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Israel Hamas Ceasefire: इजराइल-हमास वॉर में 4 दिन का सीज़फायर, बदले में हमास रिहा करेगा 50 बंधक

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Israel Hamas Ceasefire: इजराइल हमास जंग के बीच कई दिनों से चल रही सीजफायर की डील पर इजराइली संसद ने मुहर लगा दी है। टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, संसद ने 50 बंधकों के बदले 4 दिन के सीजफायर के प्रस्ताव को पास कर दिया है।

इजराइली सरकार के अधिकारी ने बताया कि जिन बंधकों को छोड़ा जाएगा, उनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे होंगे। इन्हें हर दिन 12-13 बंधकों के ग्रुप में आजाद किया जाएगा। हर 10 बंधकों के ग्रुप की रिहाई के बदले इजराइल 1 दिन का सीजफायर करेगा।

Israel Hamas Ceasefire: हिब्रू मीडिया के मुताबिक, जिन बंधकों को हमास छोड़ेगा उनमें 30 बच्चे, 12 महिलाएं और 8 माएं शामिल हैं। इसके अलावा न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया कि इस डील के तहत इजराइल भी 150 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा। इनमें महिलाओं और बच्चों को ही प्राथमिकता मिलेगी।

वहीं, हमास ने अपने बयान में बताया कि समझौते के तहत इजराइल साउथ गाजा के ऊपर 6 घंटे के लिए सर्विलांस ड्रोन्स की उड़ानें भी रोकेगा। सुबह 10 से शाम 4 बजे तक ये ड्रोन सिर्फ उत्तरी गाजा में ही उड़ सकेंगे।

इससे पहले PM नेतन्याहू ने देर रात कैबिनेट मीटिंग की। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल हमास के खिलाफ अपना युद्ध जारी रखेगा, भले ही बंधकों को रिहा करने के लिए हमास के साथ अस्थायी रूप से सीजफायर लागू हो। हमास चीफ इस्माइल हानिए ने भी रविवार को सीजफायर की तरफ इशारा किया था।

‘यरूशलम पोस्ट’ की मंगलवार रात पब्लिश रिपोर्ट के मुताबिक- 7 अक्टूबर को हमास के हमले में मारे गए इजराइलियों के परिजनों ने हमास से किसी भी तरह की डील का विरोध शुरू कर दिया है। इनके संगठन ने एक बयान जारी किया। कहा- बंधकों के बदले आतंकियों को रिहा किया गया तो इसका विरोध किया जाएगा।

बयान में आगे कहा गया- अगर आज हम आतंकियों के सामने झुकते हैं और उन्हें रिहा करते हैं तो इस बात की क्या गारंटी है कि वो भविष्य में हमें फिर निशाना नहीं बनाएंगे। पहले भी यही गलती की गई थी और अब इसे दोहराने की तैयारी है। आतंकियों को किसी कीमत पर रिहाई नहीं दी जानी चाहिए।

हमास की कैद में करीब 240 बंधक हैं। इनके परिजन दो हफ्ते से इन बंधकों की रिहाई की मांग कर रहे हैं। हालांकि, एक पक्ष हमास के सामने झुकने का विरोध भी कर रहा है।

‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के मुताबिक- इजराइल और हमास के बीच सीजफायर के पीछे तुर्किये का भी अहम रोल है। खुद प्रेसिडेंट रिसेप तैयप एर्दोगन ने इस बात का खुलासा किया। उनके मुताबिक- हमारे फॉरेन मिनिस्टर और इंटेलिजेंस चीफ कई दिन से सीजफायर के लिए काम कर रहे हैं। इसमें कतर का रोल अहम है।

एर्दोगन ने कहा- उम्मीद करते हैं कि इस मुश्किल का ऐसा हल निकलेगा जो बाद में सबको सुकून देगा। हम आगे भी इस मामले से जुड़े तमाम पक्षों से बातचीत करते रहेंगे।

