बालोद. जिले के 90 से अधिक गांवों में महिलाओं के नाम पर लोन लेकर ठगी का मामला सामने आया है. ठगी की राशि लगभग 70 करोड़ बतायी जा रही है. ठगों ने बैंकों में खाता खुलवाने के नाम पर महिलाओं को बरगलाया और उनके नाम पर माइक्रो फाइनेंस कंपनियों से लोन लिया. लोन की राशि शेयर बजार और बिटक्वाइन में लगायी. शेयर बजार में घाटा होने के बाद जब लोन की किस्त नहीं चुका पाए, तो पूरे मामले को खुलासा हुआ. अब महिलाओं ने इसको लेकर शिकायत की है, जिस पर पुलिस की ओर से जांच की जा रही है. मामले में मुख्य आरोपी एनजीओ संचालक खोलबहरा कैवर्त्य और सरिता व चंद्रहास करियाम को पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है.
जानकारी के मुताबिक जिले गुरुर थाने के ग्राम नारागांव और किनारगोंदी की 86 से अधिक महिलाओं ने शिकायत दर्ज कराई, जिस पर पुलिस ने महिलाओं को बयान दर्पुज किया और इसके बाद कार्रवाई शुरू की. जिन महिलाओं ने शिकायत की, उनमें नारागांव और किनारगोंदी की रहनेवाली हैं. इनके नाम पर करोड़ों का कर्केज लिया गया है.
पुलिस जांच के दौरान पता चला है कि खोलबहरा महिला समूह के नाम पर लोन निकालने के बाद मोटी रकम को शेयर मार्केट में निवेश की गयी. साथ ही वह बिटकाइन में भी पैसा लगाया गया. शेयर मार्केट में नुकसान हुआ, जबकि बिटकाइन से लगभग 12 लाख रुपये का फायदा हुआ. शेयर बाजार में नुकसान होने के चलते संबंधित बैंकों का किश्त नहीं चुका पाया और फरार हो गया.
ठगी का मास्टर माइंड खोलबहरा कैवर्त्य पिता मंगलू राम कैवर्त्य अपनी पत्नी निर्मला कैवर्त्य के साथ बालोद बाईपास मार्ग पर स्थित ग्राम परेगुड़ा में प्रकाश साहू के मकान पर करीबन दो-तीन वर्षों से किराए पर रह रहा था. वह मूल रूप से जांजगीर चांपा जिले में कटनई के हाऊस नंबर 134 सिधादेव पहरिया पाट मंदिर का रहनेवाला है.
दीपावली के आसपास घर खाली कर पूरे सामान को साथ लेकर फरार हो गया. ग्रामीणों ने बताया कि हमारे यहां के कुछ महिलाएं भी आधार कार्ड के माध्यम से खाता खुलवाने व लोन संबंधी इसके झांसे में आई हैं. इसके साथ में एक स्थानीय महिला सरिता करियाम भी काम कर रही थी.
जांच के दौरान ये बात भी सामने आई है कि आरोपी ने जिन महिलाओं के नाम पर लोन लिया था, उनसे उसने कहा था कि हम किस्त जमा करते रहेंगे, लेकिन जब किस्त जमा नहीं की, तब महिलाओं को लगा कि वो ठगी का शिकार हुई हैं. अब पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर पूरे मामले का पर्दाफाश कर रही है.