बताया कि यश को दफनाने के लिए गड्ढा खोदा गया था, लेकिन बाद में निर्णय बदल दिया गया। परिजनों ने दादा-नाती के अटूट प्यार को देखते हुए दोनों के शवों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया।
यश की मौत की खबर उसकी मां मंजू को नहीं दी गई थी। हैरानी की बात यह रही कि मंजू को उसकी बेटे की मौत की खबर शव के आने के बाद भी नहीं दी गई। अंतिम संस्कार के 30 मिनट पहले मंजू को इसकी जानकारी दी गई। जैसे ही उसे बेटे की मौत की जानकारी हुई वह सुध-बुध खो बैठीं। यह मंजर देख हर कोई द्रवित था।
नगला उदय सिंह गांव में चार चिताओं को तैयार किया गया था। रविवार सुबह 6.28 बजे चिताओं को मुखाग्नि देना शुरू किया गया। 6.32 बजे सभी चिताओं को अग्नि के हवाले कर दिया गया। गांव में एक साथ चार चिताओं को देख हर कोई गमजदा था।
घरों में शवों को ताबूत में ले जाया गया। यहां परिजनों को इन्हें खोलकर दिखाया गया। मृत हालत में अपनों को देख परिजन फूट-फूटकर रोने लगे। इसके बाद इन्हीं ताबूतों से शवों को अंत्येष्टि स्थल पर ले जाया गया। अंत्येष्टि स्थल पर पहले से ही तैयार चार चिताओं में पांचों शवों का अंतिम संस्कार किया गया।
गांव नगला उदय सिंह में दो परिवारों ने चार सदस्यों को खो दिया। एक परिवार की देवरानी रज्जो व जेठानी धर्मवती की चिताएं साथ-साथ जलीं। वहीं दादा वीरपाल व नाती की तो एक ही चिता शव को अंतिम संस्कार कराया गया।
अखनूर बस हादसे में मृत 12 लोगों के अंतिम संस्कार के बाद रविवार को भी परिवार वालों से मिलकर शोक संवेदना जताने के लिए लोगों को पहुंचना जारी रहा।
रविवार को सुनीता देवी पत्नी भगवान सिंह के शव का अंतिम संस्कार हुआ। इसके बाद घायल पति भगवान सिंह सहित अन्य ने अपने सिर के बाल मुड़वाए। वहीं भरे मन से पड़ोसियों के घर चूल्हे जले।
रविवार को भी पूरे दिन गांव में गमगीन माहौल रहा। हर किसी के चेहरे पर हादसे का दुख और पीड़ा नजर आ रही थी। बच्चों के कोलाहल से गुलजार रहने वाली गांव की गलियों में खामोशी थी। ग्रामीण भी अपने रोजमर्रा के कामकाज निपटाकर मृतकों और घायलों के परिवार वालों से मिलने के लिए आते-जाते रहे।
जम्मू के अखनूर में तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस वीरवार को जम्मू-पुंछ हाईवे पर सड़क से फिसलकर 150 फीट गहरी खाई में खाई में गिर गई। इस भीषण हादसे में 22 लोगों की मौत हो गई, जबकि 69 घायल हैं। बस में 90 से अधिक लोग सवार थे।