-
प्रधानमंत्री प्रचंड ने भूकंप से हुई मौतों पर जताया दुख
-
नेपाल की तीन एजेंसियां भूकंप प्रभावितों की मदद कर रहीं
-
भूकंप की वजह से कई इलाकों में मकान तबाह हुए
-
लालीडांडा इलाके में था भूकंप का एपिसेंटर, सबसे ज्यादा मौतें वहीं
काठमांडू. नेपाल में शुक्रवार की देर आए भूकंप से तबाही मची है, अब तक 129 लोगों की मौत की सूचना मिली है. मौत का आकड़ा और बढ़ सकता है, क्योंकि जिस तरह से सूचनाएं आ रही हैं, उसके साथ भूकंप में हताहत लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड ने भूकंप से हुई मौतों पर दुख जाताया है. राहत और बचाव के लिए नेपाल की तीन एजेंसियां देर रात से ही काम कर ही हैं.
जाजरकोट में 92 की मौत
नेपाल के जाजरकोट के लालीडांडा इलाके में भूकंप का केंद्र था, जहां 6.4 रिक्टर स्केल का भूकंप आया. इसके बाद आसपास के इलाके में दहशत फैल गयी. घर गिर गए, जिनमें रह रहे लोगों की दबने से मौत हुई. साथ ही सैकड़ों की संख्या में लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. जो सूचना मिल रही है, उसके मुताबिक ज्यादातर मौतें जाजरकोट और रुकुम पश्चिम के इलाके में हुई हैं, क्योंकि ये दोनों स्थान भूकंप के एपिसेंटर के पास हैं. इलाके के अधिकारियों ने मौतों की पुष्टि की है. जाजरकोट में भूकंप से 92 लोगों की मौत हुई, जबकि 55 से ज्यादा लोगों के घायल होने की सूचना है.
रुकुम पश्चिम में 36 की मौत
रुकुम पश्चिम में 36 लोगों की मौत और 90 से ज्यादा लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आई है. इलाके के डीएसपी नामराज भट्टराई ने इसकी जानकारी दी है. रुकुम पश्चि के डीएसपी संतोष रोक्का ने लोगों की मौत और इलाके में तबाही की जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि राहत और बचाव का काम चलाया जा रहा है. घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. गंभीर रूप से घायलों को बेहतर इलाज के लिए काठमांडू भेजा जा रहा है.
यूपी, बिहार, दिल्ली और उत्तराखंड में झटके
इधर, भूकंप का केंद्र नेपाल में था, लेकिन इसके झटके भारत की राजधानी दिल्ली तक महसूस किये गये. दिल्ली के साथ यूपी, बिहार और उत्तराखंड में लोगों में भूकंप की वजह से दहशत फैल गयी. 2015 में आये भूकंप की याद शुक्रवार की रात आया झटका करा गया, उस समय ज्यादा तबाही हुई थी, बिहार में भी कई लोगों की मौतें हुई थी, लेकिन इस बार के भूकंप में अब तक भारत में कहीं से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं आयी है.