Dawoodi Bohra Chief Saifuddin: दाऊदी बोहरा पंथ के प्रमुख डॉ सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन से पहले पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान सिर्फ तीन भारतीयों को मिला है.
Dawoodi Bohra Chief Saifuddin: मुंबई से चलने वाले इस्लाम के दाऊदी बोहरा पंथ के चीफ डॉ सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन को पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘निशान-ए-पाकिस्तान’ से सम्मानित किया जाएगा. सैफुद्दीन पाकिस्तान का कोई सर्वोच्च नागरिक सम्मान पाने वाले चौथे भारतीय होंगे.
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के एक बयान के अनुसार पुरस्कार की घोषणा डॉ सैफुद्दीन की सेवाओं की प्रशस्ति के रूप में की गई है. अल्वी ने बुधवार (22 नवंबर) को पुरस्कार दिये जाने की घोषणा की। हालांकि पुरस्कार समारोह की तारीख घोषित नहीं की गई है।
‘निशान-ए-पाकिस्तान’ या ‘ग्रांड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ पाकिस्तान’ पाकिस्तान के राष्ट्रीय हित में सर्वोच्च सम्मान वाली सेवाओं के लिए प्रदान किया जाने वाला सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. यह सर्वोच्च सैन्य वीरता पुरस्कार ‘निशान-ए-हैदर’ के समतुल्य है.
Dawoodi Bohra Chief Saifuddin: राष्ट्रपति अल्वी ने संविधान और सम्मान अधिनियम 1975 के अनुच्छेद 259 (2) के तहत पुरस्कार दिये जाने की घोषणा की. सामान्य रूप से हर साल पुरस्कार की घोषणा पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त को की जाती है. अगले वर्ष पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस 23 मार्च पर इसे प्रदान किया जाता है, लेकिन विशेष मामलों में इन तारीखों का अनुसरण नहीं किया जाता और किसी भी समय पुरस्कार देने की व्यवस्था की जा सकती है.
दाऊदी बोहरा समुदाय के अनुयायी 40 से अधिक देशों में रहते हैं और पाकिस्तान में भी इनकी बड़ी संख्या है. समुदाय के लोग इन देशों में कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए विकास कार्य करते हैं.
Dawoodi Bohra Chief Saifuddin: ‘निशान-ए-पाकिस्तान’ से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय मोरारजी देसाई थे. उन्हें 1990 में यह सम्मान दिया गया था. 1998 में अभिनेता दिलीप कुमार को कला और संस्कृति के क्षेत्र में दिया जाने वाला पाकिस्तान का सर्वोच्च पुरस्कार ‘निशान-ए-इम्तियाज’ प्रदान किया गया. साल 2020 में कश्मीरी अलगाववादी नेता अली गिलानी को ‘निशान-ए-पाकिस्तान’ प्रदान किया गया.