Chhattisgarh News: बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2024 का शंखनाद कर दिया है। पार्टी ने लोकसभा उम्मीदवारों की पहली सूची में छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा क्षेत्रों के प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है।
बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2024 का शंखनाद कर दिया है। पार्टी ने लोकसभा उम्मीदवारों की पहली सूची में छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा क्षेत्रों के प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। बीजेपी हाईकमान ने इस बार 11 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने का टारगेट दिया है। ऐसे में सभी 11 सीटों को लेकर जातिगत, सामाजिक, भौगोलिक और प्रादेशिक समीकरण को ध्यान में रखकर उम्मीदवारों के नाम का एलान किया गया है।
भाजपा ने अपने 9 वर्तमान सांसदों में से 7 के टिकट काटे हैं। यानी करीब 70 फीसदी टिकट काटा गया है। विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में पीएम मोदी के चेहरे यानी मोदी की गारंटी पर चुनाव लड़ा था और लोकसभा चुनाव भी उन्हीं के चेहरे पर लड़ा जा रहा है। ऐसे में इसी रणनीति के तहत 8 नए चेहरों को पहली बार मौका दिया गया है।
पार्टी को भरोसा है कि सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव जीतकर संसद भवन पहुंचेंगे। पिछले विधानसभा चुनाव में जहां पार्टी ने 15 सीटें जीती थी। वहीं इस बार के चुनाव में 54 सीटें जीतकर कांग्रेस को 35 सीटों पर ही रोक दिया। यह पीएम मोदी के चेहरे का ही जादू था।
सबसे खास और बड़ी बात ये है कि पार्टी ने छत्तीसढ़ बीजेपी के कद्दावर नेता और 8 बार के रायपुर दक्षिण से विधायक बृजमोहन अग्रवाल को रायपुर से सांसदी का टिकट दिया गया है। यानी बीजेपी के ‘संकटमोचन’ को राज्य से केंद्र में बुलाने की तैयारी है। रायपुर से सांसद सुनील सोनी की जगह बृजमोहन अग्रवाल को उम्मीदवार बनाया गया है।
बृजमोहन लगातार 8 बार से विधायकी चुनाव जीतते आ रहे हैं और सीनियर मंत्री भी रहे हैं। उन्हें छत्तीसगढ़ बीजेपी की राजनीति में संकटमोचन कहा जाता है। ऐसे में इस सूची में उनका नाम आना चौंकाने वाली बात है।
बीजेपी ने दुर्ग सांसद विजय बघेल को दोबारा टिकट दिया है। बघेल विधानसभा चुनाव में घोषणा पत्र समिति के संयोजक थे। उनके नेतृत्व में विधानसभा चुनाव का घोषणा पत्र तैयार किया गया था। इस मेनिफेस्टो में कई महत्वपूर्ण वादों को शामिल किया गया, जिससे पार्टी को चुनाव में लाभ भी मिला। बघेल हर वर्ग के लोगों से मुलाकर कर मेनिफेस्टो तैयार किया था।
वहीं पूर्व सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ पूरी दमदारी के साथ चुनाव लड़े थे। ऐसे में पार्टी ने उन पर दोबारा विश्वास जताया है। वहीं बस्तर संभाग में राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय की अहम भूमिका रही क्योंकि वो इस संभाग के प्रभारी थे। उनके आक्रामक नेतृत्व में पार्टी ने 12 में से 8 सीटें जीतीं। आदिवासी और धर्मांतरण का मुद्दा चुनाव में हावी रहा। यही कारण है कि पूर्व सीएम रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह, पूर्व सांसद मधुसूदन यादव का नाम आने के बाद भी पार्टी ने उन्हें दोबारा टिकट दिया है।
बीजेपी के 9 सांसदों की बात करें तो 7 सांसदों का टिकट काट दिया गया है। केवल दो पुराने चेहरे सांसद विजय बघेल और संतोष पांडेय को दोबारा मौका दिया गया है। वहीं चार सांसदों में रायपुर सांसद सुनील सोनी का टिकट काटकर बृजमोहन अग्रवाल को, कांकेर सांसद मोहन मंडावी का टिकट काटकर भोजराज नाग को प्रत्याशी बनाय गया है।
