HIT AND RUN RULE: केंद्र सरकार के हिट एंड रन कानून का विरोध फिर से शुरू हो गया है। बिहार ड्राइवर महासंघ ने स्टेयरिंग छोड़ो आंदोलन का आह्वान किया है। इसके बाद गुरुवार सुबह से ही ड्राइवरों ने हड़ताल शुरू कर दी है।
HIT AND RUN RULE:पटना-गया और अरवल-बिहारशरीफ हाइवे पर लंबा जाम लग गया है। जहानाबाद में ड्राइवरों ने अपनी ट्रकों को सड़क पर खड़ाकर आवाजाही बंद कर दी है। इससे हाइवे पर वाहनों की लंबी कतार लग गई है। पटना, शेखपुरा, सीवान समेत अन्य शहरों में बुधवार को भी ट्रक और एंबुलेंस चालकों ने हड़ताल बुलाई थी।
जानकारी के मुताबिक जहानाबाद शहर के काको मोड़ के पास गुरुवार सुबह करीब साढ़े 6 बजे से ही बड़ी संख्या में ड्राइवर सड़क पर उतर आए। काको मोड़ के पास ट्रकों को आड़ा-तिरछा खड़ाकर उन्होंने जाम लगा दिया। इससे एनएच 83 और 110 पर वाहनों के पहिए थम गए हैं। बिहार ड्राइवर महासंघ के आह्वान पर यह प्रदर्शन किया जा रहा है।
प्रदर्शनकारी केंद्र सरकार से हिट एंड रन को लेकर लाए गए नए कानून को वापस लेने की मांग की है। हालांकि, पिछले हफ्ते देशभर में प्रदर्शन होने के बाद मोदी सरकार ने इस कानून के लागू करने पर फिलहाल रोक लगा दी थी।
HIT AND RUN RULE: पटना समेत कई जिलों में बुधवार को भी ड्राइवरों ने सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया था। सीवान में ट्रक और एंबुलेंस चालकों ने पटना हाइवे पर जाम लगा दिया था। वहीं, राजधानी में बस और ट्रक ड्राइवरों ने बायपास पर चक्काजाम किया। शेखपुरा में भी प्रदर्शन किया गया। अब गुरुवार को जहानाबाद में ड्राइवरों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। अन्य जिलों में भी हड़ताल से जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने शीतकालीन सत्र में मोटर व्हीकल एक्ट में नए प्रावधान संसद से पारित हुए। इसके मुताबिक हिट एंड रन के मामलों में अगर ड्राइवर हादसे के बाद मौके से भाग जाता है तो उसे 10 साल की जेल और 7 लाख रुपये का जुर्माने की सजा होगी।
HIT AND RUN RULE:पिछले हफ्ते देशभर में इस कानून के विरोध में ट्रक, बस, टैक्सी ड्राइवर सड़कों पर उतर आए और हड़ताल-चक्का जाम किया। इसके बाद केंद्र सरकार ने ड्राइवरों से वार्ता की और इस कानून को बिना बातचीत के लागू नहीं करने का आश्वासन दिया। इसके बाद हड़ताल खत्म हो गई थी। मगर अब फिर से विरोध शुरू हो गया है।
चालकों का कहना है कि कोई भी जानबूझकर एक्सीडेंट नहीं करता है। हादसे के बाद अधिकतर मामलों में ड्राइवरों को मॉब लिंचिंग का खतरा रहता है। इसलिए वे अपनी जान बचाने के लिए मौके से चले जाते हैं। सरकार ने सख्त प्रावधान किए हैं वो ड्राइवरों के खिलाफ हैं। सरकार इस कानून पर विचार न करके इसे वापस ले।