Darbhanga Raj Pariwar: श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की वजह से बिहार के दरभंगा राज परिवार के वारिस ने 20 साल बाद अपनी दादी से भेंट की।
दादी-पोते ने 20 साल से मुलाकात नहीं की थी। दोनों एक किलोमीटर की दूरी पर रहते हुए इतने दूर थे। लेकिन, अयोध्या के श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा ने दोनों की दूरी खत्म कर दी।
Darbhanga Raj Pariwar: अयोध्या प्रभु श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से आये निमंत्रण ने करीब 20 वर्षो बाद दरभंगा महाराज (स्व० सर कामेश्वर सिंहजी) की धर्मपत्नी महारानी कामसुन्दरी देवी से मिलकर उन्होंने अयोध्या से आये पूजित अक्षत को सौंपा और उनसे आशीर्वाद लिया। कपिलेश्वर सिंह अपनी दादी से करीब बीस वर्षों के बाद मिले हैं।
उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम के आशीर्वाद से दादी पोता का आत्मीय मिलन हुआ है। कुछ पारिवारिक गतिरोध के कारण दोनों मिल नहीं रहे थे, लेकिन अयोध्या के राम मंदिर की महिमा से दादी-पोते का यह मिलन चर्चा में है।
Darbhanga Raj Pariwar: बीते दिन श्री राम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में महाराज रामेश्वर सिंह पौत्र कुमार कपिलेश्वर सिंह को पत्नी और पुत्र सहित आने का निमंत्रण रामजन्मभूमि न्यास समिति और आरआरएस की तरफ से दिया गया है। यह पूरे बिहार में पहले ऐसे व्यक्ति है जिन्हें पूरे परिवार के साथ प्राण प्रतिष्ठा में आने को कहा गया है।
Darbhanga Raj Pariwar: इसी निमंत्रण पत्र को मिलने के बाद कपिलेश्वर सिंह ने कल्याणी निवास जाकर अपनी दादी महारानी कामसुन्दरी देवी दरभंगा महाराज (स्व० सर कामेश्वर सिंहजी) की धर्मपत्नी महारानी कामसुन्दरी देवी से करीब 20 वर्षों में बाद उनसे आशीर्वाद लिया।
इस अवसर पर उनकी दादी भी अपने पोते से मिलकर काफी प्रफुल्लित दिखी और कुमार कपिलेस्वर सिंह को अपना आशीर्वाद दिया।
इस मिलन के विषय में जानकारी देते हुए भाजपा के प्रभु श्री राम दर्शन के प्रभारी आदित्य नारायण चौधरी मन्ना ने बताया कि यह दादी महारानी कामसुन्दरी देवी और उनके पोते कुमार कपिलेश्वर सिंह का मिलन करीब बीस वर्षों के बाद प्रभु श्रीराम के कृपा से हो पाया है। यह बड़ा ही सुखद क्षण है। प्रभु श्री राम के निमंत्रण पर ही सही लेकिन यह क्षण बड़ा ही सुखदाई दोनो लोगों सहित पूरे मिथिलावासी के लिए है।
इस अवसर पर कुमार कपिलेश्वर सिंह ने बताया कि उन्हें अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सपरिवार आने का निमंत्रण मिला है, यह खुशी की बात है। यह सब जो हुआ ये हमारे पूर्वजों के द्वारा किए गये अच्छे कार्यों की वजह से ही हुआ है।
आज जब मुझे अयोध्या में प्रभु श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा में आने निमंत्रण मिला तो मैं अपने को रोक नही पाया और मैं कल्याणी निवास जाकर अपनी दादी से मिलकर आशीर्वाद लिया। अब मैं आज उनका आशीर्वाद पाकर गदगद हो गया हूँ।