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Chhattisgarh: मुफ्त की रेवड़ी से बनेगी छत्तीसगढ़ में सरकार

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  • कांग्रेस की ओर से किया गया कर्जमाफी का वादा

  • भाजपा धान खरीद को लेकर कर सकती है बड़ा ऐलान

  • पीएससी घोटाले की जांच का वादा कर चुकी है भाजपा

Chhattisgarh: मुफ्त की रेवड़ी को लेकर देश में काफी चर्चा हुई, लेकिन जिन पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं. अगर देखें, तो यहां सरकार उसी दल की बनेगी, जिसकी रेवड़ी वोटरों को सबसे ज्यादा लुभायेगी.

भले ही ये बात कड़वी लगे, लेकिन सच्चाई यही है. भाजपा और कांग्रेस दोनों की ओर से राज्यों में लोकलुभावन वादे किये जा रहे हैं. अगर बात छत्तीसगढ़ की करें, तो दोनों दलों की ओर से पुख्ता तैयारी की जा रही है, जिसमें धान खरीद का मामला सबसे अहम होगा. इसके अलावा अन्य घोषणाएं भी वोटरों का मूड बनाएंगी.

छत्तीसगढ़ में पिछले पांच सालों से कांग्रेस की सरकार है. इससे पहले भाजपा ने राज्य में 15 साल तक राज किया है. कांग्रेस किसी भी तरह से सत्ता में वापसी चाहती है. पार्टी की कमान राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की हाथों में है, जो अब तक चार बडे वादे कर चुके हैं, जिनमें सबसे प्रमुख कर्जमाफी का है.

वहीं, भाजपा ने 75 हजार में मकान देने का वादा राज्य के लोगों से किया है, तो कांग्रेस ने 17.50 लाख लोगों को मकान देने का दांव खेला है. साथ ही भाजपा ने हाल के दिनों में जिस तरह से पीएससी में घोटाले की चर्चा हो रही थी, उसकी जांच का ऐलान किया है.

अगर बात कांग्रेस की करें, तो कांग्रेस ने कर्जमाफी के साथ जातिगत गणना कराने का ऐलान किया है. इसके साथ ही प्रति एकड़ बीस क्विंटल धान की खरीदी की बात पार्टी की ओर से की गयी है. साथ ही आवास का वादा कांग्रेस की ओर से किया ही गया है. अब पार्टी के घोषणा पत्र का इंतजार हो रहा है, क्योंकि पार्टी की ओर से सभी 90 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिये गये हैं.

अगर बात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की करें, तो उनका कहना है कि विपक्षी भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है. उसके तमाम केंद्रीय नेता राज्य का दौरा कर रहे हैं, लेकिन अब तक किसी की ओर से कोई घोषणा नहीं की गयी है, जबकि जब हम विपक्ष में थे, तो हम लोगों ने राज्य के हित में कई घोषणाएं की थीं.

कांग्रेस की ओर से मध्य प्रदेश की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में गैस सिलेंडर पांच सौ रुपये में देने की घोषणा हो सकती है. इसे घोषणा पत्र में जगह मिल सकती है. साथ ही महिलाओं को आर्थिक सहायता के रूप में पार्टी एक से डेढ़ हजार रुपये हर महीने देने का ऐलान कर सकती है.

गोबर की खरीद दो रुपये से बढ़ाकर पांच रुपये करने का वादा भी पार्टी की ओर से किया जा सकता है. हालांकि गोबर खरीद को लेकर भाजपा हर मंच पर कांग्रेस को घेरती रही है. शहरी इलाके के गरीबों को कांग्रेस की ओर से आवासीय जमीन का पट्टा देने का वादा भी हो सकता है. प्रतियोगी परीक्षाओं में सभी वर्ग के गरीब छात्रों के लिए फ्री कोचिंग की घोषणा भी पार्टी की ओर से की जा सकती है.

कांग्रेस के घोषणा पत्र कमेटी की अब तक तीन बैठकें हो चुकी हैं. माना जा रहा है कि पार्टी की ओर से 25 अक्तूबर के बाद घोषणा पत्र जारी किया जा सकता है. इससे पहले घोषणा पत्र कमेटी की एक और बैठक हो सकती है. कांग्रेस ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से लोगों के सुझाव आमंत्रित किये थे, जिसमें 4500 से ज्यादा सुझाव पार्टी को मिले हैं, जिनका अध्ययन कमेटी की ओर से किया जा रहा है.

भाजपा की बात करें, तो पार्टी की ओर से घोषणा पत्र की जिम्मेदारी सांसद विजय वघेल को सौपी गयी है. पार्टी की ओर से राज्य के विभिन्न इलाकों में सुझाव पेटी भेजी गयी है, जिसके माध्यम से लोगों से सुझाव मांगे गये हैं. पार्टी की ओर से पत्रकारों से घोषणा पत्र के लिए सुझावों की मांग की गयी थी. पार्टी को अब तक दो लाख से ज्यादा सुझाव मिल चुके हैं. पार्टी की घोषणा पत्र समिति की बैठक हुई, जिसकी मॉनिटरिंग पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की.

भाजपा नेताओं का कहना है कि राज्य की भूपेश बघेल सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना का स्वरूप बदल दिया और शहरी गरीबों को लूटने की तरकीब निकाली है. अब गरीबों से 4.75 लाख रुपये वसूल रहे हैं, जबकि इसमें 1.50 लाख केंद्र, 2.50 लाख राज्य सरकार और मकान पाने वालों से पचहत्तर हजार लेने की सहमति बनी थी. पार्टी नेताओं का कहना है कि हमारी सरकार बनेगी, तो हम 75 हजार में लोगों को मकान देंगे.

भाजपा की ओर से इसके अलावा धान खरीदी की घोषणा के साथ मध्य प्रदेश की तर्ज में राज्य में लाडली योजना लागू करने का वादा किया जा सकता है. राज्य में रुकी हुई भर्तियों को फिर से चालू करने का वादा भी भाजपा कर सकती है. स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए ब्याज मुक्त ऋण की घोषणा भाजपा की ओर से की जा सकती है.

अगर हम पिछले विधानसभा चुनावों को देखें, तो 2018 में कांग्रेस का घोषणा पत्र ही गेमचेंजर साबित हुआ था. राज्य में बड़े बहुमत के साथ पार्टी की सरकार बनी थी. इस बार इसी वजह से कांग्रेस और भाजपा की ओर से घोषणा पत्र पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

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