Dantkali Shakti Peeth: दंतकाली शक्तिपीठ, नेपाल
Dantkali Shakti Peeth: भारत-नेपाल के बीच भले ही कुछ दिनों से तल्खियां चल रही हों लेकिन दोनों देशों के बीच कई समानताएं हैं। इसका सबूत केवल पौराणिक ग्रंथ ही नहीं देते बल्कि नेपाल में मौजूद मंदिर भी इसकी जानकारी देते हैं। नेपाल में मां दुर्गा के मंदिरों के साथ-साथ शक्तिपीठ भी मौजूद हैं। नवरात्र के दिनों में हम आपको नेपाल के ऐसे ही कुछ मंदिर के बारे में बताएंगे, जिनको जानकर आपको पता चलेगा कि दोनो देशों के बीच बेटी-रोटी का नाता चला रहा है। आइए जानते हैं नेपाल के प्रसिद्ध मां दुर्गा के मंदिरों के बारे में…
किस प्रकार हुआ इस शक्तिपीठ का निर्माण
महादेव की पत्नी देवी सती अपने पिता राजा दक्ष के यज्ञ में अपने पति का अपमान सहन नहीं कर पाई तो उसी यज्ञ में कूदकर भस्म हो गई, जब सब शिवजी को यह सब पता चला तो उन्होंने अपने गण वीरभद्र को भेजकर यज्ञ स्थल को उजाड़ दिया और राजा दक्ष का सिर काट दिया, बाद में शिवजी अपनी पत्नी सती की जली हुई लाश लेकर विलाप करते हुए सभी ओर घूमते रहे, जिस स्थान पर माता सती के अंग और आभूषण गिरे थे वह स्थान शक्तिपीठों में निर्मित हो गए, यदि पौराणिक कथाओं की मानें तो उनके अनुसार देवी देह के अंगों से इनकी उत्पत्ति हुई, जिसे भगवान विष्णु के चक्र से विच्छिन्न होकर 108 स्थलों पर गिरे थे, जिनमें से 51 शक्तिपीठों का ज्यादा महत्व माना गया है।
दंतकाली मंदिर :
दंतकाली मंदिर नेपाल के प्रसिद्ध मां दुर्गा के मंदिरों में से एक है। साथ ही यह 51 शक्तिपीठ में से एक माना जाता है। मान्यता है कि देवी सती के मृत शरीर को जब भगवान शिव ले जा रहे थे तब भगवान विष्णु ने माता सती के मृत शरीर को सुदर्शन से कई हिस्सों में काट दिया था। यहां माता सती का दांत गिरा था, जिस वजह से इसका नाम दंतकाली पड़ा। मां का यह मंदिर नेपाल के बिजयापुर गाँव में स्थित है। कोरोना काल से पहले इस मंदिर नवरात्र के दौरान काफी भीड़ लगती थी।