संयुक्त राष्ट्र संघ यानी UN में सोमवार को गाजा के मानवीय हालातों पर चर्चा हुई। इस दौरान UN में भारत की राजदूत रुचिरा कम्बोज ने कहा कि भारत हमेशा से आजाद फिलिस्तीन बनाने का समर्थन करता रहा है। उन्होंने कहा है कि भारत दुनिया में हो रही हर उस कोशिश के साथ हैं, जिससे जंग की वजह से गाजा में बने मानवीय हालात सुधर सकें।

वहीं, हमास चीफ इस्माइल हानिये ने कहा है कि वो सीजफायर को लेकर होने वाली डील के काफी करीब पहुंच चुके हैं। न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक हानिये ने कहा है कि डील को लेकर हम अपने जवाब कतर और मध्यस्थता कर रहे बाकी पार्टियों को भी बता चुके हैं। अमेरिका और कतर के अधिकारियों ने भी होस्टेज डील होने की बात स्वीकार की है।

गाजा में ग्राउंड ऑपरेशन चला रही इजराइली सेना के अब तक 66 सैनिक मारे जा चुके हैं। टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक काफी मामले ऐसे हैं जिसमें इजराइली सैनिक अपने ही साथियों की गोलियों से मर रहे हैं। इसे फ्रेंडली-फायरिंग यानी गलती से की गई फायरिंग कहा जाता है। इस तरह के मामलों में सैनिक जंग के दौरान दुश्मन पर गोली चलाते हैं पर वो गलती से उन्हीं के साथी को लग जाती है।

सिर्फ इजराइल ही नहीं हर जंग के दौरान फ्रेंडली फायरिंग के मामले सामने आते हैं, अफगान जंग के दौरान 9 जून 2014 को एक ही दिन में 5 अमेरिकी सैनिक फ्रेंडली फायर का शिकार हो गए थे। इजराली सेना ने कहा है कि वो फ्रेंडली फायर के मामलों की जांच कर रही है, ताकि आगे इन्हें होने से रोका जा सके।

वहीं, IDF ने कहा है कि अब तक 300 हमास और इस्लामिक जिहाद के लड़ाकों से पूछताछ की गई है। ये लोग इजराइल को हमास की टनल और हथियारों के ठिकानों के बारे में जानकारियां दे रहे हैं।

सोमवार को मुस्लिम देशों के विदेश मंत्री चीन की राजधानी बीजिंग में इकट्ठा हुए। इस दौरान सऊदी विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद ने कहा, ‘हम ये साफ करना चाहते हैं कि हमें तुरंत लड़ाई और हत्याएं रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए, हमें तुरंत गाजा में मानवीय मदद भेजने की जरूरत है।’

वहीं, चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि बीजिंग अरब और मुस्लिम देशों का एक अच्छा दोस्त और भाई है। चीन ने हमेशा फिलिस्तीनी लोगों के एक देश के अधिकारों और हितों को बहाल करने का समर्थन किया है।

सऊदी अरब के अलावा जॉर्डन, मिस्र, इंडोनेशिया, फिलिस्तीन और इस्लामिक सहयोग संगठन (IOC) समेत कई अन्य देशों के विदेश मंत्रियों और उनके प्रतिनिधि बैठक में शामिल रहे।

इस बीच, इजराइल की संसद नीसेट के डिप्टी स्पीकर और सांसद निसिम वेतुरी के बयान पर विवाद हो गया है। तुरी ने सोमवार को इजराइल के रेडियो चैनल 103 एफएम को इंटरव्यू दिया। कहा- इजराइल को गाजा में आग लगा देनी चाहिए। इससे कम अगर कुछ करते हैं, तो उसका कोई फायदा नहीं।

दूसरी तरफ, कैबिनेट मीटिंग की बातें लीक होने पर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सख्त रुख अपनाया है। नेतन्याहू जल्द ही एक कानून लाने जा रहे हैं। इसके तहत अगर कैबिनेट की बातें किसी मीडिया हाउस ने पब्लिश कीं तो उस पर एक्शन लिया जाएगा।

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