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IASGCON-2024 के पटना अधिवेशन में बीमारियों और उसके निदान पर हो रही चर्चा

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IASGCON-2024: बिहार की राजधानी पटना में IASGCON-2024 का 34वां वार्षिक अधिवेशन चल रहा है। ये चार दिन चलेगा। इसमें स्वास्थ्य और बीमारियों पर चर्चा हो रही है।

डॉ0 मनीष मंडल, चिकित्सा अधीक्षक, आई0जी0आई0एम0एस0 पटना एवं आयोजन सचिव, IASGCON-2024 ने बताया कि आज दूसरे दिन के सत्र में 20 शोध पत्र विभिन्न हॉल में वैज्ञानिक सत्र में प्रस्तुत किये गये।

उन्होंने बताया कि आज गॉल ब्लाडर पर, पैंक्रियाज, बड़ी आँत और छोटी आँत से संबंधित बीमारियों पर विस्तृत चर्चा की गई। इस बात पर विशेष ध्यान दिया गया इन अंगों की बीमारियों में ऑपरेशन का निर्णय लेने में कभी-कभी मुश्किल होती है। इन मुश्किल निर्णय को कैसे क्रियान्वित किया जाए इस पर विशेष चर्चा रखा गया।

डॉ0 यूसी ओमी (जापान) ने पीत् की थैली में पत्थर होने के साथ अन्य बीमारियों के होने के बावजूद गंभीर अवस्था में कैसे पित्त की थैली का दूरबीन द्वारा ऑपरेशन किया जा सकता है इस पर विस्तृत जानकारी दी।

उन्होंने लैप कोली ऑपरेशन को विडियो के माध्यम से पूरी शल्य क्रिया दिखाई जिसमें ऑपरेशन के दौरान अलग-अलग तरह की दिक्कतों को दर्शाया और उसके लिए अलग-अलग विधि द्वारा कैसे ऑपरेशन करके मरीज की जान बचाई जा सकती है इस पर जानकारी दी।

डॉ0 वैन लैनशॉट (नीदरलैंड) ने खाने की नली (इसोफेगस) में विभिन्न प्रकार के दूरबीन द्वारा एवं रोबोट द्वारा ऑपरेशन कैसे सुचारू रूप से हो सकता है इसको विडियो के माध्यम से दिखाकर विस्तृत जानकारी दी।

डॉ0 सैम अटाला (अमेरिका/यू0एस0ए0) ने रोबोट द्वारा मल द्वार के कैंसर का कैसे ऑपरेशन हो सकता है इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बिना चीर-फाड़ के मल द्वार में मशीन द्वारा कैसे ऑपरेशन किया जा सकता है, इससे शरीर पर कोई चीरा या दाग नहीं पड़ पाएगा।

डॉ0 शारिक नाजिर (न्यूयॉर्क/यू0एस0ए0) ने बताया कि मोटापे की सर्जरी कई विधि से हो सकती है इन विधियों को ऑपरेशन के विडियो के माध्यम से दर्शाया, साथ ही अगर ऑपरेशन के दौरान कोई गड़बड़ी होती है तो उसको दूरबीन द्वारा ऑपरेशन करके कैसे ठीक किया जा सकता है इसकी जानकरी दी।

डॉ0 जी0वी0 राव, अध्यक्ष- IASG] जो कि हैदराबाद से हैं, उन्होंने आर्टिफिशियल इंटिलेजेेश द्वारा जी0आई0 सर्जन को कैसे ऑपरेशन करने में फायदा हो सकता है और मरीज को ऑपरेशन के दौरान कोई नुकसान नहीं पहुँचे इसकी भी विडियों के माध्यम से जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटिलेजेेश से मरीज के ऑपरेशन में कोई भी व्यवधान या दिक्कत या गड़बड़ी नहीं आ सकती है, जिससे मरीज को हर तरह से ऑरेशन में लाभ मिलेगा।

डॉ0 मनीष मंडल ने बताया कि आज के वार्षिक अधिवेशन में डॉ0 पारसार्थी (कोयमबटूर), डॉ0 बैजू सेनाधीपक (त्रिवेंद्रम), डॉ0 सेंथिल (चेन्नई), डॉ0 संजीव पाटिल (हैदराबाद), डॉ0 दीप गोयल (दिल्ली), डॉ0 राज पाडियन (कोयमबटूर), डॉ0 प्रदीप जैन (दिल्ली), डॉ0 जी0बी0 राव (हैदराबाद), डॉ0 राजन सक्सेना (लखनऊ), डॉ0 आदर्श चौधरी (दिल्ली) ने भी अपने अभिभाषण दिये।

आज के वार्षिक अधिवेशन के द्वितीय दिन पचास शोध पत्र और पोस्टर पेपर भी देश के विभिन्न भागों से प्रस्तुत किये गये, जिसमें से प्रथम तीन को सम्मानित और पुरस्कृत किया जाएगा।

इस अवसर पर डॉ0 मनीष मंडल, डॉ0 सी0 खण्डेलवाल, डॉ0 संजय कुमार, डॉ0 साकेत कुमार, डॉ0 राकेश कुमार सिंह, डॉ0 अमरजीत कुमार, डॉ0 विरूति, डॉ0 लक्क्षित, डॉ0 अभिमन्यु एवं डॉ0 अभिनव दीप के साथ बिहार और देश के कई जाने-माने शल्य चिकित्सक मौजूद थे।

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