रायपुर. ईडी ने खनिज जिला न्यास मद यानी DMF घोटाले में चार्जशीट दाखिल कर दी है. इसमें निलंबित आईएएस रानू साहू, महिला बाल विकास विभाग की अधिकारी रहीं माया वारियर और एनजीओ संचालक मनोज कुमार द्विवेदी समेत 16 लोगों के नाम हैं. ये घोटाला भूपेश बघेल सरकार के दौरान सामने आया था, इसमें 90 करोड़ से अधिक के घोटाले की बात सामने आई है. ईडी ने इसको लेकर आठ हजार से ज्यादा पेजों की चार्जशीट कोर्ट में पेश की है.
वहीं, चार दिनों की रिमांड पूरी होने पर ईडी ने मनोज कुमार को कोर्ट में पेश किया. इसके बाद दोनों पक्षों के वकीलों में बहस हुई, जिसके बाद मनोज कुमार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. ईडी की जांच के दौरान ये बात सामने आई है कि 2021-2022 के दौरान मनोज कुमार द्विवेदी ने आईएएस रानू साहू और अन्य अधिकारियों के साथ मिलीभगत की और अपने एनजीओ उद्गम सेवा समिति के नाम पर कई ठेके हासिल किये थे, जिसमें अधिकारियों को टेंडर राशि का 40 फीसदी कमीशन दिया गया था.
मनोज कुमार द्विवेदी ने DMF में हेराफेरी करके 17 करोड़ 79 लाख रुपए कमाए थे, जिसमें 6 करोड़ 57 लाख अपने पास रख लिए, बाकी सब अधिकारियों को कमीशन के रूप में ट्रांसफर कर दिये थे. इस घोटाले में जिला स्तर के अधिकारियों ने भी मनोज कुमार द्विवेदी का साथ दिया था.
चार्जशीट में जिन लोगों ने नाम सामने आए हैं, उनमें निलंबित आईएएस रानू साहू, अधिकारी माया वारियर, मनोज कुमार द्विवेदी, भुवनेश्वर सिंह राज, भरोसा राम ठाकुर, बीरेंद्र कुमार राठौर, राधेश्याम मिर्धा, श्रीकांत दुबे, संजय शिंदे, हरिषभ सोनी, राकेश कुमार शुक्ला, अशोक अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, विनय कुमार अग्रवाल, ललित राठी और तोरण लाल चंद्राकर के नाम शामिल हैं.