रायपुर. छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण की वोटिंग के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव ने वोटिंग की. वोटिंग के बाद दोनों नेताओं से पूछा गया कि अगर सरकार बनती है, तो मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर दोनों नेताओं ने कहा कि प्रदेश में पार्टी का नेता कौन होगा. इसका फैसला पार्टी का आलाकमान करेगा. इससे ये साफ है कि कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है. कांग्रेस में भी भाजपा जैसी ही स्थिति है, जिसने मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किये बिना पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा है.
छत्तीसगढ़ में वोटिंग का काम लगभग पूरा हो गया है, लेकिन एक बात साफ हो गयी है कि प्रदेश में अगला मुख्यमंत्री चाहे भाजपा से बने या फिर कांग्रेस से. दोनों का ही चुनाव दिल्ली से होना है. भले ही राज्य में विधायकों की संख्या के आधार पर सरकार बनेगी, लेकिन मुखिया का चुनाव दिल्ली में ही होगा. कांग्रेस जो राज्य की सत्ता में वापसी की बात कह रही है. उसमें नेतृत्व को लेकर दावेदारी शुरू हो गयी है. सरगुजा संभाग से आनेवाले डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव ने कहा कि फैसला पार्टी का आलाकमान लेगा. हमने कभी भी इसकी चिंता नहीं की. उन्होंने चर्चा का जिक्र किया और कहा कि राज्य के साथ दिल्ली के नेताओं की चर्चा के बाद मालूम हुआ कि विचार हो रहा है.
इधर, राज्य के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के अभी तक नेता भूपेश बघेल से जब सीएम का सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि इसका फैसला पार्टी आलाकमान लेगा. सीएम ने चुनाव के बाद के नेता को लेकर सधा हुआ जवाब दिया, लेकिन इससे साफ है कि कांग्रेस में पार्टी का अगला कौन नेता होगा, इसकी स्थिति अभी साफ नहीं है. इससे पहले चुनाव प्रचार के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर ये कहते हुये हमला किया था कि यहां सत्ता में ढाई-ढाई साल का फार्मूला बना था, लेकिन भूपेश बघेल ने आलाकमान को खुश करके अपना टर्म बढ़वा लिया.
वहीं, भाजपा की बात करें, तो राज्य के 15 साल तक सीएम रहे रमन सिंह चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन उनको चेहरे के तौर पर पार्टी की ओर से आगे नहीं किया गया है. पार्टी ने पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा है. पार्टी की ओर से मोदी की गारंटी नाम से घोषणा पत्र भी जारी किया गया है. इससे साफ है कि अगर राज्य की सत्ता में भाजपा वापसी करती है, तो पार्टी किसी नये व्यक्ति को नेता चुन सकती है.