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रात 11.32 बजे आया भूकंप
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भूकंप की वजह से लोग सहमे
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नेपाल में था भूकंप का केंद्र
दिल्ली. शुक्रवार की देर रात जब राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में ज्यादातर सो चुके थे या फिर सोने की तैयारी कर रहे थे, उसी समय तेजी से धरती हिली, जिसने सबकी नींद उड़ा दी. दरअसल, बड़ा भूकंप इस क्षेत्र में आया, जिसमें दिल्ली एनसीआर समेत यूपी, बिहार, उत्तराखंड जैसे राज्यों में तेज झटके महसूस किये गये. देर रात लोग घरों से बाहर निकल आए. भूकंप के केंद्र नेपाल में धरती के 10 किलोमीटर नीचे बताया गया. भूकंप रात 11.32 बजे आया.
क्यों आते हैं भूकंप
दरअसल, धरती के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं. ये प्लेट्स जहां पर टकराती हैं, वो जोन फाल्ट लाइन कहलाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. जब ज्यादा दबाव बनता है, तो ये प्लेट्स टूटने लगती हैं. नीचे की उर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं, जिससे डिस्टर्बेस होता है, इसी की वजह से भूकंप आता है.
भूकंप का केंद्र कहां होता है
जिस स्थान पर हलचल से प्लेंटों के नीचे ऊर्जा निकलती है, उसी स्थान को भूकंप का केंद्र या एपी सेंटर माना जाता है. इस स्थान पर कंपन ज्यादा है. कंपन की आवृत्ति जैसे आगे बढ़ती है, उसकी तीव्रता कम होती जाती है. जैसे कल रात आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.4 थी, तो उसका सबसे ज्यादा झटका नेपाल के उस स्थान से चालीस किलोमीटर दूर तक था, जहां इसका केंद्र था.
कैसे मापते हैं तीव्रता
भूकंप को रिक्टर स्केल के पैमाने पर मापा जाता है. इसे रिक्टर मैग्नीट्यूट टेस्ट स्केल कहा जाता है. रिक्टर स्केल पर भूकंप को एक से नौ तक के आधार पर मापा जाता है. जहां पर भूकंप का केंद्र या एपी सेंटर है. भूकंप के दौरान धरती से निकली उर्जा को इसी आधार पर मापा जाता है. इसी की वजह से भूकंप की तीव्रता का अंदाजा लगता है.
घरों से बाहर निकले लोग
शुक्रवार की रात जैसे ही भूकंप के झटके आए. दिल्ली एनसीआर और बिहार समेत अन्य स्थानों पर लोग अपने घरों से बाहर निकल आए. चूंकि भूकंप का केंद्र नेपाल में था, इस वजह से यूपी और बिहार से कुछ इलाकों में भूकंप के झटके ज्यादा तेजी से महसूस किये गये. दिल्ली में लोग डरे हुये थे.
भूकंप के बाद ऑफ्टर इफेक्ट
भूकंप आने के बाद बिहार के कई इलाकों में ऑफ्टर इफेक्ट आया. यानी कई जगहों पर धरती बार-बार हिलने की बात सामने आयी. लोग चिंतित थे, आखिर बार-बार भूकंप के झटके क्यों आ रहे हैं. अगर बात करें, तो कुछ दिन पहले ही भूकंप आया था, लेकिन तब उसकी तीव्रता ज्यादा नहीं थी, लेकिन शुक्रवार की रात आया भूकंप तागड़ा था. इसकी वजह से अब तक कहीं से नुकसान की खबर नहीं आयी है. हाल के सालों की बात करें, तो 2015 में ऐसा ही भूकंप नेपाल में आया था, तब वहां बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था.