Congress Strategy: कांग्रेस ने बेहतरीन चाल चली है। प्रियंका गांधी अब वायनाड सीट से उपचुनाव लड़ने वाली है, वही सीट जो राहुल गांधी ने जीती थी। वहीं राहुल गांधी यूपी की रायबरेली सीट अपने पास रखेंगे। एक ने उत्तर भारत पर निगाह टिकाई तो दूसरे ने दक्षिण में मोर्चा संभाला।
कांग्रेस बैलेंसिंग एक्ट के सहारे दक्षिण गढ़ को सुरक्षित रखने की कोशिश में है। वहीं उत्तर में खुद को फिर जिंदा करने की कोशिश करती दिख रही है। वहीं काग्रेस ने दक्षिण के किले को बचाने की चुनौती प्रियंका के जिम्मे आई है तो वहीं उत्तर में नए किला बनाने का मौका राहुल गांधी को दिया गया है।
गौर करें तो बीजेपी ये सोचकर चल रही थी कि उत्तर भारत में उसकी स्थिति बहुत मज़बूत है, वहां उसे कोई ख़तरा नहीं है। ऐसे में भाजपा ने बोनस के लालच में दक्षिण के राज्यों में मेहनत की। वहां भी तमिलनाडु में तो पीएम मोदी का खासा ध्यान देखने को मिला, कई रैलियां वहां की गईं। लेकिन नतीजे बताते हैं कि तमिलनाडु में खाता नहीं खुला, केरल में एक सीट मिली, कर्नाटक में नुकसान हुआ। राहत सिर्फ तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से आई जहां पार्टी ने अपना कुछ विस्तार किया।
दक्षिण भारत में बीजेपी 131 सीटों में से सिर्फ 29 पर जीत हासिल कर पाई। इसके ऊपर उससे ज्यादा नुकसान पार्टी ने खुद को उत्तर प्रदेश में दियाय़ यूपी में बीजेपी 30 से ज्यादा सीटों पर नुकसान उठा बैठी। राजस्थान में भी पार्टी का आंकड़ा 20 सीटों से भी नीचे चला गया। गुजरात में भी एक सीट कांग्रेस के खाते में गई। हरियाणा में भी बराबार की स्थिति बन गई, जहां दोनों कांग्रेस और बीजेपी को 5-5 सीटों से संतोष करना पड़ा।
वाराणसी जैसी सुरक्षित सीट पर भी पीएम मोदी को इस बार छोटी जीत हासिल हुई, बात 10 लाख वोटों की हो रही थी, सिर्फ एक लाख से कुछ ज्यादा मतों से ही जीत हासिल कर पाए। मतलब साफ है कि बीजेपी दक्षिण भारत में विस्तार करना चाह रही थी, वहीं उसे यूपी में ही ख़ासा नुकसान हो गया।
अब कांग्रेस ने बीजेपी की गलती से सबक सीखा है। वो चाहती तो सिर्फ उत्तर भारत पर ध्यान केंद्रित कर सकती थी, सिर्फ हिंदी हार्टलैंड में खुद को मजबूत कर देश की राजनीति पर फिर काबिज हो जाती। लेकिन उसने उत्तर के साथ दक्षिण को भी साधने का प्लान बनाया है। गांधी परिवार के ही दो सबसे बड़े चेहरे उत्तर से लेकर दक्षिण तक कांग्रेस की रणनीति को धार देने का काम करने वाले हैं। वहां भी उत्तर प्रदेश सबसे बड़ी भूमिका निभाने वाला है जहां पर कांग्रेस अपने खोए जनाधार को हासिल करने के लिए खूब पसीना बहा रही है।
पार्टी ने इस बार सभी को हैरान करते हुए 6 सीटें यूपी में जीती हैं। उसका वोट प्रतिशत भी बढ़ा है। पता तो यह भी चला है कि पार्टी को इस बार दलित, ब्राह्मण और मुस्लिम समाज का अच्छा खासा वोट मिला है। यह बताने के लिए काफी है कि यूपी में कांग्रेस की वापसी का रास्ता खुल तो गया है।
सीएसडीएस लोकनीति का पोस्ट पोल सर्वे तो यह भी बताता है कि पहली बार यूपी में पीएम पद की पहली पसंद राहुल गांधी बने हैं, वे पीएम मोदी से कुछ आगे दिखाई पड़े हैं। यह परिवर्तन ही कांग्रेस को आशा की किरण दे रहा है और राहुल गांधी को आगे करने का मन भी इसी वजह से बना है।
अगर हिंदी हार्टलैंड में राहुल गांधी ने वोटर कनेक्ट से कमाल कर दिया तो कांग्रेस मज़बूत हो जाएगी। उसी तरह प्रियंका अग साउथ में वोटरों से कनेक्ट कर पाएंगी तो कांग्रेस उत्तर के साथ ही दक्षिण भारत में मज़बूत दिखेगी।