Hemant Soren Court: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति मांगने वाली पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। पीएमएलए द्वारा याचिका खारिज होने के बाद सोरेन ने उच्च न्यायालय का रुख किया था।
झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति मांगने वाली पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। पीएमएलए द्वारा याचिका खारिज होने के बाद सोरेन ने उच्च न्यायालय का रुख किया था।
इससे पहले हेमंत सोरेन को रांची की पीएमएलए कोर्ट से उस वक्त झटका लगा था, जब अदालत ने बजट सत्र में शामिल होने की इजाजत की मांग वाली उनकी अर्जी गुरुवार को खारिज कर दी थी। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 31 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था। इसके बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष ने विशेष पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) कोर्ट में याचिका दायर कर बजट सत्र में हिस्सा लेने की अनुमति मांगी थी।
सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की 13 दिन की हिरासत खत्म होने के बाद 15 फरवरी को बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल भेज दिया गया था। कोर्ट ने इससे पहले सोरेन को पांच फरवरी को विधानसभा में विश्वास मत में भाग लेने की अनुमति दी थी।
बता दें कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गुरुवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। विशेष पीएमएलए कोर्ट ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में यह फैसला सुनाया था। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष ईडी की हिरासत में थे।
पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता राजीव रंजन ने बताया था कि हेमंत सोरेन को आज विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया गया और उन्हें 22 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। हम उनके लिए जमानत याचिका दायर करेंगे।
सोरेन को अदालत से रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार ले जाया गया। उन्हें 31 जनवरी को ईडी ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद 2 फरवरी को कोर्ट ने सोरेन को पांच दिनों की ईडी हिरासत में भेजा था। इसके बाद से हिरासत की अवधि को कुल मिलाकर सात दिनों के लिए दो बार बढ़ाया गया।