छत्तीसगढ़ में आत्मानंद स्कूलों के बढ़ते क्रेज के बाद फैसला
English Language: छत्तीसगढ़ के प्राइमरी स्कूलों में अब पहली कक्षा से ही अंग्रेजी पढ़ाई जाएगी। यह पढ़ाई उन स्कूलों में शुरू की जाएगी, जहां पर आत्मानंद स्कूल नहीं है। इसकी शुरुआत ही आत्मानंद स्कूलों के प्रति बढ़ते क्रेज को ध्यान में रखकर की जाएगी।
छत्तीसगढ़ के बच्चों में अंग्रेजी लिखने और बोलने की कला विकसित हो इसके लिए यह फैसला किया गया है। अगले शिक्षा सत्र से अंग्रेजी एक भाषा के तौर पर पहली कक्षा से प्रारंभ की जाएगी।
स्कूल शिक्षा विभाग की योजना है कि हर साल 5000 स्कूलों में अंग्रेजी की पढ़ाई प्रारंभ की जाए। इस तरह 5 सालों में 25000 स्कूलों में अंग्रेजी की पढ़ाई प्रारंभ करने की तैयारी है। इससे होगा या की ना तो नए भवन बनाने होंगे और ना ही नहीं भर्ती करने की जरूरत पड़ेगी। वर्तमान सेटअप में ही यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।
प्रदेश में इस समय करीब 32000 प्राइमरी स्कूल संचालित किया जा रहे हैं। इनमें करीब 25 लाख बच्चे पढ़ाई करते हैं। बता दे कि पहले प्राइमरी के बच्चों को अंग्रेजी कुछ शब्द ही बताए जाते थे, लेकिन अब पढ़ाई के साथ लिखना भी सिखाया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में वर्तमान में हिंदी माध्यम के स्कूलों में कक्षा छठवीं से अंग्रेजी की पढ़ाई की जाती है। प्राइमरी में अंग्रेजी भाषा की पढ़ाई नहीं होती है।
इसको ध्यान में रखकर पूर्ववर्ती भूपेश सरकार ने यहां के बच्चों को अंग्रेजी में पारंगत करने के लिए सरकारी स्कूलों को आत्मानंद स्कूल में तब्दील करने का फैसला किया था। इसके तहत अब तक 751 स्कूलों को आत्मानंद स्कूल में तब्दील किया जा चुका है। इनमें 14000 से अधिक शिक्षक संविदा पर रखे गए हैं।
बदलाव जरूरी – बृजमोहन अग्रवाल
शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि समय के साथ बदलाव करने के लिए अंग्रेजी को भाषा के रूप में प्राइमरी स्कूल में शामिल करने का निर्णय लिया जा रहा है। सरकार की कोशिश रहेंगी कि सभी प्राइमरी स्कूलों में अंग्रेजी प्रारंभ हो जाए। स्टाफ की समस्या सामने आएगी तो उसके अनुरुप निर्णय लेंगे।