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CM Yogi: आदमखोर भेड़ियों जैसा था चाचा-भतीजे का आतंक, आखिर ऐसा क्यों बोले सीएम योगी

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  • यूपी में 10 सीटों के उपचुनाव से पहले जुबानी जंग तेज

  • योगी के सवालों का अखिलेश दे रहे हैं तुरंत जवाब

CM Yogi: यूपी में योगी बनाम अखिलेश जमकर चल रहा है. दोनों एक-दूसरे पर वार करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. बुलडोजर को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी आई, तो अखिलेश ने योगी सरकार पर निशाना साधा.

उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि 2027 में सरकार बनेगी, तो बुलडोजर का रुख गोरखपुर की ओर होगा. इसके बाद बारी योगी की थी. उन्होंने अखिलेश यादव को जवाब दिया और कहा कि सबके हाथ बुलडोजर पर फिट नहीं बैठते.

योगी यही नहीं रुके, उन्होंने कहा कि बुलडोजर चलाने के लिए दिल और दिमाग होना चाहिये. बुलडोजर जैसी दृढ़ प्रतिज्ञा और क्षमता जिसमें हो, वही बुलडोजर चला सकता है.

दंगाइयों के सामने नाक रगड़नेवाले लोग बुलडोजर के सामने वैसे ही पस्त हो जाएंगे. रंग-रोगन बदल कर जनता के सामने वही लोग आए हैं, जो बहाली के नाम पर वसूली करते थे. टीपू सुल्तान बनने के सपने देख रहे हैं. मुंगेरी लाल के हसीन सपने देखने की आदत पड़ गई है, जो कभी पूरी नहीं होगी.

सीएम योगी आदित्यनाथ बुधवार को लखनऊ में आयोजित अवर सेवा परीक्षा में सफल छात्रों को नियुक्ति पत्र देने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 2017 से पहले चाचा और भतीजे की जोड़ी में वसूली की होड़ मची रहती थी.

उन्होंने कहा कि आदमखोर भेड़िए से दोनों की तुलना करते हुए कहा कि आज कल कुछ जिलों में भेडिए आतंक मचाए हुए है. कमोबेश ऐसी ही स्थिति 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में थी. महाभारत के सारे रिश्ते थे.

जब मौका मिला, तो इन्होंने लूट खसोट की और अब फिर से इन पर विश्वास करने की जरूरत नहीं है. भले ही कुछ बोले, जनता इनकी अराजकता और गुंडागर्दी देख चुकी है.

इससे पहले भी योगी आदित्यनाथ के निशाने पर अखिलेश यादव रहे हैं. वहीं, अखिलेश यादव भी हर मौके पर यूपी सरकार को कठघरे में खड़ा करते रहते हैं.

दरअसल, इस जुबानी जंग के मूल में 10 विधानसभा सीटों पर होनेवाले उप चुनाव हैं, जिनके जरिए सीएम योगी यूपी में वापसी करना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने पूरी व्यूह रचना तैयार की है. 10 सीटों के लिए 30 मंत्रियों को प्रभारी बनाया है.

खुद अयोध्या की मिल्कीपुर और अंबेडकर नगर की कटेहरी सीट की जिम्मेदारी ले रखी है. इसके अलावा वो हर सीट का दौरा कर रहे हैं. इस दौरान उनके निशाने पर पूर्व में यूपी की सत्ता मे रही समाजवादी पार्टी होती है, जो राज्य में मुख्य विपक्षी दल भी है.

योगी आदित्यनाथ लगातार अखिलेश यादव और शिवपाल यादव को निशाने पर ले रहे हैं. उन्होंने पिछले दिनों अखिलेश यादव की टोपी को लेकर निशाना साधा था और कहा था कि इनकी टोपी भले ही लाल है, लेकिन कारनामे काले हैं. इन पर भरोसा करने की जरूरत नहीं है. इसके जबाव में अखिलेश यादव ने लंबा ट्वीट किया था, जिसके जरिए योगी को जवाब दिया था.

इससे पहले आगरा के दौरे पर पहुंचे योगी आदित्यनाथ ने बांग्लादेश के बहाने हिंदू एकता को जरूरी बताया था. उन्होंने कहा था कि एक रहेंगे, तो नेक रहेंगे. अगर बंटेंगे, तो कटेंगे.

सीएम के इस बयान का अखिलेश यादव ने विरोध किया था. और कहा था कि ये जनता को डरानेवाली भाषा है. उन्होंने कहा था कि अगर ये किसी का व्यक्तिगत बयान है, तो गलत है. अगर पार्टी का बयान हो, तो और भी गलत है.

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