Hathras Incident Update: यूपी के हाथरस हादसे पर भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ सूरजपाल ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि होनी को कौन टाल सकता सकता है। जो आया है…उसे जाना है। हम लोगों को कानून और जांच टीम पर पूरा भरोसा है।
बता दें कि हाथरस हादसे के बाद एक बार फिर भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ सूरजपाल मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने कहाकि 2 जुलाई की घटना से मैं दुखी और उदास हूं। लेकिन, जो होना तय है, उसे कौन रोक सकता है। जो आया है उसे एक न एक दिन जाना ही है।
हमारे अधिवक्ता डॉ. एपी सिंह और प्रत्यक्षदर्शियों ने हमें ज़हरीले स्प्रे के बारे में बताया है। उसके अनुसार यह सच है कि इसमें निश्चित रूप से कोई साजिश है। हमारे अनुयायियों को एसआईटी और न्यायिक आयोग पर पूरा भरोसा है। टीम सच्चाई सामने लाएगी।
बताते चलें कि हाथरस के सिकंदराराऊ में 2 जुलाई को भोले बाबा उर्फ साकार हरि ने सत्संग किया था। इसमें करीब 2.5 लाख लोग शामिल हुए। सत्संग के समापन के समय भगदड़ मच गई। इसमें 121 श्रद्धालुओं की जान चली गई। इसके बाद से बाद से मामले में एसआईटी जांच कर रही है।
भोले बाबा उर्फ साकार हरि बुधवार को अपने पैतृक गांव कासगंज के बहादुरनगर में बने आश्रम पहुंचे। इसकी जानकारी उनके वकील एपी सिंह ने दी। जान लें कि गांव में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। आश्रम के बाहर सेवादारों का भी कड़ा पहरा है।
गौर करें तो साकार हरि विश्व उर्फ भोले बाबा ने अपना पहला आश्रम अपने पैतृक गांव बहादुर नगर में साल 1999 में स्थापित किया था। इसके बाद अन्य आश्रम बनाने का सिलसिला शुरू हुआ, लेकिन अपने पैतृक गांव के आश्रम में बाबा पिछले करीब 12 वर्षों से नहीं पहुंचे थे। बुधवार को वह अचानक अपने पैतृक गांव स्थित आश्रम में अपने अधिवक्ता के साथ पहुंचे और सीधे अंदर चले गए।
इस दौरान उनके दर्शनों के लिए काफी संख्या में अनुयायी मौजूद रहे। हाथरस हादसे के बाद भोले बाबा बुधवार को पहली बार इस आश्रम में पहुंचे। लेकिन, भक्तों से नहीं मिले। बाबा के आश्रम पर आने की जानकारी मिलते ही भक्तों का तांता आश्रम पर लग गया। उन्होंने काफी देर तक बाबा से मुलाकात का इंतजार किया, लेकिन उन्हें बाबा के दर्शन नहीं हो सके। इससे मायूस होकर भक्त वापस लौट गए।