भोजराज नाग अंतागढ़ से विधायक थे, लेकिन उनका टिकट काट दिया गया, इसलिए इस बार उन्हें सांसदी का टिकट देकर संतुष्ट करने का प्रयास किया गया है।
वहीं महासमुंद सांसद चुन्नीलाल साहू का टिकट काटकर रूपकुमारी चौधरी को और जांजगीर चांपा सांसद गुहाराम अजगले का नाम काटकर महिला प्रत्याशी कमलेश जांगड़े पर विश्वास जताया है।
वहीं सरगुजा सांसद रेणुका सिंह, बिलासपुर के सांसद अरुण साव को विधानसभा चुनाव लड़ाया गया था, जो चुनाव जीतकर विधायक बन चुके हैं। साव डिप्टी सीएम पद पर काबिज हैं।
विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान बीजेपी की ओर से सरगुजा से सांसद का टिकट मिलने के आश्वासन पर ही महाराज ने भाजपा का दामन थामा था और आज बीजेपी ने अपने इसी वादे को पूरा कर उन्हें सांसदी का टिकट दिया है।
विधानसभा चुनाव के समय बीजेपी प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने अंबिकापुर के राजमोहिनी भवन में आयोजित भाजपा के परिवर्तन महासंकल्प रैली में उन्हें माला पहनाकर भाजपा में घर वापसी कराया था।
उस समय बीजेपी के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल हेलीकाप्टर से कुसमी और श्रीकोट पहुंचे थे। अग्रवाल के सामने चिंतामणि महाराज ने भाजपा में शामिल होने के लिए अंबिकापुर से सांसद प्रत्याशी बनाए जाने की शर्त रखी थी। उन्होंने खुद खुलासा किया था कि बीजेपी उन्हें सांसद का टिकट देने तैयार हैं और हुआ भी ऐसी ही। कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर महाराज बागी हो गए थे और भाजपा में प्रवेश कर लिए।
कांग्रेस ने सामरी से उनका टिकट काटकर विजय पैकरा को प्रत्याशी बनाया था। इस वजह से वो नाराज चल रहे थे। विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस के पूर्व सामरी विधायक चिंतामणि महाराज ने सरगुजा संभाग में कांग्रेस की 6 से 7 सीटों को प्रभावित किया था।
राज्यसभा सांसद के बाद पार्टी ने सरोज पांडेय को कोरबा से टिकट दिया है। हाल ही में उनका राज्यसभा सांसद का कार्यकाल खत्म हुआ है। उनकी जगह रायगढ़ घराने से राजा देवेंद्र कुमार को निर्विरोध चुनकर भेजा गया है। ऐसे में पार्टी सरोज पांडेय का केंद्रीय राजनीति में कद कम नहीं करना चाहती है। इसलिए उन्हें कोरबा से टिकट दिया गया है। अगर वरिष्ठ कांग्रेस नेता चरणदास मंहत की पत्नी और कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत को कांग्रेस दोबारा टिकट देती है तो कोरबा में महिला बनाम महिला प्रत्याशी की लड़ाई देखने को मिलेगी। वहीं कोरबा बनाम बाहरी प्रत्याशी का मुद्दा भी गरमाया रहेगा। क्योंकि कोरबा में बाहरी प्रत्याशी का मुद्दा गरमाया हुआ है।
लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने 11 सीटों में से 9 सीटों पर जीत दर्ज की थी। कोरबा और बस्तर सीट पर बीजेपी फतह हासिल नहीं कर सकी थी। बीजेपी ने पीएम मोदी के चेहरे पर कुल 9 सीटों पर जीत दर्ज की थी। कोरबा से कांग्रेस के दिग्गज नेता चरणदास मंहत की पत्नी ज्योत्सना महंत और बस्तर से मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने बाजी मारी थी।
किसे कहां से मिला टिकट
रायपुर- बृजमोहन अग्रवाल, मौजूदा रायपुर दक्षिण विधायक
दुर्ग – विजय बघेल, मौजूदा सांसद
राजनांदगांव- संतोष पांडेय, मौजूदा सांसद
कोरबा- सरोज पांडेय
सरगुजा – चिंतामणि महाराज
रायगढ़- राधेश्याम राठिया
बिलासपुर- तोखन साहू
महासमुंद- रूप कुमारी चौधरी
बस्तर- महेश कश्यप
कांकेर- भोजराज नाग
जांजगीर-चांपा- कमलेश जांगड़े