रायपुर. नक्सलियों ने इस साल अब तक 60 लोगों की हत्या की है. छत्तीसगढ़ पुलिस की ओर से ये आकड़े जारी किए गए हैं और बताया गया है कि ये हत्याएं सात जिलों में हुई हैं. हाल में जिस तरह से नक्सलियों ने एक महिला की मुखबिर होने के आरोप में हत्या की है. उसको लेकर सवाल उठने लगे हैं. बीजापुर जिले में नक्सलियों ने दो दिनों में 2 महिलाओं की हत्या कर दी. माओवादियों को शक था कि ये महिलाएं पुलिस के लिए मुखबिरी कर रही थीं.
जानकारी के मुताबिक, 40 साल की यालम सुकरा मादेड़ इलाके की लोदेड गांव की रहने वाली थी. यह गांव टीमापुर गांव से 45 किमी दूर है. इसी टीमापुर गांव में नक्सलियों ने तीन बच्चों की 45 साल की मां की हत्या कर दी थी. दिल दहला देने वाली बात यह है कि इन दोनों महिलाओं को परिवार के सामने गला घोंटकर मार दिया गया.
बताया जाता है कि नक्सलियों ने सुकरा को उसके पति रमैया यालम के साथ किडनैप किया गया. किडनैपिंग के बाद माओवादियों दोनों को प्रताड़ित भी किया. इसके बाद नक्सलियों ने पति के सामने ही महिला का गला घोंट दिया. नक्सलियों को शक था कि सुकरा ने छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की पुलिस को उनकी मुखबिरी की है.
सुकरा और रमैया को माओवादियों ने 7 दिसंबर को लोदेड़ से अगवा किया था. सुकरा की हत्या के बाद उसके शव के पास नक्सलियों का नोट भी मिला. इस पर लिखा था कि सुकरा साल 2017 से पुलिस की मुखबिरी कर रही थी. उसने साल 2017 से 2024 तक कई नक्सलियों की मुखबिरी की. सुकरा को चार बार पुलिस के साथ काम न करने की चेतावनी भी दी गई थी. उसके बावजूद वह पुलिस के साथ संपर्क में रही. उसकी मुखबिरी के बाद हाल ही में 7 नक्सली मारे गए. इसलिए जन अदालत ने उसे मौत की सजा दी.