Child Lifter Gang Bihar: बिहार की राजधानी पटना एवं आसपास के इलाकों में बच्चा चोर गिरोह के 10 सदस्यों को पटना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस गिरोह में डॉक्टर और नर्स भी शामिल हैं। ये गिरोह पहले नवजात चोरी करता था। इसके बाद इसे डेढ़ से दो लाख रुपये में बेच दिया करता था।
पटना पुलिस ने छापेमारी कर चार महिला समेत 10 लोगों गिरफ्तार किया है। पुलिस ने दो नवजात बच्चे को भी बरामद किया है, जिसे चोरी कर बेचने की नीयत से यह लोग ले जा रहे थे। हालांकि, अस्पताल प्रबंधक भागने में सफल हो रहा। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। मामला के सत्यापन होने के बाद अस्पताल की लाइसेंस रद्द करने की भी प्रक्रिया शुरू हो गई है।
पटना पुलिस ने इनसे पूछताछ की तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। गिरोह पहले नवजात चोरी करता था। इसके बाद इसे डेढ़ से दो लाख रुपये में बेच दिया करता था। पटना पुलिस ने छापेमारी कर चार महिला समेत 10 लोगों गिरफ्तार किया है।
पटना के सिटी एसपी पश्चिम अभिनव धीमान ने बताया कि शुक्रवार को पुलिस को सूचना मिली कि बचपन बचाओ अभियान के तहत मणिपाल हॉस्पिटल पहाड़ी पर एवं देवम हॉस्पिटल बायपास रोड के नजदीक आरके पैलेस बख्तियारपुर से कुछ लोग नवजात बच्चे को चोरी करके भाग रहे हैं।
सूचना मिलते ही पुलिस ने इस मामले में अपनी सक्रियता दिखाते हुए बच्चा चोर गिरोह के सदस्यों को पटना के खगौल स्थित रेलवे क्रॉसिंग के नजदीक से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को उनके पास से दो नवजात बच्चे को मिले हैं। इनकी उम्र लगभग 3 से 4 दिन के आसपास की बताई जा रही है।
पुलिस के अनुसार, गिरोह के सदस्य प्रति बच्चा को डेढ़ लाख से 2 लाख के बीच बेच दिया करते थे। गिरफ्तार लोगों में परमानंद यादव, अमित कुमार, आकाश कुमार, सतीश कुमार, सोनू कुमार और राहुल कुमार बताया जा रहा है। इसके साथ ही चार महिला में संजू देवी, उषा देवी, अर्चना कुमारी एवं संगीता कुमारी शामिल है।
पुलिस का यह मानना है कि उषा देवी फुलवारी शरीफ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नर्स के रूप में कार्यरत हैं। वहीं परमानंद कुमार यादव खुद को डॉक्टर परमानंद बताता है, जबकि इसके पास एमबीबीएस का डॉक्टर का डिग्री नहीं है। यह मणिपाल अस्पताल का संचालक बताया जा रहा है।
वहीं इस मामले को लेकर फुलवारी शरीफ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉक्टर आरके चौधरी ने बताया कि उषा देवी फुलवारी शरीफ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के रूप में कार्यरत है। उन्होंने बताया कि मामला प्रकाश में आते ही उन्होंने पटना के सिविल सर्जन को इसकी सूचना दी गई है। सिविल सर्जन के निर्देश के बाद उषा देवी को सस्पेंड करने की कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस का यह मानना है कि इस घटना में देवम अस्पताल के संचालक नवीन कुमार पुलिस से बचकर भागने में सफल हो गए। फिलहाल दोनों नवजात बच्चे को चाइल्ड वेलफेयर सेंटर में रखे गए हैं। पुलिस बच्चों के परिजनों से संपर्क साधने का प्रयास कर रही है। पुलिस इस मामले में अस्पताल का नाम उजागर होने के बाद उसे अस्पताल की गतिविधि पर भी गहराई से छानबीन कर रही है।
पुलिस का कहना है कि अगर छानबीन में अस्पताल की संकल्पिता सत्य पाई जाती है, तो उनके लाइसेंस को रद्द करने के लिए सरकार के पास लिखा जाएगा।