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Chini Virus: चीन में फैल रही कोरोना जैसी संक्रामक और फेफड़े फुलाने वाली रहस्यमयी बीमारी

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  • बीमारी से हर रोज 7000 बच्चे पहुंच रहे अस्पताल

  • WHO जवाब मांग रहा, लेकिन अब तक चीन शांत

Chini Virus: चीन में रहस्यमयी बीमारी विकराल रूप ले रही है। फैलने लगी। इस बीमारी की वजह से हर रोज 7000 बच्चे अस्पताल पहुंच रहे हैं।

अगस्त 2023, चीन ने कोरोना लॉकडाउन में 3 साल रहने के बाद सारी पाबंदियां हटा लीं। एक महीने बाद यानी अक्टूबर में ही यहां एक रहस्यमयी बीमारी फैलने लगी। तेज बुखार के साथ फेफड़े फुला देने वाली इस बीमारी की वजह से हर रोज 7000 बच्चे अस्पताल पहुंच रहे हैं।

Chini Virus: एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना की तरह ये बीमारी भी संक्रामक है। ये चीन के एक शहर से दूसरे शहर में फैल रही है। WHO जवाब मांग रहा है, लेकिन चीन शांत है।

स्वीडन के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राम शंकर उपाध्याय ने 10 सवालों के जवाब में बताया कि आखिर ये बीमारी है क्या और भारत में इससे कितना खतरा है?

चीन कोरोना की तरह ही इस बीमारी को लेकर भी डेटा रिलीज नहीं कर रहा है। WHO कई बार चीन सरकार से इस बीमारी के बारे में पूछ चुका है। चीनी ऑफिशियल अथॉरिटी इस बीमारी को मिस्टीरियस निमोनिया बता रही है।

कुछ लोग इसे वॉकिंग निमोनिया भी कह रहे हैं। एक तरह से चीन में फैल रही बीमारी को निमोनिया बताया जा रहा है। ये बीमारी बैक्टीरियल इन्फेक्शन के जरिए फैलती है। इस बैक्टीरिया को माइको प्लाज्मा निमोनिया बैक्टीरिया कहते हैं।

सर्दी के समय में 5 साल तक की उम्र के बच्चों में आमतौर पर माइको प्लाज्मा निमोनिया बैक्टीरिया का इन्फेक्शन होता है। सर्दी के समय ही निमोनिया फैलने की दो वजह हैं।

ठंड के समय में वातावरण और शरीर का तापमान कम हो जाता है। 8 डिग्री से 15 डिग्री तक का तापमान इस बैक्टीरिया के लिए अनुकूल होता है।

सर्दी में पॉल्यूशन काफी ज्यादा होता है। इसकी वजह से ये बैक्टीरिया आसानी से सर्दी में लोगों को अपनी चपेट में लेता है।

Chini Virus: चीन की हेल्थ अथॉरिटी का कहना है कि ये सामान्य निमोनिया बीमारी ही है। नई बीमारी या दूसरे बैक्टीरिया या वायरस का संक्रमण नहीं है। हालांकि, 15 नवंबर 2023 को प्रो-मेड नाम के एक सर्विलांस प्लेटफॉर्म ने चीन में निमोनिया को लेकर दुनियाभर में अलर्ट जारी किया है।

इसी संस्था ने 2019 में भी कोरोना को लेकर भी अलर्ट जारी किया था। इस संस्था का कहना है कि एक दिन में 13 हजार बच्चे बीजिंग के अस्पतालों में भर्ती हुए हैं। 7 हजार से ज्यादा बच्चे हर रोज अस्पताल में आ रहे हैं। ये सब कुछ 2019 के कोरोना जैसे हालात की याद दिला रहा है। ये सब कुछ देखकर ऐसा नहीं लगता है कि ये सिर्फ सामान्य निमोनिया है।

जब किसी को निमोनिया होता है तो उसमें कफ भी डेवलप होता है, लेकिन हैरानी की बात ये है कि चीन के रहस्यमयी निमोनिया में बच्चों में कफ नहीं बन रहा है। उनके चेस्ट के एक्स रे में उनके लंग्स पर नोड्यूल यानी एक तरह के गोल चकत्ते दिखाई दे रहे हैं। इन्हें पल्मोनरी नोड्यूल कहते हैं। जिस तरह के नोड्यूल बन रहे हैं वो ज्यादातर बैक्टीरियल इन्फेक्शन में बनते हैं, वायरल इन्फेक्शन में ऐसा नहीं होता है।

Chini Virus: बीमारी से पीड़ित बच्चों को देखकर लग रहा है कि उनमें सिर्फ माइको प्लाज्मा निमोनिया का ही केस नहीं, बल्कि कोई वायरल इन्फेक्शन भी है। एक साथ उनमें बैक्टीरिया और वायरस दोनों का इन्फेक्शन है। इसे को- इन्फेक्शन या क्रॉस इन्फेक्शन कहते हैं।

अगर ऐसा है तो काफी गंभीर है क्योंकि ऐसे कई केस में तो दवाइयां तक काम नहीं करती हैं। बच्चों में सिर्फ माइको प्लाज्मा निमोनिया होता तो उसके लिए दवाइयां हैं। चीन में बच्चों पर दवाइयां काम करतीं तो स्थिति कंट्रोल में होती। चीन ने भी इस बात को स्वीकार किया है। चीन ने रविवार को बताया है कि ये कई पैथोजन यानी रोगाणुओं से फैलने वाली बीमारी है।

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